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संरक्षण घरों से बच्चों को वापस भेजने पर एनसीपीसीआर को नोटिस

बाल संरक्षण घरों में रह रहे बच्चों को वापस उनके परिवार के पास भेजने की सिफारिश राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने की थी. इस मामले को सुप्रीम कोर्ट ने स्व संज्ञान में लिया था, जिस पर अब सुप्रीम कोर्ट ने एनसीपीसीआर को नोटिस भेजा है.

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Published : Oct 9, 2020, 4:26 PM IST

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने आज आठ राज्यों में बाल संरक्षण घरों से बच्चों को वापस उनके परिवार के पास भेजने की सिफारिश पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) को नोटिस भेजा है.

अदालत ने आज इस मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि इसको लेकर सामान्य निर्देश पारित नहीं किए जा सकते हैं, क्योंकि यहां विभिन्न मुद्दों पर ध्यान दिया जाना चाहिए, जैसे कि बच्चे का स्वास्थ्य, माता-पिता की अनुमति आदि.

अदालत ने इस पर भी प्रतिक्रिया मांगी कि क्या इस मामले में सामान्य निर्देश दिए जा सकते हैं या नहीं. इस मामले पर जवाब दाखिल होने के बाद फिर से सुनवाई की जाएगी.

न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की अगुवाई वाली पीठ कोरोना काल में बाल संरक्षण घरों में बच्चों की स्थिति वाले एक मामले पर सुनवाई कर रही है. इस मामले को कोर्ट ने दो अप्रैल को खुद संज्ञान में लिया था.

इससे पहले अदालत ने बाल कल्याण समितियों, जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड और चिल्ड्रन कोर्ट को निर्देश दिया था कि वह बाल संरक्षण घरों में कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए प्रयास करें और इस संबंध में कार्रवाई करें.

पढ़ें :- यूपी में राष्ट्रपति शासन की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर

बता दें कि 24 सितंबर को एनसीपीसीआर ने बच्चों को संरक्षण घरों से उनके परिवारों के पास वापस भेजने के लिए आठ राज्यों को पत्र लिखा था.

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने आज आठ राज्यों में बाल संरक्षण घरों से बच्चों को वापस उनके परिवार के पास भेजने की सिफारिश पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) को नोटिस भेजा है.

अदालत ने आज इस मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि इसको लेकर सामान्य निर्देश पारित नहीं किए जा सकते हैं, क्योंकि यहां विभिन्न मुद्दों पर ध्यान दिया जाना चाहिए, जैसे कि बच्चे का स्वास्थ्य, माता-पिता की अनुमति आदि.

अदालत ने इस पर भी प्रतिक्रिया मांगी कि क्या इस मामले में सामान्य निर्देश दिए जा सकते हैं या नहीं. इस मामले पर जवाब दाखिल होने के बाद फिर से सुनवाई की जाएगी.

न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की अगुवाई वाली पीठ कोरोना काल में बाल संरक्षण घरों में बच्चों की स्थिति वाले एक मामले पर सुनवाई कर रही है. इस मामले को कोर्ट ने दो अप्रैल को खुद संज्ञान में लिया था.

इससे पहले अदालत ने बाल कल्याण समितियों, जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड और चिल्ड्रन कोर्ट को निर्देश दिया था कि वह बाल संरक्षण घरों में कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए प्रयास करें और इस संबंध में कार्रवाई करें.

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बता दें कि 24 सितंबर को एनसीपीसीआर ने बच्चों को संरक्षण घरों से उनके परिवारों के पास वापस भेजने के लिए आठ राज्यों को पत्र लिखा था.

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