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कोरोना से जंग में कार्यरत कौशल विकास प्रशिक्षित 1500 स्वास्थ्य सहायक : नकवी

केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कोरोना संक्रमण काल के दौरान अपने मंत्रालय की भूमिका पर जानकारी दी. उन्होंने बताया कि 'कौशल विकास कार्यक्रम' के तहत प्रशिक्षित 1500 से ज्यादा स्वास्थ्य सहायक सेवा के लिए तैनात हैं.

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केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी (फाइल फोटो)
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Published : May 9, 2020, 6:11 PM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने शनिवार को कहा कि उनके मंत्रालय के 'कौशल विकास कार्यक्रम' के तहत प्रशिक्षित 1500 से ज्यादा स्वास्थ्य सहायक मौजूदा समय में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में मदद और संक्रमित लोगों की सेवा के लिए तैनात हैं.

उन्होंने यह भी बताया कि इन प्रशिक्षित स्वास्थ्य सहायकों में 50 प्रतिशत लड़कियां हैं जो देश के विभिन्न अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केंद्रों में कोरोना मरीजों की सेवा में मदद कर रही हैं. इस वर्ष 2000 से ज्यादा अन्य स्वास्थ्य सहायकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है.

अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा एक वर्ष की अवधि का यह प्रशिक्षण विभिन स्वास्थ्य संगठनों, संस्थाओं, जाने-माने अस्पतालों द्वारा कराया जा रहा है.

नकवी ने एक बयान में कहा, 'देश के विभिन्न वक्फ बोर्डों द्वारा विभिन्न धार्मिक, सामाजिक, शैक्षणिक संस्थाओं की मदद से 51 करोड़ रूपये का सहयोग प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री कोरोना राहत कोषों में किया गया है। साथ ही जरूरतमदों के लिए बड़ी तादाद में राहत एवं खाद्य सामग्री का वितरण विभिन्न वक्फ बोर्डों द्वारा किया जा रहा है.'

मंत्री के मुताबिक देश भर में 16 हज हाउस को पृथक-वास और लोगों को अलग रखने की सुविधा के लिए विभिन्न राज्य सरकारों को दिया गया है, जिनका राज्य सरकारें आवश्यकता के अनुसार इस्तेमाल कर रही हैं.

नकवी ने बताया कि अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय द्वारा 1 करोड़ 40 लाख रूपये 'पीएम केयर्स' में सहयोग किया गया है एवं एएमयू मेडिकल कॉलेज में 100 बेड की व्यवस्था कोरोना मरीजों के उपचार के लिए की गई है. साथ ही एएमयू ने कोरोना टेस्ट की व्यवस्था भी की है, अब तक 9000 से ज्यादा जांच की जा चुकी हैं.

उन्होंने कहा, 'अजमेर शरीफ दरगाह के तहत आने वाले ख्वाजा मॉडल स्कूल एवं कायड़ विश्राम स्थली को देश के विभिन्न भागों के कोरोना प्रभावित लोगों के पृथक-वास के लिए दिया गया. देशभर से आये सभी धर्मों के 4500 से अधिक जायरीन को लॉकडाउन के दौरान रहने, खाने-पीने और उनके स्वास्थ्य की संपूर्ण सुविधा दी गयी.'

नकवी के अनुसार अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा 'सीखो और कमाओ' कौशल विकास कार्यक्रम के तहत बड़ी संख्या में फेस मास्क का निर्माण भी कराया गया है जिन्हें आम लोगों को दिया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय, कोरोना से सुरक्षा के दिशा-निर्देशों के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए देश के विभिन्न भागों में 'जान भी, जहान भी' नाम से जागरूकता अभियान शुरू करेगा.

देश में 1981 मौतें, जानें राज्यवार आंकड़े

नकवी ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर देश के सभी लोग पूरी मजबूती और एकजुटता के साथ कोरोना की चुनौती को परास्त करने के लिए कार्यरत हैं. अल्पसंख्यक वर्ग के लोग भी समाज के सभी लोगों के साथ इस लड़ाई में बराबर की जिम्मेदारी निभा रहे हैं.'

नई दिल्ली : केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने शनिवार को कहा कि उनके मंत्रालय के 'कौशल विकास कार्यक्रम' के तहत प्रशिक्षित 1500 से ज्यादा स्वास्थ्य सहायक मौजूदा समय में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में मदद और संक्रमित लोगों की सेवा के लिए तैनात हैं.

उन्होंने यह भी बताया कि इन प्रशिक्षित स्वास्थ्य सहायकों में 50 प्रतिशत लड़कियां हैं जो देश के विभिन्न अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केंद्रों में कोरोना मरीजों की सेवा में मदद कर रही हैं. इस वर्ष 2000 से ज्यादा अन्य स्वास्थ्य सहायकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है.

अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा एक वर्ष की अवधि का यह प्रशिक्षण विभिन स्वास्थ्य संगठनों, संस्थाओं, जाने-माने अस्पतालों द्वारा कराया जा रहा है.

नकवी ने एक बयान में कहा, 'देश के विभिन्न वक्फ बोर्डों द्वारा विभिन्न धार्मिक, सामाजिक, शैक्षणिक संस्थाओं की मदद से 51 करोड़ रूपये का सहयोग प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री कोरोना राहत कोषों में किया गया है। साथ ही जरूरतमदों के लिए बड़ी तादाद में राहत एवं खाद्य सामग्री का वितरण विभिन्न वक्फ बोर्डों द्वारा किया जा रहा है.'

मंत्री के मुताबिक देश भर में 16 हज हाउस को पृथक-वास और लोगों को अलग रखने की सुविधा के लिए विभिन्न राज्य सरकारों को दिया गया है, जिनका राज्य सरकारें आवश्यकता के अनुसार इस्तेमाल कर रही हैं.

नकवी ने बताया कि अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय द्वारा 1 करोड़ 40 लाख रूपये 'पीएम केयर्स' में सहयोग किया गया है एवं एएमयू मेडिकल कॉलेज में 100 बेड की व्यवस्था कोरोना मरीजों के उपचार के लिए की गई है. साथ ही एएमयू ने कोरोना टेस्ट की व्यवस्था भी की है, अब तक 9000 से ज्यादा जांच की जा चुकी हैं.

उन्होंने कहा, 'अजमेर शरीफ दरगाह के तहत आने वाले ख्वाजा मॉडल स्कूल एवं कायड़ विश्राम स्थली को देश के विभिन्न भागों के कोरोना प्रभावित लोगों के पृथक-वास के लिए दिया गया. देशभर से आये सभी धर्मों के 4500 से अधिक जायरीन को लॉकडाउन के दौरान रहने, खाने-पीने और उनके स्वास्थ्य की संपूर्ण सुविधा दी गयी.'

नकवी के अनुसार अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा 'सीखो और कमाओ' कौशल विकास कार्यक्रम के तहत बड़ी संख्या में फेस मास्क का निर्माण भी कराया गया है जिन्हें आम लोगों को दिया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय, कोरोना से सुरक्षा के दिशा-निर्देशों के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए देश के विभिन्न भागों में 'जान भी, जहान भी' नाम से जागरूकता अभियान शुरू करेगा.

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नकवी ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर देश के सभी लोग पूरी मजबूती और एकजुटता के साथ कोरोना की चुनौती को परास्त करने के लिए कार्यरत हैं. अल्पसंख्यक वर्ग के लोग भी समाज के सभी लोगों के साथ इस लड़ाई में बराबर की जिम्मेदारी निभा रहे हैं.'

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