नई दिल्ली : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव सीताराम येचुरी ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा बीते दिनों अयोध्या विवाद, राफेल और सबरीमाला जैसे मामलों में दिये गये फैसलों पर सवाल उठाया है. इसके साथ ही उन्होंने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए देश में व्याप्त आर्थिक मंदी के लिए उसे जिम्मेदार ठहराया है.
सीताराम येचुरी ने कहा कि अयोध्या विवाद पर फैसला सुनाया गया है न्याय नहीं.
उन्होंने आगे कहा, 'हमने हमेशा इस बात को बनाए रखा है कि अयोध्या विवाद का समाधान बातचीत के माध्यम से होना चाहिए. न्यायालय के फैसले के माध्यम से मामले को हल करना मात्र एक तरीका है. फैसला अभी सुनाया गया है, लेकिन सरकार द्वारा किये कुछ वादे ऐसे हैं, जो गंभीर सवाल खड़ा करते हैं.'
उन्होंने सबरीमाला विवाद पर कहा कि पांच सदस्यों की संवैधानिक पीठ को सितम्बर 2018 के फैसले पर दायर पुनर्विचार याचिका पर सुनावाई करनी थी, लेकिन न्यायालय ने इस मामले को निबटाने की जगह इसे सात सदस्यीय पीठ को सौंप दिया.
उन्होंने कहा कि राफेल विवाद पर पुनर्विचार याचिका खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने स्पष्ट किया है कि सीबीआई या अन्य जांच एजेंसियों को भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच से रोकने का यह तरीका नहीं है.
येचुरी ने कहा कि कथित घोटाले की जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति गठित करने की सीपीआईएम लगातार मांग करती रही है.
जम्मू कश्मीर के बारे में येचुरी ने कहा कि प्रतिबंधों में कुछ ढील की घोषणा की गई है. वहां पर लोगों का दैनिक जीवन कष्टमय रूप में बीत रहा है.
येचुरी ने राज्य पर लगाये गये सभी प्रतिबंधों को हटाने और सभी नजरबंद नेताओं के रिहा करने की मांग की है. इसके साथ ही कश्मीर के सेब उत्पादकों को मुआवजा दिया जाए.
उन्होंने अर्थव्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि लोगों की क्रय शक्ति में सुधार करने की आवश्यकता है और इसके लिए आपको बड़े सार्वजनिक क्षेत्र में निवेश करने की आवश्यकता है, इससे लाखों नौकरियों का सृजन होगा.
अर्थव्यवस्था के लिए उचित कदम उठाने के बजाय सरकार कर दरों में कटौती आदि के माध्यम से निजी कम्पनियों की मदद कर रही हैं.
पार्टी ने सभी पार्टी की इकाइयों से दिसम्बर 2019 में सार्वजनिक क्षेत्र के बड़े पैमाने पर निजीकरण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन, सम्मेलन और आंदोलन के लिए आह्वान किया है. केंद्रीय व्यापार संघ ने पहले ही आठ जनवरी को देशव्यापी हड़ताल करने के लिए कहा है.