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कोरोना प्रतिरूपण रोकने की नई पद्धति विकसित, दवा बनाने में मिलेगी मदद

अमेरिका के सैन एंटोनियो में टेक्सास स्वास्थ्य विज्ञान केंद्र विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं सहित विभिन्न शोधकर्ताओं ने दो अणुओं का पता लगाया है, जो सार्स-कोव-2-पीएलप्रो नामक कोरोना वायरस द्वारा उपयोग किए जाने वाले अणु संबंधी 'सीजर' एंजाइम (किण्वक) को रोकते हैं.

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Published : Oct 17, 2020, 3:31 PM IST

ह्यूस्टन : वैज्ञानिकों ने एक ऐसे प्रोटीन को रोकने की पद्धति विकसित की है, जिसका इस्तेमाल नोवेल कोरोना वायरस प्रतिरक्षा तंत्र के महत्वपूर्ण घटकों को निष्क्रिय करने के लिए किया जाता है. इस खोज से कोविड-19 के इलाज के लिए नई दवा बनाने में मदद मिल सकती है.

अमेरिका के सैन एंटोनियो में टेक्सास स्वास्थ्य विज्ञान केंद्र विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं सहित विभिन्न शोधकर्ताओं ने दो अणुओं का पता लगाया है, जो सार्स-कोव-2-पीएलप्रो नामक कोरोना वायरस द्वारा उपयोग किए जाने वाले अणु संबंधी 'सीजर' एंजाइम (किण्वक) को रोकते हैं.

'साइंस' पत्रिका में प्रकाशित शोध में कहा गया है कि सार्स-कोव-2-पीएलप्रो वायरल और मानव प्रोटीन दोनों को संवेदित और संसाधित करके संक्रमण को बढ़ावा देता है.

पढ़ें-कोरोना से जंग : डेढ़ महीने में पहली बार सक्रिय मामले आठ लाख से नीचे

यूटी हेल्थ सैन एंटोनियो में जैव रसायन और संरचनात्मक जीव विज्ञान के सहायक प्रोफेसर तथा वरिष्ठ शोध लेखक शॉन के ऑल्सन ने कहा कि यह एंजाइम दोहरा रूप धारण कर लेता है. ऑल्सन ने कहा कि यह प्रोटीन को निकलने के लिए प्रोत्साहित करता है, जो वायरस के दोहरा रूप धारण करने लिए आवश्यक है और यह साइटोकिन्स और केमोकिंस नामक अणुओं को भी रोकता है, जो संक्रमण पर हमला करने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली को संकेत देते हैं.

वैज्ञानिकों ने ऐसे अवरोधकों का पता लगाया है, जो सार्स-कोव-2-पीएलप्रो की गतिविधि को अवरुद्ध करने में बहुत कुशल हैं.

ह्यूस्टन : वैज्ञानिकों ने एक ऐसे प्रोटीन को रोकने की पद्धति विकसित की है, जिसका इस्तेमाल नोवेल कोरोना वायरस प्रतिरक्षा तंत्र के महत्वपूर्ण घटकों को निष्क्रिय करने के लिए किया जाता है. इस खोज से कोविड-19 के इलाज के लिए नई दवा बनाने में मदद मिल सकती है.

अमेरिका के सैन एंटोनियो में टेक्सास स्वास्थ्य विज्ञान केंद्र विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं सहित विभिन्न शोधकर्ताओं ने दो अणुओं का पता लगाया है, जो सार्स-कोव-2-पीएलप्रो नामक कोरोना वायरस द्वारा उपयोग किए जाने वाले अणु संबंधी 'सीजर' एंजाइम (किण्वक) को रोकते हैं.

'साइंस' पत्रिका में प्रकाशित शोध में कहा गया है कि सार्स-कोव-2-पीएलप्रो वायरल और मानव प्रोटीन दोनों को संवेदित और संसाधित करके संक्रमण को बढ़ावा देता है.

पढ़ें-कोरोना से जंग : डेढ़ महीने में पहली बार सक्रिय मामले आठ लाख से नीचे

यूटी हेल्थ सैन एंटोनियो में जैव रसायन और संरचनात्मक जीव विज्ञान के सहायक प्रोफेसर तथा वरिष्ठ शोध लेखक शॉन के ऑल्सन ने कहा कि यह एंजाइम दोहरा रूप धारण कर लेता है. ऑल्सन ने कहा कि यह प्रोटीन को निकलने के लिए प्रोत्साहित करता है, जो वायरस के दोहरा रूप धारण करने लिए आवश्यक है और यह साइटोकिन्स और केमोकिंस नामक अणुओं को भी रोकता है, जो संक्रमण पर हमला करने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली को संकेत देते हैं.

वैज्ञानिकों ने ऐसे अवरोधकों का पता लगाया है, जो सार्स-कोव-2-पीएलप्रो की गतिविधि को अवरुद्ध करने में बहुत कुशल हैं.

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