श्रीनगर: शहला ने कश्मीर में हालात बेहद खराब होने का दावा करते हुए कई ट्वीट किए थे. शहला द्वारा किए गए इन ट्वीट्स में लिखा गया था कि जम्मू-कश्मीर पुलिस का कानून व्यवस्था बनाए रखने पर कोई जोर नहीं है. उनको बेअसर कर दिया गया है. सब कुछ सेना के हाथ में है. सीआरपीएफ की शिकायत के आधार पर एसएचओ का तबादला कर दिया जा रहा है. एसएचओ निहत्थे हैं. यहां तक कि उनके पास रिवाल्वर भी नहीं है.
वहीं एक अन्य ट्वीट में लिखा था कि सेना देर रात घरों में घुस रही है. लड़कों को उठा रही है. सारे घर को सेना खंगाल रही है. राशन को इधर-उधर जवान फेंक रहे हैं. चावल और तेल को एक साथ मिला दे रहे हैं. इलाके में और भी बहुत कुछ हो रहा है.
ट्वीट की श्रृंखला में एक अन्य ट्वीट में लिखा गया कि चार लोगों को आर्मी कैंप में बुलाया गया और फिर उनसे पूछताछ की गई. उन लोगों को परेशान किया गया. इस दौरान एक माइक रखा हुआ था, जिस पर सभी लोगों की चीख सुनाई दे रही थी. ऐसा करने के पीछे मकसद लोगों में खौफ पैदा करना था. इसके कारण पूरे इलाके में लोग डरे हुए हैं.
इन ट्वीट्स की श्रृंखला के बाद आर्मी का बयान सामने आया, जिसमें साभी आरोपों को सिरे से खारिज किया गया है. आर्मी की ओर से जारी बयान में कहा गया कि शहला राशिद द्वारा लगाए गए आरोप आधारहीन हैं. ऐसी असत्यापित और फर्जी खबरें असामाजिक तत्वों और संगठनों द्वारा अनसुनी आबादी को भड़काने के लिए फैलाई जाती हैं.
पढ़ें-कश्मीर पर फर्जी ट्वीट करने वाली शहला के खिलाफ शिकायत
सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अलख आलोक श्रीवास्तव ने उनके खिलाफ सोमवार को पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक को शिकायत दी थी. इसमें कहा गया है कि शहला राशिद जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट पार्टी से जुड़ी हुई हैं. बीते 18 अगस्त को शेहला ने अपने ट्विटर हैंडल से कश्मीर को लेकर एक के बाद एक कई ट्वीट किए. इनमें से दो ट्वीट में उसने सेना के खिलाफ आपत्तिजनक आरोप लगाए हैं, जो पूरी तरह से झूठे हैं.
शहला राशिद द्वारा लगाए गए आरोपों का सेना द्वारा खंडन किया गया है.