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अमेठी में हुआ सबसे बड़ा उलटफेर, स्मृति इरानी से हारे राहुल गांधी

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Published : May 23, 2019, 6:23 PM IST

Updated : May 23, 2019, 6:37 PM IST

लोकसभा चुनाव-2019 के परिणाम आ चुके हैं. भाजपा नीत NDA 340 से ज्यादा सीटें मिलने के आसार हैं. इस चुनाव सबसे बड़ा उलटफेर अमेठी में हुआ है, जहां स्मृति इरानी ने राहुल गांधी को 30 हजार से ज्यादा वोटों से हरा दिया है.

राहुल गांधी की फाइल फोटो

अमेठी/नई दिल्ली : कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाली अमेठी सीट पर सबकी नजरें थी. यहां पर राहुल गांधी और स्मृति इरानी के बीच कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद थी, लेकिन स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को कड़ी शिकस्त दी है. यहां राहुल करीब 30 हजार वोटों से हार गए हैं.

राहुल के ट्वीट के बाद स्मृति इरानी ने कहा कि कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता. 2014 के लोकसभा चुनाव में राहुल ने 107903 वोटों से जीत दर्ज की थी.

smriti defeats rahul
स्मृति इरानी ने ट्वीट कर दी प्रतिक्रिया

राहुल गांधी ने हार के बाद एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि 'मैं लोगों के इस निर्णय का आदर करता हूं और स्मृति इरानी को उनकी जीत पर बधाई देता हूं.'

etvbharatrahulgandhi
राहुल गांधी का बयान

प्रियंका गांधी ने भी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि 'हम इस जनादेश को स्वीकार करते है पीएम मोदी और सभी बीजेपी कार्यकर्ताओं को बधाई देते हैं.'

etvbharatrahulgandhi
प्रियंका गांधी का बयान

अपनी परंपरागत सीट पर राहुल गांधी को मिला ये जनादेश कांग्रेस और गांधी परिवार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. राहुल गांधी ने इस लोकसभा चुनाव में दो जगह से नामांकन दाखिल किया था. एक अमेठी और दूसरा केरल की वायनाड सीट. वायनाड में राहुल ने बड़ी जीत दर्ज की है.

अमेठी लोकसभा सीट का यह रिकॉर्ड रहा है कि आज तक गांधी परिवार का कोई भी नेता अमेठी सीट पर हारा नहीं है. लेकिन इस बार के नतीजे आने से यह गांधी परिवार के लिए सबसे ज्यादा शर्मनाक हार मानी जा रही है.

पढ़ेंः चुनाव में पार्टी को मिली हार के बाद मीडिया के सामने आए राहुल

तो वहीं सोनिया गांधी ने राजनीति में कदम रखा तो उन्होंने 1999 में अमेठी को अपनी कर्मभूमि बनाया. वह इस सीट से जीतकर पहली बार संसद पहुंचीं थी. हालांकि, 2004 के चुनाव में उन्होंने अपने बेटे राहुल गांधी के लिए ये सीट छोड़ दी.

अमेठी/नई दिल्ली : कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाली अमेठी सीट पर सबकी नजरें थी. यहां पर राहुल गांधी और स्मृति इरानी के बीच कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद थी, लेकिन स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को कड़ी शिकस्त दी है. यहां राहुल करीब 30 हजार वोटों से हार गए हैं.

राहुल के ट्वीट के बाद स्मृति इरानी ने कहा कि कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता. 2014 के लोकसभा चुनाव में राहुल ने 107903 वोटों से जीत दर्ज की थी.

smriti defeats rahul
स्मृति इरानी ने ट्वीट कर दी प्रतिक्रिया

राहुल गांधी ने हार के बाद एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि 'मैं लोगों के इस निर्णय का आदर करता हूं और स्मृति इरानी को उनकी जीत पर बधाई देता हूं.'

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राहुल गांधी का बयान

प्रियंका गांधी ने भी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि 'हम इस जनादेश को स्वीकार करते है पीएम मोदी और सभी बीजेपी कार्यकर्ताओं को बधाई देते हैं.'

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प्रियंका गांधी का बयान

अपनी परंपरागत सीट पर राहुल गांधी को मिला ये जनादेश कांग्रेस और गांधी परिवार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. राहुल गांधी ने इस लोकसभा चुनाव में दो जगह से नामांकन दाखिल किया था. एक अमेठी और दूसरा केरल की वायनाड सीट. वायनाड में राहुल ने बड़ी जीत दर्ज की है.

अमेठी लोकसभा सीट का यह रिकॉर्ड रहा है कि आज तक गांधी परिवार का कोई भी नेता अमेठी सीट पर हारा नहीं है. लेकिन इस बार के नतीजे आने से यह गांधी परिवार के लिए सबसे ज्यादा शर्मनाक हार मानी जा रही है.

पढ़ेंः चुनाव में पार्टी को मिली हार के बाद मीडिया के सामने आए राहुल

तो वहीं सोनिया गांधी ने राजनीति में कदम रखा तो उन्होंने 1999 में अमेठी को अपनी कर्मभूमि बनाया. वह इस सीट से जीतकर पहली बार संसद पहुंचीं थी. हालांकि, 2004 के चुनाव में उन्होंने अपने बेटे राहुल गांधी के लिए ये सीट छोड़ दी.

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Last Updated : May 23, 2019, 6:37 PM IST
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