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प्रशांत भूषण अवमानना मामला : सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण के खिलाफ अवमानना मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. सुप्रीम कोर्ट प्रशांत भूषण द्वारा साल 2009 में एक मैगजीन को दिए इंटरव्यू में न्यायपालिका के खिलाफ टिप्पणी को लेकर अवमानना की कार्रवाई कर रही है.

contempt case of PRASHANT BHUSHAN
प्रशांत भूषण अवमानना मामला
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Published : Aug 4, 2020, 7:52 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण के खिलाफ अवमानना मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. सुप्रीम कोर्ट प्रशांत भूषण द्वारा साल 2009 में एक मैगजीन को दिए इंटरव्यू में न्यायपालिका के खिलाफ टिप्पणी को लेकर अवमानना की कार्रवाई कर रही है.

सर्वोच्च अदालत ने कैमरे के सामने सुनवाई नहींं की. जस्टिस अरुण मिश्रा के नेतृत्व वाली पीठ ने खुली अदालत में सुनवाई की बजाय मामले के वकीलों से वॉट्सएप कॉल के जरिए बात की, क्योंकि पीठ शीर्ष अदालत की गरिमा की रक्षा करने के लिए मामले को खत्म करना चाहती थी.

बता दें कि कोरोना काल में सुप्रीम कोर्ट वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मामलों की सुनवाई कर रहा है.

सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर जारी किए गए आदेश के मुताबिक, प्रशांत भूषण और तरुण तेजपाल द्वारा दिया गया स्पष्टीकरण / माफीनामा प्राप्त नहीं हुआ है. यदि हम स्पष्टीकरण / माफीनामा स्वीकार नहीं करते हैं, तो हम मामले की सुनवाई करेंगे. हम आदेश सुरक्षित रखते हैं.

सूत्रों के मुताबिक, प्रशांत भूषण ने अदालत को माफीनामे को देने से इनकार कर दिया था, लेकिन उन्होंने इस मामले पर एक बयान जारी कहा है कि उन्होंने साक्षात्कार में भ्रष्टाचार शब्द का इस्तेमाल 'व्यापक अर्थ में किया और न केवल वित्तीय भ्रष्टाचार या किसी भी प्रकार का लाभ प्राप्त करने के संदर्भ में किया.

उन्होंने अपने बयान में कहा, 'मैंने जो कुछ भी कहा है, अगर उससे किसी व्यक्ति या उनके परिवार को किसी भी तरह से चोट पहुंची है, तो मुझे उस पर खेद है. मैं स्पष्ट तौर पर कहता हूं कि मैं न्यायपालिका की संस्थाओं और विशेष रूप से सर्वोच्च न्यायालय का समर्थन करता हूं जिसमें मैं एक हिस्सा हूं, और मेरा न्यायपालिका की प्रतिष्ठा को कम करने का कोई इरादा नहीं है, जिसमें मुझे पूरा विश्वास है. मुझे खेद है कि अगर मेरे साक्षात्कार को गलत समझा गया कि यह न्यायपालिका, विशेष रूप से सर्वोच्च न्यायालय की प्रतिष्ठा को कम करता है, जो कभी भी मेरा उद्देश्य नहीं हो सकता था.'

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने देश के वर्तमान प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे के खिलाफ ट्वीट को लेकर भी वकील प्रशांत भूषण पर अवमानना की कार्यवाही शुरू की.

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण के खिलाफ अवमानना मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. सुप्रीम कोर्ट प्रशांत भूषण द्वारा साल 2009 में एक मैगजीन को दिए इंटरव्यू में न्यायपालिका के खिलाफ टिप्पणी को लेकर अवमानना की कार्रवाई कर रही है.

सर्वोच्च अदालत ने कैमरे के सामने सुनवाई नहींं की. जस्टिस अरुण मिश्रा के नेतृत्व वाली पीठ ने खुली अदालत में सुनवाई की बजाय मामले के वकीलों से वॉट्सएप कॉल के जरिए बात की, क्योंकि पीठ शीर्ष अदालत की गरिमा की रक्षा करने के लिए मामले को खत्म करना चाहती थी.

बता दें कि कोरोना काल में सुप्रीम कोर्ट वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मामलों की सुनवाई कर रहा है.

सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर जारी किए गए आदेश के मुताबिक, प्रशांत भूषण और तरुण तेजपाल द्वारा दिया गया स्पष्टीकरण / माफीनामा प्राप्त नहीं हुआ है. यदि हम स्पष्टीकरण / माफीनामा स्वीकार नहीं करते हैं, तो हम मामले की सुनवाई करेंगे. हम आदेश सुरक्षित रखते हैं.

सूत्रों के मुताबिक, प्रशांत भूषण ने अदालत को माफीनामे को देने से इनकार कर दिया था, लेकिन उन्होंने इस मामले पर एक बयान जारी कहा है कि उन्होंने साक्षात्कार में भ्रष्टाचार शब्द का इस्तेमाल 'व्यापक अर्थ में किया और न केवल वित्तीय भ्रष्टाचार या किसी भी प्रकार का लाभ प्राप्त करने के संदर्भ में किया.

उन्होंने अपने बयान में कहा, 'मैंने जो कुछ भी कहा है, अगर उससे किसी व्यक्ति या उनके परिवार को किसी भी तरह से चोट पहुंची है, तो मुझे उस पर खेद है. मैं स्पष्ट तौर पर कहता हूं कि मैं न्यायपालिका की संस्थाओं और विशेष रूप से सर्वोच्च न्यायालय का समर्थन करता हूं जिसमें मैं एक हिस्सा हूं, और मेरा न्यायपालिका की प्रतिष्ठा को कम करने का कोई इरादा नहीं है, जिसमें मुझे पूरा विश्वास है. मुझे खेद है कि अगर मेरे साक्षात्कार को गलत समझा गया कि यह न्यायपालिका, विशेष रूप से सर्वोच्च न्यायालय की प्रतिष्ठा को कम करता है, जो कभी भी मेरा उद्देश्य नहीं हो सकता था.'

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने देश के वर्तमान प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे के खिलाफ ट्वीट को लेकर भी वकील प्रशांत भूषण पर अवमानना की कार्यवाही शुरू की.

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