नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि वह कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले से संबंधित धनशोधन मामले में सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की तरफ से दलील पेश करने के लिए विशेष सरकारी वकील (एसपीपी) की नियुक्ति पर अगले सप्ताह विचार करेगा.
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने वरिष्ठ वकील आर एस चीमा की याचिका पर विचार करते हुए यह बात कही. न्यायालय ने 2014 में चीमा को कोयला घोटाला मामलों में एसपीपी नियुक्त किया था और उन्होंने अपनी याचिका में कहा था कि वह धनशोधन मामलों में अभियोजक नहीं रहना चाहते हैं.
चीमा ने कहा कि चूंकि वह कोयला घोटाला मामले में सीबीआई के एसपीपी के रूप में रहना चाहता हैं, इसलिए वह धनशोधन मामलों में एसपीपी नहीं बनना चाहते हैं क्योंकि इन मामलों में सहायता करने वाले विधि अधिकारियों की कमी है.
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शुरुआत में खंडपीठ ने वकील डी पी सिंह को ईडी के एसपीपी के रूप में नियुक्त करने का फैसला किया था, हाालांकि बाद में सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने पत्र दाखिल कर कहा कि
एसपीपी की नियुक्ति के संबंध में उन्हें वरिष्ठ अधिवक्ता चीमा से बात करने के लिए समय चाहिए.
इसके बाद पीठ ने अगले सप्ताह के लिए सुनवाई को टाल दिया.