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माकपा ने सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसलों पर उठाये सवाल, मोदी सरकार को घेरा

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Published : Nov 18, 2019, 11:57 PM IST

Updated : Nov 19, 2019, 12:12 AM IST

माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा है. इसके साथ ही उन्होंने हाल ही सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिये गये फैसलों पर भी सवाल खड़ा किया है. पढ़ें पूरी खबर...

सीताराम येचुरी

नई दिल्ली : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव सीताराम येचुरी ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा बीते दिनों अयोध्या विवाद, राफेल और सबरीमाला जैसे मामलों में दिये गये फैसलों पर सवाल उठाया है. इसके साथ ही उन्होंने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए देश में व्याप्त आर्थिक मंदी के लिए उसे जिम्मेदार ठहराया है.

सीताराम येचुरी ने कहा कि अयोध्या विवाद पर फैसला सुनाया गया है न्याय नहीं.

उन्होंने आगे कहा, 'हमने हमेशा इस बात को बनाए रखा है कि अयोध्या विवाद का समाधान बातचीत के माध्यम से होना चाहिए. न्यायालय के फैसले के माध्यम से मामले को हल करना मात्र एक तरीका है. फैसला अभी सुनाया गया है, लेकिन सरकार द्वारा किये कुछ वादे ऐसे हैं, जो गंभीर सवाल खड़ा करते हैं.'

उन्होंने सबरीमाला विवाद पर कहा कि पांच सदस्यों की संवैधानिक पीठ को सितम्बर 2018 के फैसले पर दायर पुनर्विचार याचिका पर सुनावाई करनी थी, लेकिन न्यायालय ने इस मामले को निबटाने की जगह इसे सात सदस्यीय पीठ को सौंप दिया.

उन्होंने कहा कि राफेल विवाद पर पुनर्विचार याचिका खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने स्पष्ट किया है कि सीबीआई या अन्य जांच एजेंसियों को भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच से रोकने का यह तरीका नहीं है.

येचुरी ने कहा कि कथित घोटाले की जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति गठित करने की सीपीआईएम लगातार मांग करती रही है.

जम्मू कश्मीर के बारे में येचुरी ने कहा कि प्रतिबंधों में कुछ ढील की घोषणा की गई है. वहां पर लोगों का दैनिक जीवन कष्टमय रूप में बीत रहा है.

येचुरी ने राज्य पर लगाये गये सभी प्रतिबंधों को हटाने और सभी नजरबंद नेताओं के रिहा करने की मांग की है. इसके साथ ही कश्मीर के सेब उत्पादकों को मुआवजा दिया जाए.

उन्होंने अर्थव्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि लोगों की क्रय शक्ति में सुधार करने की आवश्यकता है और इसके लिए आपको बड़े सार्वजनिक क्षेत्र में निवेश करने की आवश्यकता है, इससे लाखों नौकरियों का सृजन होगा.

अर्थव्यवस्था के लिए उचित कदम उठाने के बजाय सरकार कर दरों में कटौती आदि के माध्यम से निजी कम्पनियों की मदद कर रही हैं.

पार्टी ने सभी पार्टी की इकाइयों से दिसम्बर 2019 में सार्वजनिक क्षेत्र के बड़े पैमाने पर निजीकरण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन, सम्मेलन और आंदोलन के लिए आह्वान किया है. केंद्रीय व्यापार संघ ने पहले ही आठ जनवरी को देशव्यापी हड़ताल करने के लिए कहा है.

नई दिल्ली : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव सीताराम येचुरी ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा बीते दिनों अयोध्या विवाद, राफेल और सबरीमाला जैसे मामलों में दिये गये फैसलों पर सवाल उठाया है. इसके साथ ही उन्होंने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए देश में व्याप्त आर्थिक मंदी के लिए उसे जिम्मेदार ठहराया है.

सीताराम येचुरी ने कहा कि अयोध्या विवाद पर फैसला सुनाया गया है न्याय नहीं.

उन्होंने आगे कहा, 'हमने हमेशा इस बात को बनाए रखा है कि अयोध्या विवाद का समाधान बातचीत के माध्यम से होना चाहिए. न्यायालय के फैसले के माध्यम से मामले को हल करना मात्र एक तरीका है. फैसला अभी सुनाया गया है, लेकिन सरकार द्वारा किये कुछ वादे ऐसे हैं, जो गंभीर सवाल खड़ा करते हैं.'

