ETV Bharat / bharat

भीमा कोरेगांव मामला : SC से नवलखा को राहत, 15 अक्टूबर तक गिरफ्तारी पर रोक - गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम

भीमा कोरेगांव मामले के मुख्य आरोपित गौतम नवलखा को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। नवलखा ने अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए बाम्बे हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट ने नवलखा को न सिर्फ गिरफ्तारी से राहत दी है वरन महाराष्ट्र सरकार को यह आदेश भी दिया है कि गौतम के खिलाफ चल रही जांच के दौरान जो भी सबूत मिले हैं, उन्हें कोर्ट कोर्ट में पेश किया जाए.

सुप्रीम कोर्ट
author img

By

Published : Oct 4, 2019, 8:25 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में मुख्य आरोपित गौतम नवलखा को राहत प्रदान करते हुए आदेश जारी किया है कि उन्हें 15 अक्टूबर तक गिरफ्तार न किया जाए. ज्ञातव्य है कि बाम्बे हाईकोर्ट ने समाजिक कार्यकर्ता गौतम की गिरफ्तारी का आदेश दिया था.

सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को यह आदेश भी दिया है कि नवलखा के खिलाफ चल रही जांच के दौरान जो भी सबूत मिले हैं, उन्हें कोर्ट कोर्ट में लाया जाए.

ज्ञातव्य है कि 13 सितम्बर को बाम्बे उच्च न्यायालय ने नवलखा के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद करने से इनकार कर दिया था. नवलखा ने हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका दायर की. जिसपर सुनवाई के लिए सुुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया. न्यायमूर्ति अरुण मिश्र और दीपक गुप्त की खंडपीठ 15 अक्टूबर को इस याचिका की सुनवाई करेगी.

महाराष्ट्र सरकार ने इस मामले में पहले एक कैविएट (caveat) दायर किया था, इसमें कोई आदेश पारित होने से पहले सुनवाई की मांग की गई थी.

बता दें कि नवलखा पर माओवादियों के साथ कथित संबंध होने का आरोप लगा है, हाईकोर्ट ने कहा था, 'मामला प्रथम दृष्टया सही लग रहा है. मामले की गम्भीरता को देखते हुए हमें लगता है कि पूरी तरह से जांच की आवश्यकता है.'

हालांकि, बाम्बे हाईकोर्ट ने नवलखा को गिरफ्तारी से बचने के लिए तीन सप्ताह तक की मोहलत दी थी ताकि वह आदेश के खिलाफ याचिका दायर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट जा सकें.

गौरतलब है कि 31 दिसम्बर, 2017 को एल्गर परिषद की ओर से एक सभा आहूत की गयी थी और इसके अगले ही दिन पुणे जिले के कोरेगांव में कथित रूप से हिंसा भड़क उठी थी। पुणे पुलिस ने नवलखा औरअन्य लोगों के खिलाफ जनवरी, 2018 में प्राथमिकी (एफआईआर) की थी.

पुलिस ने यह भी आरोप लगाया है कि मामले में नवलखा और अन्य आरोपितों के माओवादियों से संबंध थे और वे सरकार के खिलाफ काम कर रहे थे.

पढ़ेंः भीमा कोरेगांव केस : नवलखा की याचिका से अलग हुए सुप्रीम कोर्ट के एक और जज

बता दें कि नवलखा और अन्य आरोपितों पर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत मामले दर्ज किये गये थे. नवलखा के अलावा ंवारवरा राव, अरुण फरेरा, वर्नोन गोंसाल्वेस और सुधा भारद्वाज चार अन्य आरोपित हैं.

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में मुख्य आरोपित गौतम नवलखा को राहत प्रदान करते हुए आदेश जारी किया है कि उन्हें 15 अक्टूबर तक गिरफ्तार न किया जाए. ज्ञातव्य है कि बाम्बे हाईकोर्ट ने समाजिक कार्यकर्ता गौतम की गिरफ्तारी का आदेश दिया था.

सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को यह आदेश भी दिया है कि नवलखा के खिलाफ चल रही जांच के दौरान जो भी सबूत मिले हैं, उन्हें कोर्ट कोर्ट में लाया जाए.

