नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि नगा समूहों के साथ समझौता करने से पहले सभी हितधारकों से बात की जाएगी. गृह मंत्रालय ने कहा है कि मीडिया में ऐसी अफवाहें हैं कि नगा समझौता हो चुका है, और जल्द ही इसका एलान किया जाएगा.
बकौल गृह मंत्रालय, इन अफवाहों से देश के कुछ हिस्सों में चिंता और घबराहट है. ऐसी अफवाहों पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है.
इन खबरों को लेकर गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि नगा समूहों के साथ किसी भी अंतिम समझौते से पहले असम, मणिपुर और अरुणाचल के हितधारकों के साथ विचार किया जाएगा.
इससे पहले खबरों के मुताबिक नगालैंड में सात दशक पुरानी उग्रवाद समस्या के अंतिम समाधान निकालने के लिए 29 अक्टूबर तक गतिरोध बरकरार रहने की बातें सामने आई थी. खबरों के मुताबिक 29 अक्टूबर को दूसरे दिन की वार्ता की गई.
केंद्र के वार्ताकार और राज्यपाल आर एन रवि ने एनएससीएन-आईएम और सात संगठनों के शीर्ष संगठन के साथ अलग-अलग वार्ता की. अधिकारियों ने इस बारे में बताया.
नगा नेशनल पॉलिटिकल ग्रुप्स (एनएनपीजी) के साथ वार्ता निष्कर्ष की ओर आगे बढ़ रही है, जबकि पूर्वोत्तर में बड़ा उग्रवादी समूह एनएससीएन-आईएम नगाओं के लिए अलग झंडा और संविधान की अपनी मांग पर अड़ा हुआ है.
घटनाक्रम से परिचित एक अधिकारी ने कहा, 'वार्ताकार ने सुबह में एनएनपीजी और दोपहर में एनएससीएन-आईएम के साथ चर्चा की. जल्द ही फिर वार्ता होने की संभावना है.'
मतभेद दूर करने, खासकर एनएससीएल-आईएम की मांग के संबंध में अड़चन दूर करने के लिए दिल्ली में वार्ता बुलायी गयी थी. हालांकि, केंद्र अलग झंडा और अलग संविधान जैसी मांगों को पहले ही खारिज कर चुका है.
पिछले सप्ताह रवि ने कहा कि आपसी सहमति से सभी महत्वपूर्ण मुद्दों सहित एक समग्र मसौदा समझौता अंतिम रूप देने के लिए तैयार है.
(एक्सट्रा इनपुट- पीटीआई)