अलवर : लॉकडाउन के दौरान राजस्थान सरकार की तरफ से श्रमिकों के लिए एक पोर्टल शुरू किया गया था. अलवर से उस पोर्टल में लाखों श्रमिकों ने रजिस्ट्रेशन कराया. इसके तहत प्रशासन की तरफ से बसों की मदद से श्रमिकों को उनके कर पहुंचाया गया है. वहीं प्रशासन ने गुरुवार को दो स्पेशल श्रमिक ट्रेनों की मदद से श्रमिकों को बिहार के सिवान और गया भेजा है.
बता दें कि दोपहर 3 बजे के आस-पास ट्रेन अलवर जंक्शन से रवाना हुई. प्रदेश के श्रम मंत्री टीकाराम जूली ने ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस दौरान प्रशासन की तरफ से खास इंतजाम किए गए थे.
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने वाले श्रमिकों को बसों की मदद से पहले बाबू शोभाराम कला महाविद्यालय के ग्राउंड में लाया गया, उसके बाद वहां से बसे लेकर श्रमिकों को स्टेशन पर पहुंचाया गया.
इस दौरान सभी श्रमिकों का मेडिकल जांच करवाने के बाद ट्रेन में बैठाया गया. सभी श्रमिकों के हाथ और सामान को सैनिटाइज कराया गया. साथ ही उनको मास्क दिए गए. प्रशासन की तरफ से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराते हुए श्रमिकों को ट्रेन में बैठाया गया. वहीं एक ट्रेन में 1440 श्रमिक बैठे थे.
दूसरी ट्रेन शाम 5 बजे अलवर जंक्शन से रवाना हुई. उसमें भी श्रमिकों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराते हुए जरूरी निर्देश दिए गए. एक सीट पर एक श्रमिक को बैठाया गया, जिससे श्रमिकों में दूरी बनी रहे.
प्रदेश के श्रम मंत्री टीकाराम जूली ने कहा कि सरकार की तरफ से सकारात्मक कदम उठाया गया है. 15 हजार श्रमिकों को उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचाया जाएगा.
प्रदेश के मुख्यमंत्री का श्रम मंत्री ने धन्यवाद देते हुए कहा कि अलवर में लाखों श्रमिक फंसे हुए थे. वहीं सरकार के इस कदम से सभी श्रमिकों को राहत मिलेगी.