नई दिल्ली: गालिब को याद करते हुए उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट से लिखा कि खुदा की मोहब्बत को कौन करेगा?. सभी बन्दे नेक हों तो गुनाह कौन करेगा?.
ऐ! खुदा मेरे दोस्तों को सलामत रखना. वरना मेरी सलामती की दुआ कौन करेगा. और रखना मेरे दुश्मनों को भी महफूज़वरना मेरी तेरे पास आने की दुआ कौन करेगा...
मिर्ज़ा ग़ालिब का 220 वां जन्मदिन इतनी महान लाइनें...
थरूर के इस ट्वीट का जवाब देते हुए मशहूर गीतकार जावेद अख्तर ने कहा, शशि जी, जिन्होंने भी आपको ये पंक्तियाँ दी हैं, उन पर फिर कभी भरोसा नहीं करना. यह स्पष्ट है कि कुछ लोगों ने आपके खजाने में ये पंक्तियां, आपकी साहित्यिक विश्वसनीयता के साथ तोड़ मरोड़ करने के लिए जोड़ी हैं.
दरअसल, जावेद अख्तर उनको इस बात की जानकारी दे रहा थे कि शनिवार को मिर्जा गालिब का जन्मदिन नहीं था.
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जिसके बाद उन्होंने एक और ट्वीट करते हुए लिखा कि गालिब सबसे पसंदीदा कवि हैं, लेकिन आज उनका जन्मदिन नहीं है.मुझे इसकी गलत जानकारी दी गई थी. खैर इन खूबसूरत पंक्तियों का मजा लीजिए.
इसके अलावा उन्होंने जावेद अख्तर और अन्य दोस्तों के लिए धन्यवाद, मुझे एहसास हो गया है कि मुझसे गलती हो गई है. यह लाइनें गालिब की नहीं हैं. जिस तरह हर चतुर को विंस्टन चर्चिल को जिम्मेदार ठहराया जाता है, भले ही उसने कभी कुछ न कहा हो, इसलिए ऐसा लगता है कि जब भी लोग शायरी पसंद करते हैं, तो वे इसके लिए ग़ालिब को श्रेय देते हैं! क्षमा