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मोदी-ट्रंप मुलाकात से पहले पोम्पिओ 24 जून को आएंगे भारत

माइक पोम्पिओ ने कहा है कि नई दिल्ली की उनकी आगामी यात्रा के दौरान भारत के साथ अमेरिका के बेहद महत्वपूर्ण संबंधों को आगे बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा. पढ़ें पूरी खबर....

अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ 24 जून को आएंगे भारत
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Published : Jun 11, 2019, 9:26 PM IST

वाशिंगटन: अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा है कि नई दिल्ली की उनकी आगामी यात्रा के दौरान भारत के साथ अमेरिका के बेहद महत्वपूर्ण संबंधों को आगे बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा.

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 'मुक्त और खुले' हिंद-प्रशांत क्षेत्र के साझा लक्ष्य को लेकर रणनीति में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका है. इस क्षेत्र में चीन अपना वर्चस्व बढ़ाना चाहता है.

विदेश विभाग की प्रवक्ता मोर्गन ओर्टागस ने कहा कि पोम्पिओ 24 जून को नयी दिल्ली रवाना होंगे. उनकी यात्रा 28-29 जून को जापान के ओसाका में समूह 20 की बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की मुलाकात के पहले होगी.

माइक पोम्पियो के भारत दौरे के बारे में जानकारी देते ईटीवी भारत संवाददाता

पोम्पिओ 24 जून से हिंद-प्रशांत क्षेत्र की करीब सप्ताह भर लंबी यात्रा के दौरान सबसे पहले नयी दिल्ली और सबसे आखिर में दक्षिण कोरिया जाएंगे. इस दौरान वह श्रीलंका और जापान की भी यात्रा करेंगे.

पोम्पिओ अपनी यात्रा आरंभ करने से पहले 12 जून को 'इंडिया आइडियाज समिट ऑफ अमेरिका-इंडिया बिजनेस काउंसिल' को भी संबोधित करेंगे.

पढ़ेंः थियानमेन नरसंहार: पोम्पियो ने कहा, अमेरिका को चीन से मानवाधिकार में सुधार की उम्मीद नहीं

पोम्पिओ ने भारत और अमेरिका के संबंधों को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए सोमवार को अमेरिकी विदेश मंत्रालय के फॉगी बॉटम मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा, 'यात्रा की तैयारी करने के लिए मैं प्रमुख भारतीय कारोबारियों के समूह से बातचीत करूंगा. मेरी यात्रा दो सप्ताह में शुरू होगी और इस दौरान मैं भारत जाऊंगा. यह (अमेरिका के) राष्ट्रपति (डोनाल्ड) ट्रम्प की हिंद प्रशांत में रणनीति का अहम हिस्सा है.'

ओर्टागस ने संवाददाताओं को बताया कि पोम्पिओ हिंद-प्रशांत क्षेत्र में 24 जून से 30 जून तक यात्रा करेंगे. इस यात्रा का मकसद मुक्त हिंद प्रशांत के साझा लक्ष्य को आगे बढ़ाने के लिए प्रमुख देशों के साथ अमेरिका के संबंध गहरे करना है.

उन्होंने कहा, 'मंत्री का पहला पड़ाव भारत की राजधानी नयी दिल्ली होगा. प्रधानमंत्री (नरेंद्र) मोदी को चुनाव में हाल में मिली जीत उन्हें एक अच्छा मौका मुहैया कराती है कि वह भारत संबंधी अपनी मजबूत एवं समृद्ध योजना को लागू कर सकें. भारत वैश्विक मंच पर अहम भूमिका निभाता है.'

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन द्वारा सैन्य ताकत बढ़ाने के बीच भारत, अमेरिका और दुनिया की अन्य ताकतें मुक्त और खुले भारत-प्रशांत क्षेत्र की बात करते हैं . चीन हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपनी सैन्य मौजूदगी का विस्तार करने की कोशिश कर रहा है .

चीन तकरीबन समूचे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है. वियतनाम, फिलीपीन, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान भी अपना दावा जताते रहे हैं.

वाशिंगटन: अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा है कि नई दिल्ली की उनकी आगामी यात्रा के दौरान भारत के साथ अमेरिका के बेहद महत्वपूर्ण संबंधों को आगे बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा.

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 'मुक्त और खुले' हिंद-प्रशांत क्षेत्र के साझा लक्ष्य को लेकर रणनीति में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका है. इस क्षेत्र में चीन अपना वर्चस्व बढ़ाना चाहता है.