ज्ञातव्य है कि 13 सितम्बर को बाम्बे उच्च न्यायालय ने नवलखा के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद करने से इनकार कर दिया था. नवलखा ने हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका दायर की. जिसपर सुनवाई के लिए सुुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया. न्यायमूर्ति अरुण मिश्र और दीपक गुप्त की खंडपीठ 15 अक्टूबर को इस याचिका की सुनवाई करेगी.

महाराष्ट्र सरकार ने इस मामले में पहले एक कैविएट (caveat) दायर किया था, इसमें कोई आदेश पारित होने से पहले सुनवाई की मांग की गई थी.

बता दें कि नवलखा पर माओवादियों के साथ कथित संबंध होने का आरोप लगा है, हाईकोर्ट ने कहा था, 'मामला प्रथम दृष्टया सही लग रहा है. मामले की गम्भीरता को देखते हुए हमें लगता है कि पूरी तरह से जांच की आवश्यकता है.'

हालांकि, बाम्बे हाईकोर्ट ने नवलखा को गिरफ्तारी से बचने के लिए तीन सप्ताह तक की मोहलत दी थी ताकि वह आदेश के खिलाफ याचिका दायर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट जा सकें.

गौरतलब है कि 31 दिसम्बर, 2017 को एल्गर परिषद की ओर से एक सभा आहूत की गयी थी और इसके अगले ही दिन पुणे जिले के कोरेगांव में कथित रूप से हिंसा भड़क उठी थी। पुणे पुलिस ने नवलखा औरअन्य लोगों के खिलाफ जनवरी, 2018 में प्राथमिकी (एफआईआर) की थी.

पुलिस ने यह भी आरोप लगाया है कि मामले में नवलखा और अन्य आरोपितों के माओवादियों से संबंध थे और वे सरकार के खिलाफ काम कर रहे थे.

पढ़ेंः भीमा कोरेगांव केस : नवलखा की याचिका से अलग हुए सुप्रीम कोर्ट के एक और जज

बता दें कि नवलखा और अन्य आरोपितों पर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत मामले दर्ज किये गये थे. नवलखा के अलावा ंवारवरा राव, अरुण फरेरा, वर्नोन गोंसाल्वेस और सुधा भारद्वाज चार अन्य आरोपित हैं.

ZCZC
PRI GEN LGL NAT
.NEWDELHI LGD16
SC-LD NAVLAKHA
Koregaon Bhima case: SC extends protection from arrest to Gautam Navlakha till Oct 15
(Eds: Adding background)
         New Delhi, Oct 4 (PTI) The Supreme Court Friday extended till October 15 the interim protection from arrest granted by the Bombay High Court to civil rights activist Gautam Navlakha in the Koregaon Bhima violence case.
         The apex court directed the Maharashtra government to place before it the material collected during the ongoing investigation against Navlakha in connection with the case.
         While agreeing to hear Navlakha's plea challenging the Bombay high court order refusing to quash the FIR lodged against him, a bench of justices Arun Mishra and Deepak Gupta said that it would hear the arguments on October 15.
         The Maharashtra government had earlier filed a caveat in the matter seeking to be heard before any orders are passed.
         On September 13, the high court had refused to quash the FIR lodged against him in the 2017 Koregaon-Bhima case and for having alleged Maoist links, noting that there was prima facie substance in the case.
         "Considering the magnitude of the case, we feel a thorough investigation is required," it had said.
         The high court had, however, extended the protection from arrest to Navlakha for three weeks to enable him to approach the Supreme Court to file an appeal against its order.
         The FIR was lodged against Navlakha and others by the Pune Police in January 2018 after the Elgar Parishad held on December 31, 2017 that had allegedly triggered violence at Koregaon Bhima in Pune district the next day.
         The police has also alleged that Navlakha and other accused in the case had Maoist links and were working towards overthrowing the government.
         Navlakha and the other accused were booked under the provisions of the Unlawful Activities Prevention Act (UAPA) and the Indian Penal Code.
         Besides Navlakha, four others -- Varavara Rao, Arun Ferreira, Vernon Gonsalves and Sudha Bharadwaj, are accused in the case. PTI ABA RKS LLP
SA
10041513
NNNN
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.