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सोशल मीडिया विवाद : पार्टियों के बीच क्यों बना अहम मुद्दा - FB BJP controversy

सोशल मीडिया को प्रभावित करने को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप जारी है. कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर फेसबुक को नियंत्रित करने का आरोप लगाया है. ऐसे में सरकार और भाजपा दोनों ही सफाई देने में जुट गई हैं. मगर यहां यह जानना भी जरूरी होगा कि सोशल मीडिया के लिए लड़ाई आखिर क्यों शुरू हुई और किस नेता के कितने फॉलोअर्स हैं...

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सोशल मीडिया विवाद
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Published : Aug 18, 2020, 11:09 PM IST

नई दिल्ली : साल 2014 से पहले सभी राजनीतिक पार्टियों के लिए जनता के साथ संवाद का माध्यम मात्र राजनीतिक रैलियां या फिर घर-घर जाकर मतदाताओं से मिलना या जनहित के कार्यक्रमो और शिलान्यास और उद्घाटन कार्यक्रमों के दौरान अपनी उप्लब्धि बताना हुआ करता था. मगर 2014 के लोकसभा चुनाव में जब भाजपा ने नरेंद्र मोदी को कैंपेन कमेटी का अध्यक्ष बनाया, उसके बाद से भाजपा ने सोशल मीडिया का इस्तेमाल राजनीति में करना शुरू किया. भाजपा की आईटी सेल ने एक तरह से प्रचार माध्यमों में क्रांतिकारी परिवर्तन लाकर दूसरी पार्टियों को सोशल मीडिया में पीछे छोड़ दिया और भारी भरकम मतों से जीतकर भाजपा सत्ता में भी आ गई. इसके बाद ही सभी पार्टियों में सोशल मीडिया में ज्यादा से ज्यादा अपनी भागीदारी और प्रचार की होड़ सी लग गई.

भारत में फेसबुक के सबसे ज्यादा 29 करोड़ यूजर्स हैं, अमेरिका में 19 करोड़, इंडोनेशिया में 14 करोड़, ब्राजील में 13 करोड़ और मैक्सिको में 8.9 करोड़ यूजर्स हैं. भारत में फेसबुक के यूजर्स सबसे ज्यादा हैं और इस लिहाज से फेसबुक का बिजनेस सबसे ज्यादा भारतीय यूजर्स के सहारे है.

फेसबुक पर कौन सबसे ज्यादा लोकप्रिय नेता है
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फेसबुक पर फॉलोअर्स के मामले में सबसे आगे हैं, उनके 4.5 करोड़ से अधिक फॉलोअर्स हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 2.8 करोड़ हैं.

भारतीय नेताओं के बीच फॉलोअर्स के फासले देखें तो जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 4.62 करोड़ है और राहुल गांधी के 37.5 लाख फॉलोअर्स हैं. यहां भी नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी के बीच बहुत बड़ा फैसला है जिसे लेकर भाजपा हमेशा से राहुल गांधी की लोकप्रियता पर सवाल उठाती रही है.

ऐसे में अब सवाल यह भी उठता है कि क्या विपक्ष इस गैप की वजह से परेशान है और फेसबुक को निशाना बना रहा है. कांग्रेस फेसबुक पर सवाल उठाकर भाजपा के नेताओं की लोकप्रियता पर प्रश्न चिन्ह लगाने की कोशिश में बहुत हद तक जनता के मन में एक सवाल छोड़ने में काफी हद तक सफल जरूर होती दिख रही और यही वजह है कि सरकार और भाजपा को इसपर चीख चीखकर जवाब देना पड़ रहा है.

नई दिल्ली : साल 2014 से पहले सभी राजनीतिक पार्टियों के लिए जनता के साथ संवाद का माध्यम मात्र राजनीतिक रैलियां या फिर घर-घर जाकर मतदाताओं से मिलना या जनहित के कार्यक्रमो और शिलान्यास और उद्घाटन कार्यक्रमों के दौरान अपनी उप्लब्धि बताना हुआ करता था. मगर 2014 के लोकसभा चुनाव में जब भाजपा ने नरेंद्र मोदी को कैंपेन कमेटी का अध्यक्ष बनाया, उसके बाद से भाजपा ने सोशल मीडिया का इस्तेमाल राजनीति में करना शुरू किया. भाजपा की आईटी सेल ने एक तरह से प्रचार माध्यमों में क्रांतिकारी परिवर्तन लाकर दूसरी पार्टियों को सोशल मीडिया में पीछे छोड़ दिया और भारी भरकम मतों से जीतकर भाजपा सत्ता में भी आ गई. इसके बाद ही सभी पार्टियों में सोशल मीडिया में ज्यादा से ज्यादा अपनी भागीदारी और प्रचार की होड़ सी लग गई.

भारत में फेसबुक के सबसे ज्यादा 29 करोड़ यूजर्स हैं, अमेरिका में 19 करोड़, इंडोनेशिया में 14 करोड़, ब्राजील में 13 करोड़ और मैक्सिको में 8.9 करोड़ यूजर्स हैं. भारत में फेसबुक के यूजर्स सबसे ज्यादा हैं और इस लिहाज से फेसबुक का बिजनेस सबसे ज्यादा भारतीय यूजर्स के सहारे है.

फेसबुक पर कौन सबसे ज्यादा लोकप्रिय नेता है
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फेसबुक पर फॉलोअर्स के मामले में सबसे आगे हैं, उनके 4.5 करोड़ से अधिक फॉलोअर्स हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 2.8 करोड़ हैं.

भारतीय नेताओं के बीच फॉलोअर्स के फासले देखें तो जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 4.62 करोड़ है और राहुल गांधी के 37.5 लाख फॉलोअर्स हैं. यहां भी नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी के बीच बहुत बड़ा फैसला है जिसे लेकर भाजपा हमेशा से राहुल गांधी की लोकप्रियता पर सवाल उठाती रही है.

ऐसे में अब सवाल यह भी उठता है कि क्या विपक्ष इस गैप की वजह से परेशान है और फेसबुक को निशाना बना रहा है. कांग्रेस फेसबुक पर सवाल उठाकर भाजपा के नेताओं की लोकप्रियता पर प्रश्न चिन्ह लगाने की कोशिश में बहुत हद तक जनता के मन में एक सवाल छोड़ने में काफी हद तक सफल जरूर होती दिख रही और यही वजह है कि सरकार और भाजपा को इसपर चीख चीखकर जवाब देना पड़ रहा है.

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