नई दिल्ली : सामाजिक कार्यकर्ताओं के समूह पाथ ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बैजयंत पांडा और उनकी पत्नी मंगता के खिलाफ आरोप लगाते हुए कहा कि जांच एजेंसियां सीबीआई, सीबीडीटी और प्रवर्तन निदेशालय उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही हैं, जो मनी लॉन्ड्रिंग, ब्लैक मनी समेत सरकार को धोखा देने जैसे कार्यों में संलिप्त हैं.
कार्रवाई से बचने को ली बीजेपी की सदस्यता
यहां एक प्रेस कॉन्फेंस को संबोधित करते हुए विग्नेश झा ने कहा कि 24 जनवरी 2019 को दिल्ली हाई कोर्ट के एडवोकेट और कार्यकर्ता अतुल गुलेरिया ने भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बैजयंत पांडा और उनकी पत्नी मंगता के खिलाफ सभी साक्ष्य और सबूतों के साथ सीबीआई, सीबीडीटी, पीएमओ और हाई कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई थी. उन्होंने हमला बोलते हुए कहा कि इन सबसे बचने के लिए वह 4 मार्च को भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए.
जांच एजेंसियों ने नहीं दिखाई तेजी
ईटीवी भारत से बात करते हुए अतुल गुलेरिया ने कहा कि मेरी याचिका पर विचार करने के बाद 7 फरवरी, 2020 को दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्रीय जांच एजेंसियों को बैजयंत पांडा और उनकी पत्नी मंगता की कंपनियों के खिलाफ तेजी से जांच करने के आदेश दिए, लेकिन केंद्रीय एजेंसियों ने इस मामले में कोई तेजी नहीं दिखाई. विग्नेश झा ने कहा कि बैजयंत पांडा और उनकी पत्नी मंगता पांडा एक प्राइवेट न्यूज चैनल के मालिक हैं. आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि इस कंपनी ने ब्लैक लिस्टेड कंपनी में लेनदेन भी किया.
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सरकार से की मांग
उन्होंने आरोप लगाया कि निजी समाचार चैनल ने 25 जनवरी, 2019 को नई दिल्ली में एक संपत्ति भी खरीदी थी. यह संपत्ति एसएसएल कंपनी से संबंधित है. इस टीवी चैनल ने एसएसएल को रु10 करोड़ का भुगतान भी किया था. एसएसएल के प्रमोटरों की हिस्सेदारी 90% से अधिक है, जो सेंट किट्स, बहामा और पनामा द्वीपों के बाहर स्थित दो ऑफ-शेल कंपनियां हैं. सामाजिक कार्यकर्ताओं के समूह पाथ ने आक्रामक रूप से मांग की है कि सरकार को टीवी चैनल को प्रसारण से तुरंत रोकना चाहिए और साथ ही बैजयंत पांडा और उनकी पत्नी की संपत्ति की जांच करनी चाहिए.