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सीमा विवाद : सिक्किम पुलिस ने चीन से लगती सीमा पर बढ़ाई निगरानी

गलवान घाटी में चीन के साथ जारी तनाव के बीच सिक्किम पुलिस ने भारत-चीन सीमा पर निगरानी बढ़ा दी है. सिक्किम पुलिस मैकमोहन लाइन क्षेत्र में अग्रिम मोर्चा वाले क्षेत्रों में तैनात भारतीय सेना की सहायता के लिए तैयार है. पढ़ें पूरी खबर...

सिक्किम पुलिस
सिक्किम पुलिस
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Published : Jun 25, 2020, 9:21 AM IST

गंगटोक/नई दिल्ली : पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के बाद सिक्किम पुलिस ने भारत-चीन सीमा पर निगरानी बढ़ा दी है. सिक्किम पुलिस मैकमोहन लाइन क्षेत्र में अग्रिम मोर्चा वाले क्षेत्रों में तैनात भारतीय सेना की सहायता के लिए तैयार हैं.

सिक्किम पुलिस ने उत्तरी सिक्किम के लाचुंग और पूर्वी सिक्किम के चेरथुंग में दो भारतीय रिजर्व बटालियन की तैनाती की. सिक्किम पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक पाबन गुरंग ने बुधवार को गंगटोक में मीडिया ब्रीफिंग में यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि सिक्किम पुलिस सेना के साथ भारत-सीना सीमा पर कड़ी निगरानी कर रही है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

गलवान घाटी समेत अन्य संघर्ष बिंदुओं पर चीन बढ़ा रहा सैन्य उपस्थिति
उधर, चीन गलवान घाटी में तनाव कम करने के लिए भारत के साथ सैन्य और कूटनीतिक वार्ता करने के साथ-साथ पूर्वी लद्दाख में पेंगोंग सो, गलवान घाटी और अन्य संघर्ष बिंदुओं पर अपनी सैन्य उपस्थिति भी बढ़ा रहा है. इन घटनाक्रमों की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि चीन ने गलवान घाटी में बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती की है.

गौरतलब है कि 15 जून को गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए थे.

उन्होंने बताया कि क्षेत्र में चीन द्वारा निगरानी चौकी का निर्माण किए जाने के कारण यह संघर्ष हुआ था. लेकिन भारत के कड़े रुख के बाद भी चीन की सेना ने फिर से 14वें गश्त बिंदू के पास-पास कुछ ढांचा खड़ा किया है.

पढ़ें- अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा चीन, गलवान घाटी में फिर लगाया टेंट

पिछले कुछ दिन से चीन गलवान घाटी पर दावा कर रहा है, लेकिन भारत इसे ऐसा दावा बता रहा है जिसमें कोई तथ्य नहीं है. पेंगोंग सो और गलवान घाटी के अलावा दोनों देश की सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख के देमचोक, गोगरा हॉट स्प्रिंग और दौलत बेग ओल्डी में भी गतिरोध जारी है. बड़ी संख्या में चीनी सेना के जवान वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत की ओर आ गए थे.

सूत्रों ने बताया कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम और उत्तराखंड में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर कई महत्वपूर्ण सेक्टरों पर सैनिकों की संख्या और हथियार दोनों बढ़ा दिए हैं.

गौरतलब है कि गलवान हिंसा के बाद दोनों देशों की सेनाओं के वरिष्ठ कमांडरों की सोमवार को बैठक हुई थी और इस दौरान दोनों पक्षों में सहमति बनी कि वह पूर्वी लद्दाख में सभी संघर्ष बिंदुओं पर गतिरोध को धीरे-धीरे कम करेंगे. दोनों पक्षों के बीच बुधवार को कूटनीतिक वार्ता भी हुई.

