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हाथरस पहुंची एसआईटी टीम, आज दर्ज होगा परिजनों का बयान

हाथरस मामले की जांच का जिम्मा एसआईटी को सौंपा गया है. आज टीम पीड़ित परिवार का बयान दर्ज करने उनके आवास पर पहुंची है. हाथरस में आक्रोशित लोगों पर लाठीचार्ज की खबर भी सामने आई है.

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हाथरस गैंगरेप मामले की जांच
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Published : Oct 4, 2020, 11:12 AM IST

Updated : Oct 4, 2020, 4:10 PM IST

लखनऊ/हाथरस : उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुई घटना की जांच करने के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) पीड़ित परिवार के आवास पर पहुंच चुका है. टीम मृतका के परिवार के सदस्यों के बयान दर्ज कर रही है.

कथित गैंगरेप पीड़िता की मौत के बाद सपा का डेलीगेशन आज पीड़ित परिवार से मिलने के लिए हाथरस पहुंचा. इसी बीच पुलिस की सपा कार्यकर्ताओं से झड़प हो गई. जब स्थिति काबू में नहीं दिखी तो पुलिस ने सपा कार्यकर्ताओं पर लाठी चार्ज कर दिया.

हाथरस में पुलिस का लाठीचार्ज
हालात बेकाबू होने पर पुलिस को बलप्रयोग करना पड़ा. पुलिस ने जमकर लाठियां बरसाईं.
हाथरस में पुलिस का लाठीचार्ज

हाथरस प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया था कि इस मामले की जांच करने के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने अपनी आरंभिक जांच का काम पूरा कर लिया है.

पीड़िता की मौत और उसके साथ नृशंस व्यवहार से निर्भया कांड की याद ताजा कर दी और यह प्रमुख राजनीतिक मुद्दा बना हुआ है.

मायावती ने की निष्पक्ष जांच की मांग
मामले को लेकर बसपा प्रमुख मायावती ने ट्वीट कर कहा, 'हाथरस गैंगरेप काण्ड के पीड़ित परिवार ने जिले के डीएम पर धमकाने आदि के कई गंभीर आरोप लगाए हैं, फिर भी यूपी सरकार की रहस्मय चुप्पी दुःखद व अति-चिन्ताजनक. हालांकि सरकार सीबीआई जांच हेतु राजी हुई है, किंतु उस डीएम के वहां रहते इस मामले की निष्पक्ष जांच कैसे हो सकती है? लोग आशंकित.'

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मायावती का ट्वीट

शनिवार का घटनाक्रम

  • इससे पहले, उत्तर प्रदेश सरकार ने हाथरस की 19 वर्षीय दलित लड़की के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म और उसकी मौत के मामले में शनिवार को सीबीआई जांच की सिफारिश की.
  • दूसरी तरफ, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने हाथरस पहुंचकर पीड़िता के परिवार से मुलाकात कर ढांढस बंधाया और कहा कि वे न्याय के लिए लड़ेंगे. राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के हाथरस के लिए निकलने के समय दिल्ली-उप्र सीमा पर भारी हंगामा देखने को मिला.
  • कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं के बड़ी संख्या में जमा होने तथा पुलिस के साथ उनकी नोकझोंक हुई तथा पुलिस को हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा. कांग्रेस का दावा है कि पुलिस की लाठी जार्च में उसके कई कार्यकर्ता घायल हो गए.
  • उल्‍लेखनीय है कि मुख्‍यमंत्री के निर्देश पर शनिवार को अपर मुख्‍य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्‍थी और डीजीपी हितेष चंद्र अवस्‍थी ने हाथरस में पीडिता के परिवार से मुलाकात की थी.
  • उधर, प्रशासन ने दो दिनों के गतिरोध के बाद बाद हाथरस स्थित पीड़िता के गांव के बाहर लगे अवरोधकों को हटा दिया और मीडिया को जाने की अनुमति दी. पीड़िता के गांव में सुरक्षा के लिए करीब 300 पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई थी.

यह भी पढ़ें : कोलकाता : हाथरस घटना को लेकर लेफ्ट और कांग्रेस का प्रदर्शन

क्या है मामला?
गौरतलब है कि 14 सितम्बर को हाथरस में चार युवकों ने 19 वर्षीय दलित लड़की से कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया था. मंगलवार सुबह दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में पीड़िता की मौत हो गई, जिसके बाद बुधवार तड़के उसके शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया.

