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SC ने UAPA में संशोधनों की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर केंद्र से मांगा जवाब - यूएपीए के खिलाफ याचिका

UAPA कनून में किए गए संशोधनों की संवैधानिक वैधता को चुनौती दने वाली याचिकाओं पर सरवोच्च न्यायालय ने केंद्र से जवाब मांगा है. यचिका में कहा गया था कि UAPA में किए गए संशोधन नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लघन करते हैं. पढ़ें पूरी खबर...

सर्वोच्च न्यायालय
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Published : Sep 6, 2019, 3:28 PM IST

Updated : Sep 29, 2019, 3:52 PM IST

नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय ने अवैध गतिविधियां (रोकथाम) कानून (यूएपीए) में किए गए संशोधनों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर केंद्र से शुक्रवार को जवाब मांगा.

याचिकाओं में अवैध गतिविधियां (रोकथाम) कानून में किये गए संशोधनों को कई आधार पर चुनौती दी गई है. याचिकाओं में कहा गया है कि ये संशोधन नागरिकों के मौलिक आधिकारों का उल्लंघन करते हैं और एजेंसियों को लोगों को आतंकवादी घोषित करने की ताकत प्रदान करते हैं.

पढ़ें-UAPA संशोधन बिल राज्यसभा में पारित, NIA को मिलेंगे विशेष अधिकार

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने सजल अवस्थी और गैर सरकारी संगठन 'असोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स' की याचिकाओं पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किए.

जानकारी के लिए बता दें, संसद ने हाल ही में अवैध गतिविधियां (रोकथाम) कानून में संशोधनों को मंजूरी दी थी. इन संशोधनों के बाद सरकारी एजेंसियों को किसी भी व्यक्ति को आतंकवादी घोषित करने का अधिकार मिल गया है.

नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय ने अवैध गतिविधियां (रोकथाम) कानून (यूएपीए) में किए गए संशोधनों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर केंद्र से शुक्रवार को जवाब मांगा.

याचिकाओं में अवैध गतिविधियां (रोकथाम) कानून में किये गए संशोधनों को कई आधार पर चुनौती दी गई है. याचिकाओं में कहा गया है कि ये संशोधन नागरिकों के मौलिक आधिकारों का उल्लंघन करते हैं और एजेंसियों को लोगों को आतंकवादी घोषित करने की ताकत प्रदान करते हैं.

पढ़ें-UAPA संशोधन बिल राज्यसभा में पारित, NIA को मिलेंगे विशेष अधिकार

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने सजल अवस्थी और गैर सरकारी संगठन 'असोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स' की याचिकाओं पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किए.

जानकारी के लिए बता दें, संसद ने हाल ही में अवैध गतिविधियां (रोकथाम) कानून में संशोधनों को मंजूरी दी थी. इन संशोधनों के बाद सरकारी एजेंसियों को किसी भी व्यक्ति को आतंकवादी घोषित करने का अधिकार मिल गया है.

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पीटीआई-भाषा संवाददाता 12:1 HRS IST




             
  • न्यायालय ने यूएपीए में संशोधनों की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर केंद्र से मांगा जवाब



नयी दिल्ली, छह सितंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने अवैध गतिविधियां (रोकथाम) कानून (यूएपीए) में किए गए संशोधनों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर केंद्र से शुक्रवार को जवाब मांगा।



याचिकाओं में अवैध गतिविधियां (रोकथाम) कानून में किये गये संशोधनों को कई आधार पर चुनौती दी गई है। याचिकाओं में कहा गया है कि ये संशोधन नागरिकों के मौलिक आधिकारों का उल्लंघन करते हैं और एजेंसियों को लोगों को आतंकवादी घोषित करने की ताकत प्रदान करते हैं।



प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने सजल अवस्थी और गैर सरकारी संगठन ‘असोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स’ की याचिकाओं पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किए।



संसद ने हाल ही में अवैध गतिविधियां (रोकथाम) कानून में संशोधनों को मंजूरी दी थी। इन संशोधनों के बाद सरकारी एजेंसियों को किसी भी व्यक्ति को आतंकवादी घोषित करने का अधिकार मिल गया है।




 


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Last Updated : Sep 29, 2019, 3:52 PM IST
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