ETV Bharat / bharat

सेंट्रल विस्टा परियोजना : सुप्रीम कोर्ट ने याचिका दाखिल करने की दी अनुमति

सेंट्रल विस्टा परियोजना मामले में सुप्रीम कोर्ट ने नए संसद भवन के लिए पर्यावरणीय मंजूरी को चुनौती देने वाली याचिका को दाखिल करने की अनुमति प्रदान कर दी है. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर...

सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट
author img

By

Published : Jul 29, 2020, 5:29 PM IST

नई दिल्ली : सेंट्रल विस्टा परियोजना मामले में सुप्रीम कोर्ट ने नए संसद भवन के लिए पर्यावरणीय मंजूरी को चुनौती देने वाली याचिका दाखिल करने की अनुमति प्रदान कर दी है.

याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान को अदालत ने एक सप्ताह के भीतर अपील दायर करने के लिए कहा है. कोर्ट ने सरकार से इस पर अपनी प्रतिक्रिया दर्ज करने को कहा है. इस मामले पर 17 अगस्त को विचार किया जाएगा.

भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अगुआई वाली पीठ ने आदेश दिया कि पहले वह परियोजना के लिए लैंड यूज के मुद्दे पर फैसला करेगी और उसके बाद अगर पर्यावरण मंजूरी का सवाल रहता है तो एनजीटी इस पर गौर कर सकता है.

पढ़ें : सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट : जमीनी काम पर रोक से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, केंद्र से मांगा जवाब

केंद्र की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने याचिकाकर्ता को यह भी कहा कि उन्हें यह ध्यान रखना होगा कि सरकार एक निजी उद्योग के साथ काम नहीं कर रही है और परियोजना राष्ट्रीय हित में है.

सुप्रीम कोर्ट एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत नए संसद भवन और सचिवालय के निर्माण के लिए भूमि उपयोग को चुनौती दी गई थी. याचिकाकर्ता ने तर्क दिया था कि लुटियंस दिल्ली में 86 एकड़ जमीन को लैंड यूज में बदलने वाली परियोजना लोगों को खुले और हरे- भरे स्थानों का आनंद लेने से वंचित करेगी.

नई दिल्ली : सेंट्रल विस्टा परियोजना मामले में सुप्रीम कोर्ट ने नए संसद भवन के लिए पर्यावरणीय मंजूरी को चुनौती देने वाली याचिका दाखिल करने की अनुमति प्रदान कर दी है.

याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान को अदालत ने एक सप्ताह के भीतर अपील दायर करने के लिए कहा है. कोर्ट ने सरकार से इस पर अपनी प्रतिक्रिया दर्ज करने को कहा है. इस मामले पर 17 अगस्त को विचार किया जाएगा.

भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अगुआई वाली पीठ ने आदेश दिया कि पहले वह परियोजना के लिए लैंड यूज के मुद्दे पर फैसला करेगी और उसके बाद अगर पर्यावरण मंजूरी का सवाल रहता है तो एनजीटी इस पर गौर कर सकता है.

पढ़ें : सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट : जमीनी काम पर रोक से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, केंद्र से मांगा जवाब

केंद्र की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने याचिकाकर्ता को यह भी कहा कि उन्हें यह ध्यान रखना होगा कि सरकार एक निजी उद्योग के साथ काम नहीं कर रही है और परियोजना राष्ट्रीय हित में है.

सुप्रीम कोर्ट एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत नए संसद भवन और सचिवालय के निर्माण के लिए भूमि उपयोग को चुनौती दी गई थी. याचिकाकर्ता ने तर्क दिया था कि लुटियंस दिल्ली में 86 एकड़ जमीन को लैंड यूज में बदलने वाली परियोजना लोगों को खुले और हरे- भरे स्थानों का आनंद लेने से वंचित करेगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.