हैदराबाद: हर दिन आसमान छू रहीं ईंधन की कीमतें लोगों की जेब में डाका डाल रही है. ईंधन की बढ़ती कीमतों की वजह से आमजन अपने परिवारों का रख-रखाव ठीक ढंग से नहीं कर पा रहे, क्योंकि उनकी आय का आधा हिस्सा ईंधन को भरवाने में चला जाता है.
वायु प्रदूषण से हो रहा प्रकृति को नुकसान
वहीं, वायु प्रदूषण बढ़ने से पारिस्थितिक असंतुलन भी पैदा हो रहा है. इसके परिणामस्वरूप प्राकृतिक आपदाएं आ रही हैं, जो राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के लिए विनाशकारी है. इन सबको देखते हुए सरकार इको-फ्रेंडली वाहनों को बढ़ावा दे रही है और बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन और बिक्री को प्रोत्साहित भी कर रही है. इन सबको देखने के बाद तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद के युवा शशिधर ने अपने अनूठे विचार 'मेड इन हैदराबाद' के साथ इको-फ्रेंडली लिथियम बैटरी बनाने की तैयारी की है. शशिधर के मुताबिक, वह प्रत्येक बैटरी सिर्फ 10 रुपये में बनाते हैं और 70 से 80 किमी तक वाहन चलाने में मदद करती है.
प्रदूषण कम करने को निकाला तरीका
हैदराबाद के युवा शशिधर ने बताया कि प्रदूषण कम करने और ईंधन की बचत करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें इलेक्ट्रिक वाहनों पर जोर दे रही हैं. इससे कई युवाओं को उस दिशा में जाना पड़ा. शशिधर ऐसी लिथियम बैटरी बनाने का प्रयास कर रहे हैं, जो इको-फ्रेंडली और कम लागत वाली हो. शशिधर हैदराबाद में उप्पल क्षेत्र में रहते हैं. उन्होंने एक स्टार्टअप कंपनी लायन एनर्जी शुरू की है, जो पर्यावरण के अनुकूल लिथियम बैटरी का उत्पादन करती है.
दोस्तों के साथ मिलकर शुरू की कंपनी
शशिधर ने बताया कि लिथियम बैटरी की ज्यादातर कंपनियां उत्तर भारत में हैं और दक्षिणी क्षेत्र इस पर भरोसा कर रहा है. उत्तर से दक्षिण तक उन्हें आयात करने से उनकी कीमतों में वृद्धि हो जाती है. इसे ध्यान में रखते हुए शशिधर ने इस समस्या को दूर करने के लिए एक स्थायी विकल्प निकाला है. अपने दोस्तों के साथ मिलकर उन्होंने इलेक्ट्रिक लिथियम बैटरी की एक नई कंपनी शुरू की है.
हैदराबाद के युवा शशिधर ने 2019 में लिथियम बैटरी के उत्पादन, उपयोग, दीर्घायु और खर्जों को लेकर एक वर्ष तक रिसर्च किया. सारे रिसर्च के बाद ही शशिधर ने लिथियम बैटरी के उत्पादन में कदम रखा. विशेषज्ञों और इंजीनियरों की मदद से वह स्थानीय स्तर पर कम लागत वाली लिथियम बैटरी का उत्पादन कर रहे हैं जो कारों, मोटर बाइक और साइकिल के लिए अनुरूप है. हर दिन वह कार और बाइक के लिए 20 बैटरी और साइकिल के लिए 30 से 40 बैटरी का उत्पादन करते हैं.
राज्य सरकार से मदद की उम्मीद
युवा शशिधर ने बताया कि उसने दोस्तों के साथ लिथियम बैटरी के बारे में जानकारी लेने के बाद कारों और दुपहिया वाहनों के लिए भी उत्पादन करना शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा कि वह कोलकाता, चेन्नई और अहमदाबाद को निर्यात करने के अलावा ग्राहकों को बैटरी और रिचार्ज किट भी प्रदान कर रहे हैं.
उन्होंने बताया कि वह केवल बैटरी का उत्पादन नहीं कर रहे, बल्कि वाहन में किसी प्रकार की समस्या आती है तो वह उसका समाधान भी करते हैं. शशिधर तेलंगाना सरकार उम्मीद कर रहे हैं कि वह बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रिक वाहन बनाने का समर्थन करे. शशिधर ने कहा कि वह सरकार से अपनी ई-वाहन नीति के माध्यम से उनकी कंपनी की मदद करने के लिए आग्रह कर रहे हैं.
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आने वाले दिनों में लीथियम बैटरी का बेहतर भविष्य
वहीं, एक्सपर्ट्स को लगता है कि इको-फ्रेंडली लिथियम बैटरी के उत्पादन में शामिल कंपनियों या इलेक्ट्रिक बैटरियों का बेहतर भविष्य है. उन्हें लगता है कि अगर सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करती है तो लिथियम बैटरी को अच्छा समर्थन और संरक्षण मिलेगा.
शशिधर आम परिवारों को वाहन खरीदने और उनके रख-रखाव के लिए कम लागत वाली बैटरी का उत्पादन करने का पूरा प्रयास कर रहे हैं. इसके साथ-साथ वह हैदराबाद के अलावा देश के अन्य प्रसिद्ध शहरों में अपने व्यवसाय का विस्तार करने और अपनी लिथियम बैटरी की आपूर्ति करने की योजना बना रहे हैं.