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बेंगलुरु : रक्षा मंत्रालय ने जारी किया बयान, विमान के परीक्षण से जुड़ी थी आवाज - वायु सेना के परीक्षण विमान

रक्षा मंत्रालय ने बुधवार दोपहर को अचानक हुई ध्वनि को लेकर ट्वीट करते हुए बताया कि यह एक नियमित आईएएफ परीक्षण उड़ान थी जिसमें सुपरसोनिक प्रोफाइल शामिल थे, जिसने बेंगलुरु हवाई अड्डे से उड़ान भरी थी.

प्रतीकात्मक चित्र
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Published : May 21, 2020, 1:40 PM IST

बेंगलुरु : भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के एक लड़ाकू विमान के परीक्षण उड़ान ने बुधवार दोपहर शहर में उस समय हलचल मचा दी, जब दोपहर को एक बूमिंग साउंड सुनाई दी. आवाज कहां से आई, किसी को पता नहीं चला और भूकंप की अफवाह फैल गई. इसकी सूचना तुरंत रक्षा मंत्रालय को दी गई थी.

रक्षा मंत्रालय ने घटना की सूचना देने के बाद ट्वीट किया, 'यह एक नियमित आईएएफ परीक्षण उड़ान थी, जिसने बेंगलुरु हवाई अड्डे से उड़ान भरी.'

दरअसल, दोपहर करीब 1:30 बजे रहस्यमय सोनिक साउंड ने नागरिकों के साथ-साथ एयरोस्पेस हब में अधिकारियों को भी चकमा दे दिया, जिससे भूकंप की अफवाह फैल गई,

  • whose Test Pilots & Flight Test Engineers routinely test out all aeroplanes. The sonic boom was probably heard while the aircraft was decelerating from supersonic to subsonic speed between 36,000 and 40000 feet altitude.

    — PRO Bengaluru, Ministry of Defence (@Prodef_blr) May 20, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
  • The aircraft was far away from the city limits when this occurred. The sound of a sonic boom can be heard and felt by an observer even when the aircraft is flying as far away as 65 to 80 kilometres away from the person.

    — PRO Bengaluru, Ministry of Defence (@Prodef_blr) May 20, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

लड़ाकू विमान भारतीय वायुसेना के विमान प्रणालियों और परीक्षण प्रतिष्ठान (एएसटीई) का था, जो परीक्षण उड़ानों के लिए शहर के पूर्वी उपनगर में सरकारी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के रक्षा हवाई अड्डे का उपयोग करता है. यहां एएसटीई के परीक्षण पायलट और उड़ान परीक्षण इंजीनियर सभी सैन्य विमानों का परीक्षण करते हैं.

यह आवाज उस समय हुई जब विमान 36,000 से 40,000 फीट की ऊंचाई पर था.

अधिकारी ने एक अन्य ट्वीट में कहा, 'जब घटना हुई तब लड़ाकू शहर की सीमा से बहुत दूर था और विमान के 65-80 किमी दूर उड़ने पर भी ध्वनि में उछाल आ सकता है.'

वहीं, कर्नाटक राज्य प्राकृतिक आपदा प्रबंधन समिति के एक अधिकारी ने कहा कि असामान्य ध्वनि को भूकंपीय मीटरों (सिस्मोमीटर) ने धरती पर कहीं भी कंपन महसूस नहीं किया.

पढ़ें- बेंगलुरु में बूमिंग साउंड की घटना से पहले यूपी में भी हो चुका है ऐसा ही धमाका

अधिकारी ने एक संक्षिप्त प्रेस नोट में कहा, 'यह एक जोरदार अज्ञात शोर.'

एनडीएमए के एक अधिकारी ने बताया कि 'शहर में विस्फोट की आवाज भूकंप की नहीं और घबराने की जरूरत नहीं है और लोगों को इससे घबरीने की जरूरत नहीं है.

इसके अलावा शहर के एक फायर ब्रिगेड अधिकारी ने एक समाचार एजेंसी को बताया कि चट्टानों में हो रहे खदन के कारण बड़े पैमाने पर ध्वनि हो सकती है.

बेंगलुरु : भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के एक लड़ाकू विमान के परीक्षण उड़ान ने बुधवार दोपहर शहर में उस समय हलचल मचा दी, जब दोपहर को एक बूमिंग साउंड सुनाई दी. आवाज कहां से आई, किसी को पता नहीं चला और भूकंप की अफवाह फैल गई. इसकी सूचना तुरंत रक्षा मंत्रालय को दी गई थी.

रक्षा मंत्रालय ने घटना की सूचना देने के बाद ट्वीट किया, 'यह एक नियमित आईएएफ परीक्षण उड़ान थी, जिसने बेंगलुरु हवाई अड्डे से उड़ान भरी.'

दरअसल, दोपहर करीब 1:30 बजे रहस्यमय सोनिक साउंड ने नागरिकों के साथ-साथ एयरोस्पेस हब में अधिकारियों को भी चकमा दे दिया, जिससे भूकंप की अफवाह फैल गई,

  • whose Test Pilots & Flight Test Engineers routinely test out all aeroplanes. The sonic boom was probably heard while the aircraft was decelerating from supersonic to subsonic speed between 36,000 and 40000 feet altitude.

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  • The aircraft was far away from the city limits when this occurred. The sound of a sonic boom can be heard and felt by an observer even when the aircraft is flying as far away as 65 to 80 kilometres away from the person.

    — PRO Bengaluru, Ministry of Defence (@Prodef_blr) May 20, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

लड़ाकू विमान भारतीय वायुसेना के विमान प्रणालियों और परीक्षण प्रतिष्ठान (एएसटीई) का था, जो परीक्षण उड़ानों के लिए शहर के पूर्वी उपनगर में सरकारी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के रक्षा हवाई अड्डे का उपयोग करता है. यहां एएसटीई के परीक्षण पायलट और उड़ान परीक्षण इंजीनियर सभी सैन्य विमानों का परीक्षण करते हैं.

यह आवाज उस समय हुई जब विमान 36,000 से 40,000 फीट की ऊंचाई पर था.

अधिकारी ने एक अन्य ट्वीट में कहा, 'जब घटना हुई तब लड़ाकू शहर की सीमा से बहुत दूर था और विमान के 65-80 किमी दूर उड़ने पर भी ध्वनि में उछाल आ सकता है.'

वहीं, कर्नाटक राज्य प्राकृतिक आपदा प्रबंधन समिति के एक अधिकारी ने कहा कि असामान्य ध्वनि को भूकंपीय मीटरों (सिस्मोमीटर) ने धरती पर कहीं भी कंपन महसूस नहीं किया.

पढ़ें- बेंगलुरु में बूमिंग साउंड की घटना से पहले यूपी में भी हो चुका है ऐसा ही धमाका

अधिकारी ने एक संक्षिप्त प्रेस नोट में कहा, 'यह एक जोरदार अज्ञात शोर.'

एनडीएमए के एक अधिकारी ने बताया कि 'शहर में विस्फोट की आवाज भूकंप की नहीं और घबराने की जरूरत नहीं है और लोगों को इससे घबरीने की जरूरत नहीं है.

इसके अलावा शहर के एक फायर ब्रिगेड अधिकारी ने एक समाचार एजेंसी को बताया कि चट्टानों में हो रहे खदन के कारण बड़े पैमाने पर ध्वनि हो सकती है.

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