ETV Bharat / bharat

दो दोषियों की समीक्षा याचिका खारिज, दायर कर सकते हैं दया याचिका

उच्चतम न्यायालय की पांच सदस्यीय पीठ ने निर्भया मामले में दो दोषियों की ओर से दायर समीक्षा याचिका को खारिज कर दिया है. बता दें, दोनों दोषियों को अब 22 जनवरी को फांसी दी जानी है, किंतु राष्ट्रपति के पास दया याचिका का अंतिम विकल्प अभी खुला है. पढे़ं पूरा विवरण...

sc-to-hear-curative-petitions-of-2-death-row-convicts-in-nirbhaya-case
निर्भया मामला
author img

By

Published : Jan 14, 2020, 10:28 AM IST

Updated : Feb 28, 2020, 3:24 AM IST

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय की पांच सदस्यीय पीठ ने निर्भया मामले में चार में से दो दोषियों की ओर से दायर समीक्षा याचिका को खारिज कर दिया है. निर्भया के दोषियों को अब 22 जनवरी को फांसी दी जानी है. अंतिम विकल्प के तौर पर यह राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर कर सकते हैं.

इसके पहले आज निर्भया की मां ने भी उम्मीद जाहिर की थी कि उनकी याचिका को खारिज कर दिया जाएगा और उन्हें 22 जनवरी को फांसी दी जाएगी और निर्भया को न्याय मिलेगा.

पढ़ें : पुतलों को फंदे पर लटकाकर किया निर्भया के दोषियों को फांसी देने का अभ्यास

बता दें, न्यायमूर्ति एन वी रमणा, न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन, न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ विनय शर्मा और मुकेश की ओर से दायर समीक्षा याचिका पर अपराह्न पौन दो बजे सुनवाई की गई.

बता दें कि समीक्षा याचिकाओं पर फैसला न्यायाधीशों के कक्ष में होता है. यह किसी भी व्यक्ति के लिए सजा से बचने का अंतिम न्यायिक रास्ता है. इसके बाद दोषियों के पास अंतिम विकल्प राष्ट्रपति के पास दया याचिका का होगा. राष्ट्रपति अनुच्छेद 72 के तहत दया याचिका पर सुनवाई करते हैं. यदा याचिका मिलने के बाद राष्ट्रपति गृह मंत्रालय से रिपोर्ट मांगते हैं. मंत्रालय की सिफारिश के बाद राष्ट्रपति याचिका पर निर्णय लेते हैं. यदि राष्ट्रपति इस आवेदन को खारित कर देते हैं, तो दोषियों को फांसी होना तय है.

मौत की सजा पाने वाले अन्य दो दोषियों अक्षय और पवन गुप्ता ने समीक्षा याचिका दायर नहीं की है.

गौरतलब है कि निचली अदालत ने चारों दोषियों को 22 जनवरी को सुबह सात बजे फांसी देने के लिए मौत का वारंट जारी कर दिया है.

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय की पांच सदस्यीय पीठ ने निर्भया मामले में चार में से दो दोषियों की ओर से दायर समीक्षा याचिका को खारिज कर दिया है. निर्भया के दोषियों को अब 22 जनवरी को फांसी दी जानी है. अंतिम विकल्प के तौर पर यह राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर कर सकते हैं.

इसके पहले आज निर्भया की मां ने भी उम्मीद जाहिर की थी कि उनकी याचिका को खारिज कर दिया जाएगा और उन्हें 22 जनवरी को फांसी दी जाएगी और निर्भया को न्याय मिलेगा.

पढ़ें : पुतलों को फंदे पर लटकाकर किया निर्भया के दोषियों को फांसी देने का अभ्यास

बता दें, न्यायमूर्ति एन वी रमणा, न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन, न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ विनय शर्मा और मुकेश की ओर से दायर समीक्षा याचिका पर अपराह्न पौन दो बजे सुनवाई की गई.

बता दें कि समीक्षा याचिकाओं पर फैसला न्यायाधीशों के कक्ष में होता है. यह किसी भी व्यक्ति के लिए सजा से बचने का अंतिम न्यायिक रास्ता है. इसके बाद दोषियों के पास अंतिम विकल्प राष्ट्रपति के पास दया याचिका का होगा. राष्ट्रपति अनुच्छेद 72 के तहत दया याचिका पर सुनवाई करते हैं. यदा याचिका मिलने के बाद राष्ट्रपति गृह मंत्रालय से रिपोर्ट मांगते हैं. मंत्रालय की सिफारिश के बाद राष्ट्रपति याचिका पर निर्णय लेते हैं. यदि राष्ट्रपति इस आवेदन को खारित कर देते हैं, तो दोषियों को फांसी होना तय है.

मौत की सजा पाने वाले अन्य दो दोषियों अक्षय और पवन गुप्ता ने समीक्षा याचिका दायर नहीं की है.

गौरतलब है कि निचली अदालत ने चारों दोषियों को 22 जनवरी को सुबह सात बजे फांसी देने के लिए मौत का वारंट जारी कर दिया है.

ZCZC
PRI GEN LGL NAT
.NEWDELHI LGD6
SC-NIRBHAYA-LD CURATIVE PETITIONS
Nirbhaya case: SC to hear curative petitions of 2 death-row convicts on Jan 14
          New Delhi, Jan 11 (PTI) A five-judge bench of the Supreme Court will hear on January 14 curative petitions of two of the four death-row convicts in the Nirbhaya case.
          A bench of Justices N V Ramana, Arun Mishra, R F Nariman, R Banumathi and Ashok Bhushan will hear the curative petitions filed by Vinay Sharma (26) and Mukesh Kumar (32) at 1.45 pm on Tuesday.
          Curative petitions are decided in-chambers by the judges. It is the last and final legal remedy available to a person.
          Mukesh Kumar and Vinay Sharma had filed curative petitions in the apex court on Thursday.
          Two other death-row convicts, Akshay Kumar Singh (31) and Pawan Gupta (25), against whom death warrants have been issued by a Delhi court, have not filed curative petitions.
          A 23-year-old paramedic student, referred to as Nirbhaya, was gang-raped and brutally assaulted on the intervening night of December 16-17, 2012, in a moving bus in south Delhi by six people before being thrown out on the road. She died on December 29 at Mount Elizabeth Hospital in Singapore.
          A Delhi court had on Tuesday issued death warrants against the four convicts and said they would be hanged on January 22 at 7 am in Tihar jail.
          The Supreme Court had in 2017 upheld the capital punishment awarded to them by the Delhi High Court and a trial court.
          One of the six accused in the case, Ram Singh, allegedly committed suicide in Tihar Jail.
          A juvenile, who was among the accused, was convicted by a juvenile justice board and was released from a reformation home after serving a three-year term.
          On July 9, 2018, the apex court had dismissed the review pleas filed by three of the convicts in the case, saying no grounds had been made out by them for review of the 2017 verdict. PTI MNL
RKS
HMB
01111414
NNNN
Last Updated : Feb 28, 2020, 3:24 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.