नई दिल्ली : एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने सोमवार को यहां कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की. दोनों के बीच लगभग एक घंटे तक बातचीत हुई, जिसमें महाराष्ट्र में मौजूदा हालात पर चर्चा हुई.
बैठक के बाद पवार ने कहा कि शिवसेना के साथ गठबंधन को लेकर फिलहाल कोई बातचीत नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि एनसीपी के पास इतने नंबर ही नहीं कि वह सरकार बना सके. उन्होंने आगे कहा, जल्द ही सोनिया से फिर मुलाकात करेंगे और उनसे राज्य के राजनीतिक हालात के बारे में चर्चा करेंगे.
यह पूछे जाने पर कि क्या वह एक बार फिर महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनने के लिए तैयार हैं, उन्होंने कहा, 'नहीं, हमें विपक्ष में बैठने का जनादेश मिला है, लेकिन पता नहीं आगे क्या होगा.'
भाजपा और शिवसेना के बीच चल रही खींचतान क्या 'बार्गेनिंग गेम' है, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि यह 'बार्गेनिंग गेम' नहीं, बल्कि 'सीरियस गेम' है.
ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी दो भागों में बंट चुकी है, जिनमें एक का कहना है की महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ गठबंधन करने के लिए सबसे पहले शिवसेना को अपने और बीजेपी के गठबंधन को तोड़ने की बात सार्वजनिक करनी होगी, वहीं दूसरे ग्रुप का यह मानना है कि दोनों दलों में विचारधाराओं का बहुत अंतर है.
हालांकि सूत्रों से मिली खबर के अनुसार कांग्रेस पार्टी ने बिना कोई जल्दबाजी दिखाते हुए गठबंधन का पूरा फैसला शरद पवार पर छोड़ दिया है.
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में किसी भी पार्टी या गठबंधन ने अब तक सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया है.
इससे पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता अजित पवार ने कहा था, 'शरद पवार सोमवार को दिल्ली जाएंगे. मेरे पास सूचना है कि उनकी और सोनिया गांधी के बीच हाल में फोन पर बात हुई थी...वह (दिल्ली में) उनसे बात करेंगे...काफी कुछ इस पर निर्भर करेगा कि उनके बीच क्या चर्चा होती है.'
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बता दें कि अजित पवार महाराष्ट्र में पूर्ववर्ती कांग्रेस-राकांपा सरकार में उप मुख्यमंत्री रह चुके हैं.
उन्होंने कहा, 'यद्यपि कांग्रेस और राकांपा का परिणाम वाले दिन से ही यह कहना है कि उन्हें विपक्ष में बैठने का जनादेश मिला है. हमने खुद को विपक्ष में बैठने के लिए तैयार किया है.'
महाराष्ट्र में किसी भी पार्टी या गठबंधन ने अभी तक सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया है.
भाजपा और शिवसेना ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. यद्यपि दोनों के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान चल रही है. ऐसी अटकलें थीं कि शिवसेना सरकार बनाने के लिए राकांपा के साथ हाथ मिला सकती है और कांग्रेस बाहर से समर्थन दे सकती है.
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कुछ प्रदेश कांग्रेस नेताओं ने कहा है कि पार्टी को भाजपा को सत्ता से बाहर रखने के लिए शिवसेना का समर्थन करना चाहिए. यद्यपि शरद पवार ने कहा है कि उनकी पार्टी विधानसभा में विपक्ष में बैठेगी.
गत 24 अक्टूबर को घोषित चुनाव परिणाम में 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 105 सीटें, उसकी सहयोगी शिवसेना ने 56, राकांपा ने 54 और कांग्रेस ने 44 सीटें जीती थीं. भाजपा और शिवसेना ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. यद्यपि दोनों के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान चल रही है.