ETV Bharat / bharat

बाबरी विध्वंस मामला : 30 सितंबर तक बढ़ी फैसला सुनाने की समय सीमा

सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी विध्वंस मामले में लखनऊ के सीबीआई ट्रायल कोर्ट को फैसला सुनाने के लिए समय सीमा बढ़ा दी है. कोर्ट ने इस मामले की समय सीमा 30 सितंबर तक बढ़ाई है.

vसुप्रीम कोर्ट ने सीबाई कोर्ट को 30 सितंबर तक समय दिया
सुप्रीम कोर्ट ने सीबाई कोर्ट को 30 सितंबर तक समय दिया
author img

By

Published : Aug 22, 2020, 4:36 PM IST

Updated : Aug 22, 2020, 4:44 PM IST

लखनऊ : सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या के बाबरी विध्वंस मामले में लखनऊ के सीबीआई ट्रायल कोर्ट को फैसला सुनाने के लिए समय सीमा बढ़ा दी है. शीर्ष कोर्ट ने इस मामले की समय सीमा 30 सितंबर तक बढ़ाई है. सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश 19 अगस्त को दिया.

इस मामले में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती और अन्य नेताओं को आरोपी बनाया गया है.

इससे पहले 24 जुलाई को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के मामले में भाजपा नेता एवं पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने सीबीआई की विशेष अदालत के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया था. इस मामले में भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी का भी बयान दर्ज हो चुका है.

अयोध्या में छह दिसंबर 1992 को 'कारसेवकों' ने मस्जिद ढहा दी थी. उनका दावा था कि मस्जिद की जगह पर भगवान राम का प्राचीन मंदिर हुआ करता था.

राम मंदिर आंदोलन का नेतृत्व करने वाले लोगों में आडवाणी और जोशी भी शामिल थे. भाजपा नेता उमा भारती और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह इस मामले में अपने बयान दर्ज करा चुके हैं.

लखनऊ : सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या के बाबरी विध्वंस मामले में लखनऊ के सीबीआई ट्रायल कोर्ट को फैसला सुनाने के लिए समय सीमा बढ़ा दी है. शीर्ष कोर्ट ने इस मामले की समय सीमा 30 सितंबर तक बढ़ाई है. सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश 19 अगस्त को दिया.

इस मामले में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती और अन्य नेताओं को आरोपी बनाया गया है.

इससे पहले 24 जुलाई को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के मामले में भाजपा नेता एवं पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने सीबीआई की विशेष अदालत के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया था. इस मामले में भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी का भी बयान दर्ज हो चुका है.

अयोध्या में छह दिसंबर 1992 को 'कारसेवकों' ने मस्जिद ढहा दी थी. उनका दावा था कि मस्जिद की जगह पर भगवान राम का प्राचीन मंदिर हुआ करता था.

राम मंदिर आंदोलन का नेतृत्व करने वाले लोगों में आडवाणी और जोशी भी शामिल थे. भाजपा नेता उमा भारती और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह इस मामले में अपने बयान दर्ज करा चुके हैं.

Last Updated : Aug 22, 2020, 4:44 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.