ETV Bharat / bharat

IMF की रिपोर्ट के बावजूद भारत सबसे तेजी से विकसित होती अर्थव्यवस्था : सीतारमण - भारत की आर्थिक वृद्धि दर

आईएमएफ और विश्व बैंक की वार्षिक बैठक में भाग लेने गई केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दावा किया है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भले ही भारत की विकास दर का अनुमान घटा दिया है लेकिन देश की अर्थव्यवस्था अब भी सबसे तेजी से विकास कर रही है.

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
author img

By

Published : Oct 18, 2019, 11:41 AM IST

Updated : Oct 18, 2019, 12:27 PM IST

वाशिंगटन : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि भारत विश्व की सर्वाधिक तेजी से विकसित होती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और इसे और तेजी से विकसित करने के प्रयास किए जा रहे हैं.

दरअसल सीतारमण ने बृहस्पतिवार को भारतीय संवाददाताओं के समूह से कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भले ही भारत की विकास दर का अनुमान घटा दिया है लेकिन देश की अर्थव्यवस्था 'अब भी सबसे तेजी से विकास कर रही' है.

बता दें कि वह यहां आईएमएफ और विश्व बैंक की वार्षिक बैठक में भाग लेने आई हैं.

'चीन के साथ तुलना नहीं करेंगी'
सीतारमण ने कहा कि हालांकि आईएमएफ की ताजा रिपोर्ट में भारत और चीन दोनों की विकास दर 6.1 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है, लेकिन वह निश्चित ही चीन के साथ तुलना नहीं करेंगी. उन्होंने कहा, 'आईएमएफ ने (अपने हालिया अनुमान में) विश्व की सभी अर्थव्यवस्थाओं के लिए विकास दर कम कर दी है. इसने भारत के लिए विकास अनुमान कम कर दिया है. इसके बावजूद भारत अब भी सबसे तेजी से विकास करती अर्थव्यवस्था के तौर पर आगे बढ़ रहा है.'

IMF रिपोर्ट
दरअसल, आईएमएफ ने मंगलवार को जारी अपनी नवीनतम विश्व आर्थिक परिदृश्य रपट में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 2019 में 6.1 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है. हालांकि, उसे उम्मीद है कि 2020 में इसमें सुधार होगा और तब देश की आर्थिक वृद्धि दर सात प्रतिशत पर रह सकती है.

उल्लेखनीय है कि यह (2019 की दर) 2018 में भारत की वास्तविक आर्थिक वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत से भी कम है.

इसे भी पढे़ं- निवेश के लिए भारत से अच्छा कोई स्थान नहीं, सरकार सुधार लाने के लिए प्रयासरत: सीतारमण

'सबसे तेजी से विकास'
तारमण ने कहा कि जो कुछ भी कहा जा रहा है, इसके बावजूद 'इस बात को नजरअंदाज नहीं' किया जा सकता है कि भारत वैश्विक परिदृश्य में अब भी 'सबसे तेजी से विकास' कर रहा है. उन्होंने कहा, 'मैं चाहती हूं यह दर और अधिक हो सके. मैं चाहती हूं कि यह और तेजी से विकास कर सके. मैं इसे और तेजी से विकसित करने के लिए हर संभव कोशिश करूंगी, लेकिन यह सचाई है कि भारत अब भी तुलनात्मक रूप से तेजी से विकास कर रहा है.'

छह पर आई अर्थव्यवस्था
सीतारमण ने कहा, 'यह सबसे तेजी से विकास करती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, लेकिन मैं इससे संतुष्ट नहीं होने वाली हूं.' केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा, 'यह आठ नहीं है. यह सात नहीं है. यह छह पर आ गई है. हां, यह सब महत्त्वपूर्ण है. लेकिन मैं उस क्षमता को कम नहीं आंकना चाहती जो भारत इस विपरीत परिस्थिति के बावजूद दिखा रहा है.'

वाशिंगटन : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि भारत विश्व की सर्वाधिक तेजी से विकसित होती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और इसे और तेजी से विकसित करने के प्रयास किए जा रहे हैं.

दरअसल सीतारमण ने बृहस्पतिवार को भारतीय संवाददाताओं के समूह से कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भले ही भारत की विकास दर का अनुमान घटा दिया है लेकिन देश की अर्थव्यवस्था 'अब भी सबसे तेजी से विकास कर रही' है.

बता दें कि वह यहां आईएमएफ और विश्व बैंक की वार्षिक बैठक में भाग लेने आई हैं.

'चीन के साथ तुलना नहीं करेंगी'
सीतारमण ने कहा कि हालांकि आईएमएफ की ताजा रिपोर्ट में भारत और चीन दोनों की विकास दर 6.1 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है, लेकिन वह निश्चित ही चीन के साथ तुलना नहीं करेंगी. उन्होंने कहा, 'आईएमएफ ने (अपने हालिया अनुमान में) विश्व की सभी अर्थव्यवस्थाओं के लिए विकास दर कम कर दी है. इसने भारत के लिए विकास अनुमान कम कर दिया है. इसके बावजूद भारत अब भी सबसे तेजी से विकास करती अर्थव्यवस्था के तौर पर आगे बढ़ रहा है.'

IMF रिपोर्ट
दरअसल, आईएमएफ ने मंगलवार को जारी अपनी नवीनतम विश्व आर्थिक परिदृश्य रपट में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 2019 में 6.1 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है. हालांकि, उसे उम्मीद है कि 2020 में इसमें सुधार होगा और तब देश की आर्थिक वृद्धि दर सात प्रतिशत पर रह सकती है.

उल्लेखनीय है कि यह (2019 की दर) 2018 में भारत की वास्तविक आर्थिक वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत से भी कम है.