उन्होंने सबरीमाला विवाद पर कहा कि पांच सदस्यों की संवैधानिक पीठ को सितम्बर 2018 के फैसले पर दायर पुनर्विचार याचिका पर सुनावाई करनी थी, लेकिन न्यायालय ने इस मामले को निबटाने की जगह इसे सात सदस्यीय पीठ को सौंप दिया.

उन्होंने कहा कि राफेल विवाद पर पुनर्विचार याचिका खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने स्पष्ट किया है कि सीबीआई या अन्य जांच एजेंसियों को भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच से रोकने का यह तरीका नहीं है.

येचुरी ने कहा कि कथित घोटाले की जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति गठित करने की सीपीआईएम लगातार मांग करती रही है.

जम्मू कश्मीर के बारे में येचुरी ने कहा कि प्रतिबंधों में कुछ ढील की घोषणा की गई है. वहां पर लोगों का दैनिक जीवन कष्टमय रूप में बीत रहा है.

येचुरी ने राज्य पर लगाये गये सभी प्रतिबंधों को हटाने और सभी नजरबंद नेताओं के रिहा करने की मांग की है. इसके साथ ही कश्मीर के सेब उत्पादकों को मुआवजा दिया जाए.

उन्होंने अर्थव्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि लोगों की क्रय शक्ति में सुधार करने की आवश्यकता है और इसके लिए आपको बड़े सार्वजनिक क्षेत्र में निवेश करने की आवश्यकता है, इससे लाखों नौकरियों का सृजन होगा.

अर्थव्यवस्था के लिए उचित कदम उठाने के बजाय सरकार कर दरों में कटौती आदि के माध्यम से निजी कम्पनियों की मदद कर रही हैं.

पार्टी ने सभी पार्टी की इकाइयों से दिसम्बर 2019 में सार्वजनिक क्षेत्र के बड़े पैमाने पर निजीकरण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन, सम्मेलन और आंदोलन के लिए आह्वान किया है. केंद्रीय व्यापार संघ ने पहले ही आठ जनवरी को देशव्यापी हड़ताल करने के लिए कहा है.

Intro:The CPIM general secretary Sitaram Yechuri today raised questions over the verdict of Supreme Court on matters like Ayodhya dispute, Sabrimala and Rafale during a presser post CPIM two day polit bureau meet. He also slammed Modi Government for economy slow down and held the goverment responsible for not doing enough to revive the economy.

On Ayodhya Verdict
Verdict delivered, not justice
"We have always maintained that the resolution of the Ayodhya dispute must be through a negotiated settlement failing which the only way is to resolve the matter through a court verdict. The verdict has now been delivered but there are certain promises of the government that raise serious questions" said Yechuri.

On Sabrimala
The five-member constitution bench was to hear the review petitions and writ petitions regarding it's September 2018 judgement allowing women of all ages to worship in the Sabrimala Temple. Instead of disposing off the review petitions, the majority judgement, deviating from the norm, has widened the scope by making a reference to various points concerning religious rights under the Constitution to a seven member bench.
By diverting the matter to other issues concerning women's rights of other religions which are already being heard by other benches of the court, the majority judgement has failed to uphold the 2018 verdict and by keeping the review petitions pending has created an ambiguous and uncertain situation.


On Rafale
The Supreme court order on Rafael controversy dismissing the review petition has clarified that this in no way bars investigation by agencies like CBI or others to proceed with investigation on charges of misappropriation and corruption.
CPIM has reiterated it's demand to constitute a Joint Parliamentary Committee to investigate the alleged scam.

on Jammu & Kashmir
Though some easing of restrictions have been announced, the daily life of people continues to he disrupted because of immense hardships. The CPIM has demanded lifting of all restrictions imposed on the state, all leaders under detention to be released and compensate apple growers who have suffered huge losses by declaring it a national calamity.


On Indian Economy
The purchasing power of people needs to be improved and for that you need to invest in large public sector which would create lacs of jobs. The government is still on denial mode and rather than taking appropriate steps they are helping private companies through tax rate cut and etc.


Body:The party has called upon all party units to conduct a month long movement of protests, conventions and agitations against the large scale privatization of the public sector in December 2019. The central trade unions have already called for a nationwide strike on January 8 and the CPIM has extended it's support to the same.


Conclusion:
Last Updated : Nov 19, 2019, 12:12 AM IST
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