नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने न्यायमूर्ति बीएस चौहान के नेतृत्व में दायर पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया है, जिसके तहत जांच आयोग ने गैंगस्टर विकास दुबे की मुठभेड़ की जांच की थी.
यह आदेश अधिवक्ता घनश्याम उपाध्याय द्वारा दायर एक याचिका के जवाब में आया है, शीर्ष अदालत ने 11 अगस्त को अधिवक्ता घनश्याम उपाध्याय की याचिका पर सुनाई के दौरान उन्हें मीडिया की खबरों के आधार पर जांच आयोग की अध्यक्षता कर रहे उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश पर लांछन लगाने की अनुमति नहीं दी. सीजेआई एसए बोबडे ने उपाध्याय की इस बात पर खिंचाई की कि उनसे उन सभी जजों को पूछा जाना चाहिए जिनके संबंध पूर्वाग्रह से ग्रसित हैं.
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कोर्ट ने उपाध्याय की घंटों तक सुनवाई के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था. जिसके बाद आज यह फैसला सुनाया कि यह समिति के काम करने के लिए कुछ सुरक्षा उपाय प्रदान करेगा, लेकिन उनके बारे में विस्तार से नहीं बताया गया है.
घनश्याम उपाध्याय की याचिका पर एक बार पहले समिति का पुनर्गठन किया गया था, जिसमें एक सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश को भी यूपी द्वारा नियुक्त लोगों के साथ शामिल किया गया था.