नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में पहली बार सिंगल जजों की दो बेंच बनाई गई हैं. यह बेंच जमानत, अग्रिम जमानत और ट्रांसफर (स्थानांतरण) याचिकाओं पर सुनवाई करेंगी. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में किसी भी मामले की कम से कम दो जजों की बेंच सुनवाई करती थी. कोर्ट ने यह फैसला लंबित मामलों की संख्या कम करने के लिए किया है.
नए नियमों में संशोधन के बाद अब सिंगल जज भी स्थानांतरण याचिकाएं सुनेंगे. नई अधिसूचना के मुताबिक राष्ट्रपति की मंजूरी से संविधान के अनुच्छेद 145 के तहत सुप्रीम कोर्ट नियम 2013 में संशोधन कर सुप्रीम कोर्ट नियम (संशोधित) 2019 लागू किया गया है.
इसके मुताबिक सिंगल जज बेंच विशेष अवकाश याचिका और सीआरपीसी की धारा 437, 438 और 439 के तहत जमानत अर्जी और अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने पर (जिसमें सात साल तक की सजा प्रावधान है) विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई कर सकता है.
संशोधित नियमों के मुताबिक सीआरपीसी की धारा 406 के तहत मामलों के हस्तांतरण के लिए आवेदन और सिविल प्रक्रिया संहिता (सीपीसी) की धारा 25 के तहत मामलों के तत्काल हस्तांतरण का आवेदन भी एकल न्यायाधीश पीठ द्वारा सुना जाएगा.
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अधिसूचना में आगे कहा गया है कि मुख्य न्यायाधीश (CJI) अन्य मामलों को भी सुनवाई के लिए सिंगल बेंच के पास भेज सकते हैं. इसके लिए मुख्य न्यायाधीश द्वारा सिंगल जज को नामित किया जाएगा.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के नियमों, 2013 और पुराने नियमों के अनुसार, सीजेआई के पास गर्मी की छुट्टी या सर्दियों की छुट्टियों के दौरान तत्काल मामलों की सुनवाई करने के लिए एक या एक से अधिक न्यायाधीशों को नियुक्त करने की शक्ति थी.
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट के मुताबिक, '1950 के मूल संविधान में सुप्रीम कोर्ट में एक मुख्य न्यायाधीश और 7 उप न्यायाधीशों की परिकल्पना की गई थी-बाद में इस संख्या को बढ़ाने के लिए इसे संसद में छोड़ दिया गया.'
इसमें कहा गया है, 'शुरुआती वर्षों में, सुप्रीम कोर्ट के सभी न्यायाधीश अपने सामने पेश किए गए मामलों की सुनवाई के लिए एक साथ बैठेते थे. जैसे-जैसे कोर्ट में मामलों की संख्या बढ़ने लगी संसद ने 1950 में न्यायाधीशों की संख्या 8 से बढ़ाकर 1956 में 11 कर दी गई. इसके बाद न्यायाधीशों की संख्या 1960 में 14, 1978 में 18 और 1986 में 26 कर दी गई. इसके बाद जैसे जैसे न्यायाधीशों की संख्या में बढ़ती गई, दो और तीन न्यायाधीशों की बेंच मामलों की सुनवाई करने लगी और किसी भी बड़े मामले की सुनवाई पांच न्यायाधीशों की बेंच करती थी.'
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बता दें, सरकार ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों की संख्या 31 से बढ़ाकर 34 कर दी थी. अभी तक कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश को मिलाकर 31 जज थे, नए न्यायाधीशों के शपथ लेने के बाद संख्या पढ़कर 34 हो जाएगी.