पीड़िता के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने उन्हें रात में ही अंतिम संस्कार करने के लिए बाध्य किया. बहरहाल, स्थानीय पुलिस का कहना है कि 'परिवार की इच्छा के मुताबिक' अंतिम संस्कार किया गया.

लखनऊ/हाथरस : उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुई घटना की जांच करने के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) पीड़ित परिवार के आवास पर पहुंच चुका है. टीम मृतका के परिवार के सदस्यों के बयान दर्ज कर रही है.

कथित गैंगरेप पीड़िता की मौत के बाद सपा का डेलीगेशन आज पीड़ित परिवार से मिलने के लिए हाथरस पहुंचा. इसी बीच पुलिस की सपा कार्यकर्ताओं से झड़प हो गई. जब स्थिति काबू में नहीं दिखी तो पुलिस ने सपा कार्यकर्ताओं पर लाठी चार्ज कर दिया.

हाथरस में पुलिस का लाठीचार्ज
हालात बेकाबू होने पर पुलिस को बलप्रयोग करना पड़ा. पुलिस ने जमकर लाठियां बरसाईं.
हाथरस में पुलिस का लाठीचार्ज

हाथरस प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया था कि इस मामले की जांच करने के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने अपनी आरंभिक जांच का काम पूरा कर लिया है.

पीड़िता की मौत और उसके साथ नृशंस व्यवहार से निर्भया कांड की याद ताजा कर दी और यह प्रमुख राजनीतिक मुद्दा बना हुआ है.

मायावती ने की निष्पक्ष जांच की मांग
मामले को लेकर बसपा प्रमुख मायावती ने ट्वीट कर कहा, 'हाथरस गैंगरेप काण्ड के पीड़ित परिवार ने जिले के डीएम पर धमकाने आदि के कई गंभीर आरोप लगाए हैं, फिर भी यूपी सरकार की रहस्मय चुप्पी दुःखद व अति-चिन्ताजनक. हालांकि सरकार सीबीआई जांच हेतु राजी हुई है, किंतु उस डीएम के वहां रहते इस मामले की निष्पक्ष जांच कैसे हो सकती है? लोग आशंकित.'

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मायावती का ट्वीट

शनिवार का घटनाक्रम

  • इससे पहले, उत्तर प्रदेश सरकार ने हाथरस की 19 वर्षीय दलित लड़की के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म और उसकी मौत के मामले में शनिवार को सीबीआई जांच की सिफारिश की.
  • दूसरी तरफ, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने हाथरस पहुंचकर पीड़िता के परिवार से मुलाकात कर ढांढस बंधाया और कहा कि वे न्याय के लिए लड़ेंगे. राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के हाथरस के लिए निकलने के समय दिल्ली-उप्र सीमा पर भारी हंगामा देखने को मिला.
  • कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं के बड़ी संख्या में जमा होने तथा पुलिस के साथ उनकी नोकझोंक हुई तथा पुलिस को हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा. कांग्रेस का दावा है कि पुलिस की लाठी जार्च में उसके कई कार्यकर्ता घायल हो गए.
  • उल्‍लेखनीय है कि मुख्‍यमंत्री के निर्देश पर शनिवार को अपर मुख्‍य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्‍थी और डीजीपी हितेष चंद्र अवस्‍थी ने हाथरस में पीडिता के परिवार से मुलाकात की थी.
  • उधर, प्रशासन ने दो दिनों के गतिरोध के बाद बाद हाथरस स्थित पीड़िता के गांव के बाहर लगे अवरोधकों को हटा दिया और मीडिया को जाने की अनुमति दी. पीड़िता के गांव में सुरक्षा के लिए करीब 300 पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई थी.

यह भी पढ़ें : कोलकाता : हाथरस घटना को लेकर लेफ्ट और कांग्रेस का प्रदर्शन

क्या है मामला?
गौरतलब है कि 14 सितम्बर को हाथरस में चार युवकों ने 19 वर्षीय दलित लड़की से कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया था. मंगलवार सुबह दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में पीड़िता की मौत हो गई, जिसके बाद बुधवार तड़के उसके शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया.

पीड़िता के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने उन्हें रात में ही अंतिम संस्कार करने के लिए बाध्य किया. बहरहाल, स्थानीय पुलिस का कहना है कि 'परिवार की इच्छा के मुताबिक' अंतिम संस्कार किया गया.

Last Updated : Oct 4, 2020, 4:10 PM IST
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