विदेश विभाग की प्रवक्ता मोर्गन ओर्टागस ने कहा कि पोम्पिओ 24 जून को नयी दिल्ली रवाना होंगे. उनकी यात्रा 28-29 जून को जापान के ओसाका में समूह 20 की बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की मुलाकात के पहले होगी.

माइक पोम्पियो के भारत दौरे के बारे में जानकारी देते ईटीवी भारत संवाददाता

पोम्पिओ 24 जून से हिंद-प्रशांत क्षेत्र की करीब सप्ताह भर लंबी यात्रा के दौरान सबसे पहले नयी दिल्ली और सबसे आखिर में दक्षिण कोरिया जाएंगे. इस दौरान वह श्रीलंका और जापान की भी यात्रा करेंगे.

पोम्पिओ अपनी यात्रा आरंभ करने से पहले 12 जून को 'इंडिया आइडियाज समिट ऑफ अमेरिका-इंडिया बिजनेस काउंसिल' को भी संबोधित करेंगे.

पढ़ेंः थियानमेन नरसंहार: पोम्पियो ने कहा, अमेरिका को चीन से मानवाधिकार में सुधार की उम्मीद नहीं

पोम्पिओ ने भारत और अमेरिका के संबंधों को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए सोमवार को अमेरिकी विदेश मंत्रालय के फॉगी बॉटम मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा, 'यात्रा की तैयारी करने के लिए मैं प्रमुख भारतीय कारोबारियों के समूह से बातचीत करूंगा. मेरी यात्रा दो सप्ताह में शुरू होगी और इस दौरान मैं भारत जाऊंगा. यह (अमेरिका के) राष्ट्रपति (डोनाल्ड) ट्रम्प की हिंद प्रशांत में रणनीति का अहम हिस्सा है.'

ओर्टागस ने संवाददाताओं को बताया कि पोम्पिओ हिंद-प्रशांत क्षेत्र में 24 जून से 30 जून तक यात्रा करेंगे. इस यात्रा का मकसद मुक्त हिंद प्रशांत के साझा लक्ष्य को आगे बढ़ाने के लिए प्रमुख देशों के साथ अमेरिका के संबंध गहरे करना है.

उन्होंने कहा, 'मंत्री का पहला पड़ाव भारत की राजधानी नयी दिल्ली होगा. प्रधानमंत्री (नरेंद्र) मोदी को चुनाव में हाल में मिली जीत उन्हें एक अच्छा मौका मुहैया कराती है कि वह भारत संबंधी अपनी मजबूत एवं समृद्ध योजना को लागू कर सकें. भारत वैश्विक मंच पर अहम भूमिका निभाता है.'

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन द्वारा सैन्य ताकत बढ़ाने के बीच भारत, अमेरिका और दुनिया की अन्य ताकतें मुक्त और खुले भारत-प्रशांत क्षेत्र की बात करते हैं . चीन हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपनी सैन्य मौजूदगी का विस्तार करने की कोशिश कर रहा है .

चीन तकरीबन समूचे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है. वियतनाम, फिलीपीन, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान भी अपना दावा जताते रहे हैं.

Intro:The U.S. State Department has ended speculations hovering around Secreatary of State Mike Pompeo's scheduled visit to India. In the press briefing today, U.S. State Department's spokesperson Morgan Ortagus announced that Secretary Pompeo will visit India on June 24.


Body:Announcing about Secretary Pompeo's plan, the state department spokesperson Morgan Ortagus said, 'Secretary Pompeo will travel to the Indo-Pacific region on June 24-30. To broaden and deepen our partnership to key countries to advance our shared goal of a free and open Indo-Pacific.'

She further added saying, 'Secreatary Pompeo's first stop will be New Delhi in India. PM Modi's recent re-election provides him an excellent opportunity to implement his vision for a strong and prosperous India that plays a leading role at the global stage.'






Conclusion:After India, Secretary Pompeo will visit Sri Lanka. He will express solidarity with the people of Ceylon who have recently suffered from one of the biggest terror attacks on their soil.

Secretary Pompeo will also travel Japan to take part in the G20 summit. There, he will join President Trump and meet Japanese PM Shinzo Abe to discuss de-denuclearization of North Korea. And at the end, he will accompany President Donald Trump to the Republic of Korea.
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