तिरुवनंतपुरम : सायनाइड मोहन को मैंगलोर के जिला और सत्र न्यायाधीश (VI) की अदालत में दोषी करार दिया गया. अदालत पहले भी मोहन को बलात्कार और हत्या के मामलों में दोषी करार चुकी है.
दरअसल, अप्रैल, 2009 में केरल के कुंबाले बस अड्डे पर मोहन एक महिला से मिला. महिला उसकी फैक्ट्री में काम करती थी. मोहन ने खुद का परिचय आनंद पुजारी के रूप में दिया. बाद में 21 मई, 2009 को मोहन, उस महिला के साथ कर्नाटक के कुशालंगारा चला गया. मोहन ने महिला को शादी का झांसा देकर उसके साथ दुष्कर्म किया.
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इसके अगले दिन सुबह मोहन उसे पास के बस स्टॉप पर ले गया और उसे गर्भनिरोधक गोली कहकर साइनाइड दे दिया. साइनाइड खाने के बाद महिला शौचालय में मृत पड़ी मिली. फिर मोहन लॉज चला गया. वहां जाकर महिला के सभी स्वर्ण आभूषणों को इकट्ठा कर वहां से भाग निकला.
तीन दिनों के बाद महिला के माता-पिता ने पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराई कि उनकी बेटी गायब है. इसके बाद सितंबर 2009 में मोहन की गिरफ्तारी के बाद यह घटना सामने आई.
गौरतलब है, यह 17वां मामला था जिसमें मोहन को दोषी ठहराया गया है. मोहन पर 2003 से 2009 के बीच कई महिलाओं की हत्या का आरोप था. उसे तीन मामलों में मौत की सजा और अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. 2017 में, कर्नाटक उच्च न्यायालय ने एक मामले में मृत्यु तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.
पुलिस के अनुसार मोहन ने सभी 20 मामलों में इसी तरीके (same modus operandi) से वारदात को अंजाम दिया है.