नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को गैंगस्टर अबू सलेम की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया. याचिका में यह दावा किया गया था कि उसका प्रत्यर्पण अवैध है. सलेम का दावा है कि भारतीय अधिकारियों द्वारा शर्तों के उल्लंघन के कारण प्रत्यर्पण रद्द किया जाए.
भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सलेम को अपनी याचिका के साथ बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के लिए कहा है. खंडपीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता हाई कोर्ट से संपर्क करने के लिए स्वतंत्र है, जिस कारण हम यह याचिका खारिज करते हैं.
अबू सलेम ने अपनी याचिका में कहा था कि उसे तिहाड़ जेल ट्रांसफर किया जाए, ताकि एमिकस क्यूरी (amicus curiae) उससे बात कर सकें और कुछ दस्तावेज ले सकें. सुप्रीम कोर्ट ने इस मांग को भी खारिज कर दिया.
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गौरतलब है कि अबू सलेम 1993 में मुंबई में हुए सीरियल ब्लास्ट का दोषी है. काफी लंबे समय के बाद 11 नवंबर, 2005 को उसे पुर्तगाल से प्रत्यर्पित किया गया था.
गैंगस्टर अबू सलेम 1993 के मुंबई धमाकों में दोषी ठहराए जाने के बाद जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है. इस धमाके में 257 लोग मारे गए थे और 713 लोग घायल हुए थे. 2002 में सलेम को दिल्ली कोर्ट ने जबरन वसूली के मामले में सात साल सश्रम कारावास की भी सजा सुनाई है.