इसे भी पढे़ं- निवेश के लिए भारत से अच्छा कोई स्थान नहीं, सरकार सुधार लाने के लिए प्रयासरत: सीतारमण

'सबसे तेजी से विकास'
तारमण ने कहा कि जो कुछ भी कहा जा रहा है, इसके बावजूद 'इस बात को नजरअंदाज नहीं' किया जा सकता है कि भारत वैश्विक परिदृश्य में अब भी 'सबसे तेजी से विकास' कर रहा है. उन्होंने कहा, 'मैं चाहती हूं यह दर और अधिक हो सके. मैं चाहती हूं कि यह और तेजी से विकास कर सके. मैं इसे और तेजी से विकसित करने के लिए हर संभव कोशिश करूंगी, लेकिन यह सचाई है कि भारत अब भी तुलनात्मक रूप से तेजी से विकास कर रहा है.'

छह पर आई अर्थव्यवस्था
सीतारमण ने कहा, 'यह सबसे तेजी से विकास करती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, लेकिन मैं इससे संतुष्ट नहीं होने वाली हूं.' केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा, 'यह आठ नहीं है. यह सात नहीं है. यह छह पर आ गई है. हां, यह सब महत्त्वपूर्ण है. लेकिन मैं उस क्षमता को कम नहीं आंकना चाहती जो भारत इस विपरीत परिस्थिति के बावजूद दिखा रहा है.'

ZCZC
PRI GEN INT
.WASHINGTON FGN3
US-SITHARAMAN-MANMOHAN
Recalling when and what went wrong during a certain period is necessary: Sitharaman
By Lalit K Jha
         Washington, Oct 18 (PTI) Recalling when and what went wrong during a certain period is absolutely necessary, Union Finance Minister Nirmala Sitharaman has said, targeting former prime minister Manmohan Singh for accusing the NDA government of always trying to put the blame on its rivals.
         Conceding that there were some
"weaknesses" in his regime, Singh had on Thursday said the Modi government should stop blaming the UPA for every economic crisis, as five years were sufficient time to come up with solutions.
         "I respect Dr Manmohan Singh for telling me not to do the blame game. But recalling when and what went wrong during a certain period is absolutely necessary to put it in context, now that I'm being charged that there's no narrative at all about the economy," Sitharaman told a group of Indian reporters here on Thursday.
         She was responding to a question on allegations by Singh that the government was always trying to put the blame on its opponents instead of finding solutions.
         The senior Congress leader's comments at the press conference in Mumbai came after Sitharaman at an event at the Columbia University in New York held the Manmohan Singh-Raghuram Rajan combination responsible for subjecting public sector banks (PSBs) to their "worst phase".
         "I have no reason to doubt that Rajan feels for every word of what he is saying. And I'm here today, giving him his due respect, but also placing the fact before you that Indian public sector banks did not have a worst phase than when the combination of Singh and Rajan, as prime minister and the RBI Governor, had. At that time, none of us knew about it," she had said.
         Sitharaman told the group of Indian reporters on Thursday that her remarks in New York was an answer to a question.
         The question was on parts taken out of the speech made by Rajan and it had three components to it, she said.
         The quote referred to what the former RBI governor had said about a centralised leadership and the absence of a coherent narrative of the economy, Sitharaman claimed.
         "I also understand there's already in India lots of discussion about the finance minister being out of the country and how could she talk about issues that are essentially to be spoken within the country.
         "These taken on board, I would still say that was an answer given to a question which read a quotation from the speech of the former Reserve Bank governor," she said.
         "Then, if a political assessment has been made, nothing stops anyone from making it and it's suddenly the right and prerogative of whoever wants to make it," the Union finance minister said.
         She said she doesn't feel she had crossed the line by giving a response, whether within or outside the country.
         "If there is a charge against us that we have not given a cohesive narrative about the economy, I'm sorry, probably it has not even reached the narrative that we're given about the economy or the target with which we are working or the response with which we are answering those stress in different parts of the country, those industries which are under stress, those messages have probably not even reached people who have commented on us," the finance minister said.
         She said that the government listens and responds. If it is to be stated as to why in some areas there are difficulties, the government of the day has to recall as to what went wrong, Sitharaman said.
         The finance minister said while recalling what went wrong, it certainly pertains to a period in which Manmohan Singh was prime minister and Raghuram Rajan, the RBI Governor.
         "I had to recall that. So, it's not so much with the sense of wanting to put the blame on somebody," Sitharaman said.
         "I don't need to put the blame. It is more than apparent as to when the wrongdoings happened in banks and which is the government which is spending time to clear the clog from public sector banks and which is the government which is pursuing all those who have taken money during the UPA government and who've gone out to the country out of fear that action is being taken now under this government," she said.
         Sitharaman said she respects Manmohan Singh for telling her not to do the blame game, but recalling when and what went wrong during a certain period is absolutely necessary to put it in context.
         India under the present government will become a USD 5 trillion economy as transparent measures and policies are being implemented, she said.
         This will be possible as loans cannot be taken from banks on phone, Sitharaman said, taking a dig at the previous UPA dispensation.
         The government doesn't support crony capitalism and this is part of the narrative on the economy, she said.
         "I would want to mix both my narrative together with stating what went wrong earlier. I wished the Congress had the courage of conviction to hear it," Sitharaman said.
         "We never committed mistakes and corruption. We've not given any loans to cronies. We've never supported any wrongdoing and looked at the way when as prime minister, I would want to again recall the number of corruption cases which had happened during the UPA. Has there been anyone here (under NDA)? she asked.
         These are not lessons learned. These are the present government's convictions. Lessons have to be learned by people who should have learnt it even earlier, Sitharaman said. PTI LKJ
ANB
ANB
10180810
NNNN
Last Updated : Oct 18, 2019, 12:27 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.