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नौसेना में महिलाओं को स्थायी कमीशन देने के लिए केंद्र को मिला अतिरिक्त समय - महिला एसएससी अधिकारियों को स्थायी कमीशन

उच्चतम न्यायालय ने नौसेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन के फैसले पर अमल करने के लिए केंद्र को 31 दिसंबर तक का समय दिया. मामले में शीर्ष अदालत ने कहा था कि महिला और पुरुष अधिकारियों के साथ एक जैसा बर्ताव होना चाहिए

permanent commission to women officers
फाइल फोटो
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Published : Oct 29, 2020, 2:36 PM IST

Updated : Oct 29, 2020, 6:26 PM IST

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने भारतीय नौसेना में महिला एसएससी अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने के वास्ते अपना आदेश लागू करने के लिए समय-सीमा को बृहस्पतिवार को 31 दिसंबर तक बढ़ा दिया.

शीर्ष अदालत ने 17 मार्च को कहा था कि महिला और पुरुष अधिकारियों के साथ एक जैसा बर्ताव होना चाहिए, जिससे नौसेना में महिलाओं के स्थायी कमीशन का रास्ता साफ हो गया था. न्यायालय ने साथ में केंद्र से तीन महीने में इस बाबत तौर-तरीकों को पूरा करने को कहा था.

न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड, न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा और न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी की पीठ ने कहा कि वे शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) महिला अधिकारियों को नौसेना में स्थायी कमीशन देने के समय को 31 दिसंबर तक बढ़ा रही है.

केंद्र सरकार ने कोविड-19 महामारी का हवाला देकर जून में एक आवेदन दायर कर समय-सीमा को छह महीने बढ़ाने का आग्रह किया था.

पढ़ें-सेना में महिलाओं को स्थाई कमीशन, जानें इतिहास और वैश्विक परिदृश्य

शीर्ष अदालत ने बुधवार को आवेदन पर सुनवाई करते हुए कहा कि वह आदेश को लागू करने की समयसीमा को 31 दिसंबर तक बढ़ा रही है.

पीठ ने केंद्र सरकार से उन पांच महिला नौसेना अधिकारियों को चार हफ्तों में 25-25 लाख रुपये का मुआवजा देने को भी कहा जिन्हें स्थायी कमीशन देने के साथ-साथ पेंशन के लाभ देने पर विचार नहीं किया गया था. हालांकि, पेंशन का लाभ अब उन्हें दिया जा चुका है.

फरवरी में आए न्यायालय के आदेश पर तामील करते हुए, केंद्र सरकार भारतीय सेना में सभी एसएससी महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने की प्रक्रिया शुरू कर चुकी है.

शीर्ष अदालत ने 17 मार्च को एक बड़ा फैसला देते हुए भारतीय नौसेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने का रास्ता साफ कर दिया था.

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने भारतीय नौसेना में महिला एसएससी अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने के वास्ते अपना आदेश लागू करने के लिए समय-सीमा को बृहस्पतिवार को 31 दिसंबर तक बढ़ा दिया.

शीर्ष अदालत ने 17 मार्च को कहा था कि महिला और पुरुष अधिकारियों के साथ एक जैसा बर्ताव होना चाहिए, जिससे नौसेना में महिलाओं के स्थायी कमीशन का रास्ता साफ हो गया था. न्यायालय ने साथ में केंद्र से तीन महीने में इस बाबत तौर-तरीकों को पूरा करने को कहा था.

न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड, न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा और न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी की पीठ ने कहा कि वे शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) महिला अधिकारियों को नौसेना में स्थायी कमीशन देने के समय को 31 दिसंबर तक बढ़ा रही है.

केंद्र सरकार ने कोविड-19 महामारी का हवाला देकर जून में एक आवेदन दायर कर समय-सीमा को छह महीने बढ़ाने का आग्रह किया था.

पढ़ें-सेना में महिलाओं को स्थाई कमीशन, जानें इतिहास और वैश्विक परिदृश्य

शीर्ष अदालत ने बुधवार को आवेदन पर सुनवाई करते हुए कहा कि वह आदेश को लागू करने की समयसीमा को 31 दिसंबर तक बढ़ा रही है.

पीठ ने केंद्र सरकार से उन पांच महिला नौसेना अधिकारियों को चार हफ्तों में 25-25 लाख रुपये का मुआवजा देने को भी कहा जिन्हें स्थायी कमीशन देने के साथ-साथ पेंशन के लाभ देने पर विचार नहीं किया गया था. हालांकि, पेंशन का लाभ अब उन्हें दिया जा चुका है.

फरवरी में आए न्यायालय के आदेश पर तामील करते हुए, केंद्र सरकार भारतीय सेना में सभी एसएससी महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने की प्रक्रिया शुरू कर चुकी है.

शीर्ष अदालत ने 17 मार्च को एक बड़ा फैसला देते हुए भारतीय नौसेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने का रास्ता साफ कर दिया था.

Last Updated : Oct 29, 2020, 6:26 PM IST
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