नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय ने अवैध गतिविधियां (रोकथाम) कानून (यूएपीए) में किए गए संशोधनों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर केंद्र से शुक्रवार को जवाब मांगा.
याचिकाओं में अवैध गतिविधियां (रोकथाम) कानून में किये गए संशोधनों को कई आधार पर चुनौती दी गई है. याचिकाओं में कहा गया है कि ये संशोधन नागरिकों के मौलिक आधिकारों का उल्लंघन करते हैं और एजेंसियों को लोगों को आतंकवादी घोषित करने की ताकत प्रदान करते हैं.
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प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने सजल अवस्थी और गैर सरकारी संगठन 'असोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स' की याचिकाओं पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किए.
जानकारी के लिए बता दें, संसद ने हाल ही में अवैध गतिविधियां (रोकथाम) कानून में संशोधनों को मंजूरी दी थी. इन संशोधनों के बाद सरकारी एजेंसियों को किसी भी व्यक्ति को आतंकवादी घोषित करने का अधिकार मिल गया है.