इन घटनाक्रमों के बीच सेना प्रमुख जनरल एम. एम. नरवाने ने बुधवार को पूर्वी लद्दाख के अग्रिम मोर्चा वाले क्षेत्रों का दौरा किया और सेना की अभियान संबंधी तैयारियों की समीक्षा की. अपनी लद्दाख यात्रा के दूसरे दिन जनरल ने सेना की युद्ध संबंधी तैयारियों का जायजा लिया और वहां तैनात सैनिकों से बातचीत की.

गंगटोक/नई दिल्ली : पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के बाद सिक्किम पुलिस ने भारत-चीन सीमा पर निगरानी बढ़ा दी है. सिक्किम पुलिस मैकमोहन लाइन क्षेत्र में अग्रिम मोर्चा वाले क्षेत्रों में तैनात भारतीय सेना की सहायता के लिए तैयार हैं.

सिक्किम पुलिस ने उत्तरी सिक्किम के लाचुंग और पूर्वी सिक्किम के चेरथुंग में दो भारतीय रिजर्व बटालियन की तैनाती की. सिक्किम पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक पाबन गुरंग ने बुधवार को गंगटोक में मीडिया ब्रीफिंग में यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि सिक्किम पुलिस सेना के साथ भारत-सीना सीमा पर कड़ी निगरानी कर रही है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

गलवान घाटी समेत अन्य संघर्ष बिंदुओं पर चीन बढ़ा रहा सैन्य उपस्थिति
उधर, चीन गलवान घाटी में तनाव कम करने के लिए भारत के साथ सैन्य और कूटनीतिक वार्ता करने के साथ-साथ पूर्वी लद्दाख में पेंगोंग सो, गलवान घाटी और अन्य संघर्ष बिंदुओं पर अपनी सैन्य उपस्थिति भी बढ़ा रहा है. इन घटनाक्रमों की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि चीन ने गलवान घाटी में बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती की है.

गौरतलब है कि 15 जून को गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए थे.

उन्होंने बताया कि क्षेत्र में चीन द्वारा निगरानी चौकी का निर्माण किए जाने के कारण यह संघर्ष हुआ था. लेकिन भारत के कड़े रुख के बाद भी चीन की सेना ने फिर से 14वें गश्त बिंदू के पास-पास कुछ ढांचा खड़ा किया है.

पढ़ें- अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा चीन, गलवान घाटी में फिर लगाया टेंट

पिछले कुछ दिन से चीन गलवान घाटी पर दावा कर रहा है, लेकिन भारत इसे ऐसा दावा बता रहा है जिसमें कोई तथ्य नहीं है. पेंगोंग सो और गलवान घाटी के अलावा दोनों देश की सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख के देमचोक, गोगरा हॉट स्प्रिंग और दौलत बेग ओल्डी में भी गतिरोध जारी है. बड़ी संख्या में चीनी सेना के जवान वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत की ओर आ गए थे.

सूत्रों ने बताया कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम और उत्तराखंड में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर कई महत्वपूर्ण सेक्टरों पर सैनिकों की संख्या और हथियार दोनों बढ़ा दिए हैं.

गौरतलब है कि गलवान हिंसा के बाद दोनों देशों की सेनाओं के वरिष्ठ कमांडरों की सोमवार को बैठक हुई थी और इस दौरान दोनों पक्षों में सहमति बनी कि वह पूर्वी लद्दाख में सभी संघर्ष बिंदुओं पर गतिरोध को धीरे-धीरे कम करेंगे. दोनों पक्षों के बीच बुधवार को कूटनीतिक वार्ता भी हुई.

इन घटनाक्रमों के बीच सेना प्रमुख जनरल एम. एम. नरवाने ने बुधवार को पूर्वी लद्दाख के अग्रिम मोर्चा वाले क्षेत्रों का दौरा किया और सेना की अभियान संबंधी तैयारियों की समीक्षा की. अपनी लद्दाख यात्रा के दूसरे दिन जनरल ने सेना की युद्ध संबंधी तैयारियों का जायजा लिया और वहां तैनात सैनिकों से बातचीत की.

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