बेंगलुरु : कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने सुझाव दिया है कि केंद्र को हिन्दू महासभा के नेता वीर सावरकर के बजाय लिंगायत संत शिवकुमार स्वामीजी को 'भारत रत्न' से सम्मानित करना चाहिए.
बता दें कि शिवकुमार स्वामीजी का इस साल जनवरी में 111 वर्ष की आयु में निधन हो गया था. उन्हें 'वाकिंग गॉड के रूप में जाना जाता था. वह शिक्षा के प्रसारक और मानवतावादी थे. उनकी शख्सियत एवं कार्यों को दुनियाभर में सराहा जाता है.
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सिद्धरमैया ने मैसूर में संवाददाताओं से कहा, 'भाजपा की चाहे जो कुछ भी राय हो (सावरकर को 'भारत रत्न' देने के बारे में), लेकिन मेरा मानना है कि सावरकर के बजाय भारत रत्न से शिवकुमार स्वामीजी को सम्मानित किया जाना चाहिए.'
कांग्रेस नेता का यह बयान कुछ दिन पहले की गई उनकी एक टिप्पणी के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि महात्मा गांधी की हत्या के मामले में सावरकर आरोपियों में शामिल थे. उन्होंने कहा कि वह सावरकर का विरोध मुख्य रूप से इसलिए कर रहे हैं कि उन्होंने हिन्दुत्व के जरिये साम्प्रदायिकता फैलाई.
गौरतलब है कि चुनावी राज्य महाराष्ट्र में प्रदेश भाजपा ने अपने चुनाव घोषणापत्र में सावरकर को मरणोपरांत 'भारत रत्न' देने का वादा किया है, जिस पर राष्ट्रव्यापी चर्चा शुरू हो गई है.
सिद्धरमैया ने दोहराया कि सावरकर महात्मा गांधी की हत्या मामले में आरोपियों में एक थे. उन्होंने कहा कि हालांकि यह अलग बात है कि उन्हें (सावरकर को) छोड़ दिया गया.
कांग्रेस नेता ने कहा, 'उन्हें 'भारत रत्न' देने की कोई जरूरत नहीं है. हम कहते आ रहे हैं कि 'भारत रत्न' शिवकुमार स्वामीजी को दिया जाना चाहिए. चूंकि वह (सावरकर) हिन्दुत्व के तरफदार
थे, इसलिए हम इसका विरोध करते हैं. इसमें विवाद कहां है?'
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बतौर मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जनवरी 2018 में पत्र लिख कर शिवकुमार स्वामीजी को 'भारत रत्न' से सम्मानित करने का अनुरोध किया था. हालांकि, केंद्र ने अब तक इस बारे में कोई फैसला नहीं लिया है.
सिद्धरमैया ने यह भी कहा कि वह खुद एक हिन्दू हैं और उन्होंने कभी हिन्दू विचारधारा का विरोध नहीं किया.