नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैफुद्दीन सोज की नजरबंदी के खिलाफ उनकी पत्नी की याचिका पर सोमवार को केंद्र और जम्मू कश्मीर प्रशासन से जवाब मांगा. सैफुद्दीन सोज पिछले साल पांच अगस्त से अपने घर में नजरबंद हैं.
न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने मुमताजुन्निसा की याचिका पर वीडियो कांफ्रेन्सिंग के माध्यम से सुनवाई के दौरान केन्द्र और जम्मू कश्मीर प्रशासन को नोटिस जारी किए. केंद्र और जम्मू-कश्मीर प्रशासन को जुलाई के दूसरे सप्ताह तक नोटिस का जवाब देना है.
मुमताजुन्निसा ने इस याचिका में अपने पति सैफुद्दीन सोज को घर में ही नजरबंद रखने के आदेश को निरस्त करने और कांग्रेस के इस वरिष्ठ नेता को न्यायालय में पेश करने का आदेश देने का अनुरोध किया है.
याचिका में आरोप लगाया गया है कि नजरबंदी के बाद से अभी तक उन्हें इसके कारणों की जानकारी नहीं दी गयी है और यही वजह है कि वे जम्मू-कश्मीर लोक सुरक्षा कानून के तहत इस गिरफ्तारी को चुनौती देने में असमर्थ रहे हैं.
याचिका में कहा गया है कि सैफुद्दीन सोज की नजरबंदी पूरी तरह गैरकानूनी दुर्भावनापूर्ण और असंवैधानिक ही नहीं बल्कि बेहद पीड़ादायक भी है.
जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने संबंधी संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधान खत्म करने के केंद्र के फैसले के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैफुद्दीन सोज को भी घर में नजरबंद कर दिया गया था. वह अभी भी नजरबंद हैं.
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