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प्रवासी संकट से निबटने के लिए सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट को दिए कुछ सुझाव

सरकारी योजना के तहत स्वास्थ्य बीमा का लाभ प्रवासियों तक नहीं पहुंच पा रहा है. सिंघवी ने अदालत से निर्देश देने को कहा कि ऐसे परिवारों का ब्योरा तैयार करें जो इस योजना के तहत कवर किए गए है ताकि जो भी कमी हो उनकी पहचान हो सके और सभी को यह लाभ दिया जा सके.

सिंघवी ने अदालत को दिए कुछ सुझाव
सिंघवी ने अदालत को दिए कुछ सुझाव
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Published : Jul 10, 2020, 6:54 AM IST

Updated : Jul 10, 2020, 2:42 PM IST

नई दिल्लीः कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी, जो पेशे से वकील हैं. उन्होंने शीर्ष अदालत को प्रवासियों के संकट से निबटने के लिए कुछ सुझाव दिए हैं, जो लॉकडाउन के कारण सबसे ज्यादा प्रभावित हुए थे.
विभिन्न मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए सिंघवी ने कहा कि सरकार की योजना का लाभ केवल उन्हीं को मिलता है जो पंजीकृत हैं. अपंजीकृत श्रमिकों लाभ उठाने से वंचित हैं. उन्होंने कहा कि 1.5 करोड़ से अधिक श्रमिक ऐसे हैं जो अपंजीकृत हैं.

सिंघवी ने कहा कि माननीय अदालत सरकार को निर्देश दे कि सरकारी लाभ उठाने के लिए जिन शर्तों की जरूरत है, उनमें ढील दी जाए ताकि सभी लोग सरकारी लाभ उठा सके. ऐसी महामारी के समय में सरकारी योजनाओं के लाभ के लिए नियमों का पालन करवाना अमानवीय है.

खाद्य आवंटन सुनिश्चित करने के लिए, सिंघवी ने अदालत को सुझाव दिया कि आवंटन की निगरानी के लिए एक विशेष समिति का गठन किया जाए.

सिंघवी ने कहा कि सरकारी योजना के तहत स्वास्थ्य बीमा का लाभ प्रवासियों तक नहीं पहुंच पा रहा है. सिंघवी ने अदालत से निर्देश देने को कहा कि ऐसे परिवारो का ब्यौरा तैयार करें जो इस योजना के तहत कवर किए गए है ताकि जो भी कमी हो उनकी पहचान हो सके और सभी को यह लाभ दिया जा सके.

उन्होंने कहा कि जिला कलेक्टर के कार्यालय के माध्यम से लाभार्थियों को इसके बारे में जागरूक करने की आवश्यकता है.

यह बताते हुए कि श्रमिक अब काम के लिए शहरों में लौट रहे हैं और फिर से काम शुरू कर रहे हैं, सिंघवी ने कहा कि भारत सरकार और राज्यों ने प्रवासी मजदूरों के लिए कोई योजना घोषित नहीं की है. ऐसे में वह अदालत से अनुरोध करते हैं कि अदालत इसपर त्वरित कार्रवाई के निर्देश सरकारों को दे. मामले की सुनवाई 17 जुलाई को फिर से होगी.

नई दिल्लीः कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी, जो पेशे से वकील हैं. उन्होंने शीर्ष अदालत को प्रवासियों के संकट से निबटने के लिए कुछ सुझाव दिए हैं, जो लॉकडाउन के कारण सबसे ज्यादा प्रभावित हुए थे.
विभिन्न मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए सिंघवी ने कहा कि सरकार की योजना का लाभ केवल उन्हीं को मिलता है जो पंजीकृत हैं. अपंजीकृत श्रमिकों लाभ उठाने से वंचित हैं. उन्होंने कहा कि 1.5 करोड़ से अधिक श्रमिक ऐसे हैं जो अपंजीकृत हैं.

सिंघवी ने कहा कि माननीय अदालत सरकार को निर्देश दे कि सरकारी लाभ उठाने के लिए जिन शर्तों की जरूरत है, उनमें ढील दी जाए ताकि सभी लोग सरकारी लाभ उठा सके. ऐसी महामारी के समय में सरकारी योजनाओं के लाभ के लिए नियमों का पालन करवाना अमानवीय है.

खाद्य आवंटन सुनिश्चित करने के लिए, सिंघवी ने अदालत को सुझाव दिया कि आवंटन की निगरानी के लिए एक विशेष समिति का गठन किया जाए.

सिंघवी ने कहा कि सरकारी योजना के तहत स्वास्थ्य बीमा का लाभ प्रवासियों तक नहीं पहुंच पा रहा है. सिंघवी ने अदालत से निर्देश देने को कहा कि ऐसे परिवारो का ब्यौरा तैयार करें जो इस योजना के तहत कवर किए गए है ताकि जो भी कमी हो उनकी पहचान हो सके और सभी को यह लाभ दिया जा सके.

उन्होंने कहा कि जिला कलेक्टर के कार्यालय के माध्यम से लाभार्थियों को इसके बारे में जागरूक करने की आवश्यकता है.

यह बताते हुए कि श्रमिक अब काम के लिए शहरों में लौट रहे हैं और फिर से काम शुरू कर रहे हैं, सिंघवी ने कहा कि भारत सरकार और राज्यों ने प्रवासी मजदूरों के लिए कोई योजना घोषित नहीं की है. ऐसे में वह अदालत से अनुरोध करते हैं कि अदालत इसपर त्वरित कार्रवाई के निर्देश सरकारों को दे. मामले की सुनवाई 17 जुलाई को फिर से होगी.

Last Updated : Jul 10, 2020, 2:42 PM IST
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