नई दिल्ली : अफगानिस्तान से सिखों और हिंदू परिवारों का पलायन जारी है. गुरुवार को अफगानिस्तान से 180 सिख परिवारों का एक जत्था दिल्ली पहुंचा. यह सभी विमान से इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर पहुंचे.
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने एक बयान में कहा कि इस साल मार्च में अफगानिस्तान के एक गुरुद्वारे पर हमले के बाद वहां से सिख और हिंदू परिवारों का पलायन हुआ है. वह डीएसजीएमसी की पहल पर भारत आ रहे हैं.
उन्होंने कहा, 'अब तक 450 से अधिक परिवार राष्ट्रीय राजधानी में आ चुके हैं और डीएसजीएमसी गुरुद्वारों के सराय में उनके ठहरने की व्यवस्था कर रहा है. परिवार अपने साथ गुरुग्रंथ साहिब भी लाए हैं.'
हवाईअड्डे पर उनका स्वागत सिरसा और विश्व पंजाबी संगठन के विक्रमजीत सिंह साहनी ने किया.
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बयान में कहा गया है कि सिरसा ने केंद्र सरकार, विशेष रूप से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल को इन परिवारों के लिए 'दीर्घकालिक वीजा' की सुविधा देने के लिए धन्यवाद दिया.
विश्व पंजाबी संगठन के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष विक्रमजीत सिंह साहनी ने कहा कि आज की चार्टर्ड उड़ान के साथ हमने काबुल में फंसे 500 सिखों और हिंदू परिवारों को निकालने का अपना कार्यक्रम पूरा कर लिया है.
3 संगरोध केंद्र किए गए स्थापित
उन्होंने इन शरणार्थियों के लिए गुरुद्वारा रकाब गंज, मोती बाग और बंगला साहिब में तीन संगरोध केंद्र स्थापित किए हैं. साहनी ने कहा कि ये सभी परिवार संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, मध्य पूर्व में विभिन्न एनआरआई सिखों और विश्व पंजाबी संगठन के सदस्यों द्वारा 'मेरे परिवार मेरा सम्मान' कार्यक्रम के तहत प्रायोजित किए गए हैं.