नई दिल्ली : सांसदों के निलंबन मामले को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार की प्रतिक्रिया सामने आई है. पवार का कहना है कि मैं भी उनके (आठ निलंबित राज्यसभा सांसदों) आंदोलन में हिस्सा लूंगा और उनके समर्थन में एक दिन का उपवास रखूंगा.
एक दिन के उपवास पर उपसभापति
राज्य सभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि राज्य सभा के उपसभापति हरिवंश ने लोकतंत्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए मुझे पत्र लिखकर बताया कि उनके साथ कैसा व्यवहार किया गया. उन्होंने मुझे लिखा है कि लोगों की चेतना जगाने के लिए वे एक दिन का उपवास रख रहे हैं. वह आज निलंबित सांसदों से मुलाकात करने के लिए पहुंचे और चाय भी दी. हम सभी उनकी तारीफ कर रहे हैं. हम संसदीय लोकतंत्र में इस तरह के व्यवहार को स्वीकार नहीं कर सकते. नायडू ने विपक्षी नेताओं से पुनर्विचार, आत्मनिरीक्षण, सदन में चर्चा में भाग लेने के लिए लौटने का आग्रह किया.
गौरतलब है कि राज्य सभा के सभापति वेंकैया नायडू ने सोमवार को विपक्ष के आठ सांसदों को एक सप्ताह के लिए निलंबित कर दिया. इन सांसदों ने रविवार को कृषि बिल पर वोटिंग के दौरान उपसभापति को काम करने से रोका था.
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ऐसे में किसानों से जुड़े विधेयकों और आठ सांसदों के निलंबन पर विपक्ष आगबबूला है. हालांकि, निलंबित सांसदों ने आज अपना धरना खत्म कर लिया.
आपको बता दें कि जिन सांसदों को निलंबित किया गया है, वे हैं डेरेक ओ ब्राइन, राजीव साटव, संजय सिंह, केके रागेश, रिपुन बोरा, डोला सेन, सैयद नासिर हुसैन और एलामारन करीम.
सभापति वेंकैया नायडू ने कहा कि रविवार का दिन राज्य सभा के लिए बुरा दिन था. जब कुछ सदस्य सदन के वेल में आए. इस दौरान उपसभापति को शारीरिक रूप से खतरा था. यह दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है.
नायडू ने कहा कि मैं आप लोगों को सुझाव देना चाहता हूं कि सदन की मर्यादा को बचाए रखने के लिए आत्म निरीक्षण कीजिए. आप लोगों ने माइक तोड़ दिए. रूल बुक फाड़ दिए. क्या ऐसे संसद चलेगा.