नई दिल्ली : मध्य प्रदेश की राजनीति को हिला देने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया का जन्म एक जनवरी 1971 को मुंबई में हुआ. उनके पिता माधवराव सिंधिया ग्वालियर राजघराने के वारिस थे. माधवराव गुना सीट से लोकसभा के सांसद और मंत्री भी रहे. ज्योतिरादित्य 31 साल के थे, जब उनके पिता माधवराव सिंधिया की विमान दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी. ज्योतिरादित्य ने अपने पिता की विरासत सहेजते हुए राजनीति में कदम रखा. वह ग्वालियर की मराठा रियासत के अंतिम शासक रहे माधो राव सिंधिया के पोते हैं.
ज्योतिरादित्य अपने पिता की 20,000 करोड़ रुपये की संपत्ति के एकमात्र उत्तराधिकारी होने का दावा करते हैं. उन्होंने अर्थशास्त्र में स्नातक किया है. उनका विवाह 12 दिसंबर1994 को गायकवाड़ मराठा के शाही परिवार की बेटी प्रियदर्शनी से हुआ. उनका एक बेटा और एक बेटी है. ज्योतिरादित्य की दादी विजयाराजे सिंधिया भाजपा के संस्थापक सदस्यों में से एक थीं. उनके पिता ने भी जनसंघ से ही अपनी राजनीति की शुरुआत की थी. ज्योतिरादित्य की बुआ वसुंधरा राजे भाजपा की बड़ी नेता हैं और मुख्यमंत्री रह चुकी हैं.
ज्योतिरादित्य की उपलब्धियां व राजनीतिक गतिविधियां
ज्योतिरादित्य सिंधिया 2002 में गुना निर्वाचन क्षेत्र से 13वीं लोकसभा के लिए चुने गए. इस दौरान वह वित्त मामलों की समिति और विदेश मामलों की समिति के सदस्य भी रहे. इसके बाद वह 2004 में 14वीं लोकसभा के लिए फिर से निर्वाचित हुए. इस बार वह रक्षा संबंधी समिति और वित्त संबंधी समिति के सदस्य रहे.
2008 में ज्योतिरादित्य संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के राज्य मंत्री बने .
2009 में वह 15वीं लोकसभा के लिए फिर से निर्वाचित हुए. इसके बाद उन्हें केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री बनाया गया. वह 2012 में केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री बने. 2013 में मध्य प्रदेश अभियान समिति के प्रमुख बनाए गए.
राजनीति के अलावा ज्योतिरादित्य ने मॉर्गन स्टेनली और मेरिल लिंच में एक निवेश बैंकर के रूप में कार्य किया. सिंधिया ने संयुक्त राष्ट्र आर्थिक विकास प्रकोष्ठ में एक प्रशिक्षु के रूप में काम भी किया.
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वह मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (MPCA) के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. साथ ही ज्योतिरादित्य दिल्ली जिमनाखाना, दिल्ली गोल्फ क्लब, क्लासिक गोल्फ कोर्स, डीएलएफ गोल्फ कोर्स, इंडिया इंटरनेशनल सेंटर और इंडिया हैबिटेट सेंटर के सदस्य भी हैं.