नई दिल्ली: चुनाव आयोग द्वारा विवादित और विभाजनकारी बयान के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और मायावती के खिलाफ कार्रवाई किए जाने के बाद अब प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा योगी से ज्यादा विवादित और विभाजनकारी बयान वायनाड में मोदी ने और नागपुर में अमित शाह ने दिया. अब तक चुनाव आयोग दंतहीन संवैधनिक संस्था बनी थी. हमने सुप्रीम कोर्ट में दस्तक देकर आयोग को उनकी ताकत बताई तब जाकर योगी अदित्यनाथ पर तीन दिन तक के लिये चुनाव प्रचार पर प्रतिबंध लगाया.
सिंघवी ने कहा नफरत फैलाने वालों पर चुनाव आयोग ने शिकंजा कस दिया है.आयोग ने कांग्रेस की दलील मान ली है. सिंघवी ने कहा यह पहलीबार हुआ जब आयोग ने चुनाव के दौरन नफरत फैलाने वालों पर कार्रवाई की है. आयोग के इस सख्त रुख से नफरत फैलाने वाले सबक सीखेंगे. सिंघवी ने कहा प्रधानमंत्री ने वायनाड में कहा था कि राहुल गांधी ने वायनाड से इसलिए चुनाव लड़ रहे हैं क्योंकि वहां मुसलमान ज्यादा है. यह नफरत फैलाने वाला बयान है.
नागपुर में अमित शाह ने कहा था कि वायनाड के हरे झंडे संदेश पैदा करते है कि चुनाव भारत मे हो रहे या पाकिस्तान में. सिंघवी के मुताबिक शीर्ष पद पर रहने वाले इस तरह के बयान दे और आयोग चुप रहे यह शोभा नहीं देता. योगी आदित्यनाथ ने बजरंग बली को लेकर विवादित बयान दिया तो उन पर तीन दिन का प्रतिबंध लगा. मायावती पर दो दिन तो यही कार्रवाई पीएम मोदी और अमित शाह पर भी होना चाहिए.
साथ ही सिंघवी ने जया प्रदा पर आजम खां की टिप्पणी की निंदा करते हुए कहा ऐसे बयान भी आचार संहिता का उल्लंघन है. इसके पक्ष में नहीं खड़ा हुआ जा सकता. सिंघवी ने कहा चुनाव आयोग को सभी पार्टियों के विभाजनकारी नेता के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.