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SC का केरल सरकार को निर्देश, मरदु फ्लैट मालिकों को अंतरिम क्षतिपूर्ति के तौर पर 25 लाख रुपये दे - बैंक खातों का ब्यौरा हलफनामे में मांगा

कोच्चि के मरदु फ्लैट को लेकर SC ने केरल सरकार को निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने कहा है कि भवन निर्माताओं के खातों को सक्रिय किया जाए ताकि वे समिति के पास 20 करोड़ रुपए जमा करा सकें. जानें कोर्ट ने अपने आदेश में और क्या कुछ कहा...

मरदु फ्लैट मालिकों को अंतरिम क्षतिपूर्ति के तौर पर 25 लाख रुपये दे
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Published : Oct 25, 2019, 1:50 PM IST

नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को केरल सरकार से कहा कि वह कोच्चि के मरदु फ्लैट मालिकों को अंतरिम क्षतिपूर्ति के तौर पर 25 लाख रुपये दे.

गौरतलब है कि न्यायमूर्ति अरुण मिश्र और न्यायमूर्ति एस रविन्द्र भट की पीठ ने मरदु फ्लैट के भवन निर्माताओं को न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति के पास एक महीने के भीतर 20 करोड़ रुपये जमा कराने का निर्देश दिया है.

पीठ ने कहा कि भवन निर्माताओं के जब्त किए गए खातों को सक्रिय किया जाए ताकि वे समिति के पास 20 करोड़ रुपये जमा करा सकें.

इसके साथ ही न्यायालय ने मरदु फ्लैट के सभी भवन निर्माताओं के बैंक खातों का ब्यौरा हलफनामे में मांगा है.

शीर्ष अदालत ने भवन निर्माता संघ क्रेडाई का वह आवेदन भी अस्वीकार कर दिया, जिसमें कहा गया था मरदु फ्लैटों को ध्वस्त न किया जाए, बल्कि उनका किसी अन्य काम में इस्तेमाल किया जाए.

पढ़ेंः मरदु फ्लैट मामला: जैन हाउसिंग निर्माण के कार्यालय पर केरल पुलिस का छापा

पीठ ने क्रेडाई का आवेदन ठुकराते हुये स्पष्ट शब्दों में कहा कि हम गिराने के अपने आदेश से पीछे हटने नहीं जा रहे हैं. इस मामले को नये सिरे से नहीं उठाया जा सकता. हमारा आदेश अंतिम है.

शीर्ष अदालत ने एक सदस्यीय समिति को भवन निर्माताओं को फ्लैट मालिकों द्वारा किये गये भुगतान के दस्तावेजी साक्ष्यों का आकलन करने का निर्देश भी दिया है.

आपको बता दें कि इससे पहले, कुछ फ्लैट खरीदारों ने पीठ से कहा था कि उन्होंने भवन निर्माताओं को 25 लाख रूपए से अधिक राशि का भुगतान किया है.

केरल सरकार ने न्यायालय को सूचित किया कि उसने अभी तक अंतरिम मुआवजे के रूप में फ्लैट मालिकों में दस करोड़ रूपए से अधिक राशि वितरित की है.

नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को केरल सरकार से कहा कि वह कोच्चि के मरदु फ्लैट मालिकों को अंतरिम क्षतिपूर्ति के तौर पर 25 लाख रुपये दे.

गौरतलब है कि न्यायमूर्ति अरुण मिश्र और न्यायमूर्ति एस रविन्द्र भट की पीठ ने मरदु फ्लैट के भवन निर्माताओं को न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति के पास एक महीने के भीतर 20 करोड़ रुपये जमा कराने का निर्देश दिया है.

पीठ ने कहा कि भवन निर्माताओं के जब्त किए गए खातों को सक्रिय किया जाए ताकि वे समिति के पास 20 करोड़ रुपये जमा करा सकें.

इसके साथ ही न्यायालय ने मरदु फ्लैट के सभी भवन निर्माताओं के बैंक खातों का ब्यौरा हलफनामे में मांगा है.

शीर्ष अदालत ने भवन निर्माता संघ क्रेडाई का वह आवेदन भी अस्वीकार कर दिया, जिसमें कहा गया था मरदु फ्लैटों को ध्वस्त न किया जाए, बल्कि उनका किसी अन्य काम में इस्तेमाल किया जाए.

पढ़ेंः मरदु फ्लैट मामला: जैन हाउसिंग निर्माण के कार्यालय पर केरल पुलिस का छापा

पीठ ने क्रेडाई का आवेदन ठुकराते हुये स्पष्ट शब्दों में कहा कि हम गिराने के अपने आदेश से पीछे हटने नहीं जा रहे हैं. इस मामले को नये सिरे से नहीं उठाया जा सकता. हमारा आदेश अंतिम है.

शीर्ष अदालत ने एक सदस्यीय समिति को भवन निर्माताओं को फ्लैट मालिकों द्वारा किये गये भुगतान के दस्तावेजी साक्ष्यों का आकलन करने का निर्देश भी दिया है.

आपको बता दें कि इससे पहले, कुछ फ्लैट खरीदारों ने पीठ से कहा था कि उन्होंने भवन निर्माताओं को 25 लाख रूपए से अधिक राशि का भुगतान किया है.

केरल सरकार ने न्यायालय को सूचित किया कि उसने अभी तक अंतरिम मुआवजे के रूप में फ्लैट मालिकों में दस करोड़ रूपए से अधिक राशि वितरित की है.

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