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हाथरस केस : सुप्रीम कोर्ट का आदेश, सीबीआई जांच की निगरानी करेगा हाई कोर्ट

हाथरस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि मामले में सीबीआई जांच की निगरानी इलाहाबाद हाई कोर्ट करेगा.

हाथरस केस
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Published : Oct 27, 2020, 12:56 PM IST

Updated : Oct 27, 2020, 1:06 PM IST

नई दिल्ली : हाथरस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि मामले में सीबीआई जांच की निगरानी इलाहाबाद हाई कोर्ट करेगा. न्यायालय ने कहा कि हाथरस मामले में सुनवाई उत्तर प्रदेश से बाहर स्थानांतरित करने की याचिका पर विचार सीबीआई की जांच पूरी होने के बाद किया जाएगा.

उच्चतम न्यायालय ने आगे कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय सभी पहलुओं पर विचार करेगा, सीबीआई वहां स्थिति रिपोर्ट दाखिल करेगी.

बता दें हाथरस मामले की अदालत की निगरानी में जांच कराने और मामले को दिल्ली स्थानांतरित कराने का अनुरोध किया गया था.

हाथरस में एक दलित लड़की से कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म किया गया था और उपचार के दौरान उसकी मौत हो गयी थी.

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन की पीठ ने एक जनहित याचिका और कार्यकर्ताओं तथा वकीलों की ओर से दायर कई अन्य हस्तक्षेप याचिकाओं पर 15 अक्टूबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.

याचिकाओं में दलील दी गयी थी कि उत्तर प्रदेश में निष्पक्ष सुनवाई संभव नहीं है, क्योंकि कथित तौर पर जांच बाधित की गयी.

पीड़त परिवार की ओर से पेश वकील ने उच्चतम न्यायालय को बताया था कि इस मामले में जांच पूरी होने के बाद सुनवाई को उत्तर प्रदेश के बाहर राष्ट्रीय राजधानी में स्थानांतरित कर दिया जाए.

उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में चार सवर्णों ने 19 वर्षीय दलित युवती के साथ कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म किया था। उपचार के दौरान दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में 29 सितंबर को लड़की की मौत हो गयी.

उच्चतम न्यायालय में सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने उत्तर प्रदेश में मामले की निष्पक्ष सुनवाई नहीं होने की आशंका प्रकट की थी.

नई दिल्ली : हाथरस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि मामले में सीबीआई जांच की निगरानी इलाहाबाद हाई कोर्ट करेगा. न्यायालय ने कहा कि हाथरस मामले में सुनवाई उत्तर प्रदेश से बाहर स्थानांतरित करने की याचिका पर विचार सीबीआई की जांच पूरी होने के बाद किया जाएगा.

उच्चतम न्यायालय ने आगे कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय सभी पहलुओं पर विचार करेगा, सीबीआई वहां स्थिति रिपोर्ट दाखिल करेगी.

बता दें हाथरस मामले की अदालत की निगरानी में जांच कराने और मामले को दिल्ली स्थानांतरित कराने का अनुरोध किया गया था.

हाथरस में एक दलित लड़की से कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म किया गया था और उपचार के दौरान उसकी मौत हो गयी थी.

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन की पीठ ने एक जनहित याचिका और कार्यकर्ताओं तथा वकीलों की ओर से दायर कई अन्य हस्तक्षेप याचिकाओं पर 15 अक्टूबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.

याचिकाओं में दलील दी गयी थी कि उत्तर प्रदेश में निष्पक्ष सुनवाई संभव नहीं है, क्योंकि कथित तौर पर जांच बाधित की गयी.

पीड़त परिवार की ओर से पेश वकील ने उच्चतम न्यायालय को बताया था कि इस मामले में जांच पूरी होने के बाद सुनवाई को उत्तर प्रदेश के बाहर राष्ट्रीय राजधानी में स्थानांतरित कर दिया जाए.

उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में चार सवर्णों ने 19 वर्षीय दलित युवती के साथ कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म किया था। उपचार के दौरान दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में 29 सितंबर को लड़की की मौत हो गयी.

उच्चतम न्यायालय में सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने उत्तर प्रदेश में मामले की निष्पक्ष सुनवाई नहीं होने की आशंका प्रकट की थी.

Last Updated : Oct 27, 2020, 1:06 PM IST
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