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सुप्रीम कोर्ट ने हैदराबाद एनकाउंटर जांच आयोग का कार्यकाल छह माह बढ़ाया - हैदराबाद एनकाउंटर जांच आयोग का कार्यकाल

दिसंबर, 2019 में हैदराबाद में हुए बलात्कारियों के एनकाउंटर पर सवाल खड़े होने के बाद पूर्व न्यायाधीश वीएस सिरपुरकर आयोग इस मामले की जांच कर रही है. सुप्रीम कोर्ट ने आयोग को जांच पूरी करने के लिए छह और महीने का समय दिया है.

सुप्रीम कोर्ट
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Published : Jul 24, 2020, 4:46 PM IST

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने हैदराबाद मुठभेड़ मामले की जांच कर रहे न्यायमूर्ति वीएस सिरपुरकर की अध्यक्षता वाले आयोग का कार्यकाल बढ़ा दिया है. यह जांच आयोग हैदराबाद में एक पशुचिकित्सक के साथ सामूहिक बलात्कार और हत्या के चार आरोपियों की एक मुठभेड़ में मारे जाने की घटना की जांच कर रहा है.

शुक्रवार को प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने आयोग के आवेदन पर सुनवाई करते हुए उसका कार्यकाल बढ़ाने के बारे में आदेश पारित किया. आयोग ने इस आवेदन में अपनी अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए छह महीने का और समय मांगा था. शीर्ष अदालत ने आयोग का कार्यकाल छह महीने के लिए और बढ़ा दिया है.

न्यायालय ने पिछले साल 12 दिसंबर को शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश वी एस सिरपुकर की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय आयोग गठित किया था. आयोग को छह महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट न्यायालय को सौंपनी थी.

जांच आयोग में बम्बई उच्च न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश रेखा सोंदूर बल्दोता और सीबीआई के पूर्व निदेशक डीआर कार्तिकेयन भी शामिल हैं.

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने हैदराबाद मुठभेड़ मामले की जांच कर रहे न्यायमूर्ति वीएस सिरपुरकर की अध्यक्षता वाले आयोग का कार्यकाल बढ़ा दिया है. यह जांच आयोग हैदराबाद में एक पशुचिकित्सक के साथ सामूहिक बलात्कार और हत्या के चार आरोपियों की एक मुठभेड़ में मारे जाने की घटना की जांच कर रहा है.

शुक्रवार को प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने आयोग के आवेदन पर सुनवाई करते हुए उसका कार्यकाल बढ़ाने के बारे में आदेश पारित किया. आयोग ने इस आवेदन में अपनी अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए छह महीने का और समय मांगा था. शीर्ष अदालत ने आयोग का कार्यकाल छह महीने के लिए और बढ़ा दिया है.

न्यायालय ने पिछले साल 12 दिसंबर को शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश वी एस सिरपुकर की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय आयोग गठित किया था. आयोग को छह महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट न्यायालय को सौंपनी थी.

जांच आयोग में बम्बई उच्च न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश रेखा सोंदूर बल्दोता और सीबीआई के पूर्व निदेशक डीआर कार्तिकेयन भी शामिल हैं.

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