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सुब्रत रॉय के नाम पर रोक के खिलाफ नेटफ्लिक्स की याचिका खारिज - वेब सीरीज में सुब्रत रॉय

नेटफ्लिक्स की एक वेब सीरिज में उद्योगपति सुब्रत रॉय का नाम इस्तेमाल किया गया है, जिसके खिलाफ एक याचिका दायर की गई थी. नेटफ्लिक्स ने इस याचिका को चुनौती देते हुए एक और याचिका दायर की जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है.

supreme court
सुप्रीम कोर्ट
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Published : Sep 2, 2020, 5:19 PM IST

Updated : Sep 2, 2020, 6:23 PM IST

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने आगामी वेब सीरीज 'बैड बॉय बिलेनियर्स' में उद्योगपति सुब्रत रॉय के नाम के इस्तेमाल पर रोक लगाने वाली याचिका के खिलाफ दायर एक याचिका खारिज कर दी है. यह याचिका नेटफ्लिक्स द्वारा बिहार की निचली अदालत के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी.

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबड़े की अध्यक्षता वाली पीठ ने नेटफ्लिक्स को बिहार के अररिया जिले की अदालत के आदेश के खिलाफ पटना उच्च न्यायालय जाने की छूट प्रदान की है.

पीठ ने अपील खारिज करते हुए कहा, 'याचिका खारिज की जाती है, हमें माफ करें.'

नेटफ्लिक्स की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने पीठ के बताया कि विभिन्न उच्च न्यायालयों में वेब सीरीज से संबंधित कई याचिकाएं लंबित हैं और शीर्ष अदालत को इन मामलों को अपने पास स्थानांतरित कर लेना चाहिए.

पीठ ने विभिन्न उच्च न्यायालयों में लंबित मामलों के स्थानांतरण की नेटफ्लिक्स की अलग-अलग याचिकाओं पर नोटिस जारी किया है.

सहारा इंडिया की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने नेटफ्लिक्स की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि इस मामले में सिविल न्यायाधीश ने आदेश पारित किया है और जिला न्यायाधीश के समक्ष अपील दायर की जा सकती है न की उच्च न्यायालय या उच्चतम न्यायालय के समक्ष.

पढ़ें :- संसद के मानसून सत्र में नहीं होगा प्रश्नकाल, थरूर ने जताई आपत्ति

नेटफ्लिक्स दो सितंबर को भारत में रिलीज होने जा रही इस वेब सीरीज का प्रमोशन कर रही है. इसमें कहा गया है: 'इस खोजी डॉक्यूमेंट्री में भारत के सबसे कुख्यात उद्योगपतियों को बनाने और खत्म करने वाले लालच, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार को दिखाया गया है.'

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने आगामी वेब सीरीज 'बैड बॉय बिलेनियर्स' में उद्योगपति सुब्रत रॉय के नाम के इस्तेमाल पर रोक लगाने वाली याचिका के खिलाफ दायर एक याचिका खारिज कर दी है. यह याचिका नेटफ्लिक्स द्वारा बिहार की निचली अदालत के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी.

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबड़े की अध्यक्षता वाली पीठ ने नेटफ्लिक्स को बिहार के अररिया जिले की अदालत के आदेश के खिलाफ पटना उच्च न्यायालय जाने की छूट प्रदान की है.

पीठ ने अपील खारिज करते हुए कहा, 'याचिका खारिज की जाती है, हमें माफ करें.'

नेटफ्लिक्स की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने पीठ के बताया कि विभिन्न उच्च न्यायालयों में वेब सीरीज से संबंधित कई याचिकाएं लंबित हैं और शीर्ष अदालत को इन मामलों को अपने पास स्थानांतरित कर लेना चाहिए.

पीठ ने विभिन्न उच्च न्यायालयों में लंबित मामलों के स्थानांतरण की नेटफ्लिक्स की अलग-अलग याचिकाओं पर नोटिस जारी किया है.

सहारा इंडिया की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने नेटफ्लिक्स की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि इस मामले में सिविल न्यायाधीश ने आदेश पारित किया है और जिला न्यायाधीश के समक्ष अपील दायर की जा सकती है न की उच्च न्यायालय या उच्चतम न्यायालय के समक्ष.

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नेटफ्लिक्स दो सितंबर को भारत में रिलीज होने जा रही इस वेब सीरीज का प्रमोशन कर रही है. इसमें कहा गया है: 'इस खोजी डॉक्यूमेंट्री में भारत के सबसे कुख्यात उद्योगपतियों को बनाने और खत्म करने वाले लालच, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार को दिखाया गया है.'

Last Updated : Sep 2, 2020, 6:23 PM IST
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