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सुप्रीम कोर्ट का निर्देश, माता-पिता को सौंपे जाएं संरक्षण गृह में रह रहे बच्चे

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Published : Dec 1, 2020, 8:17 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने आज जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि वे कोविड-19 के मद्देनजर एनसीपीसीआर के संरक्षण गृह में रह रहे बच्चों को उनके माता-पिता को सौंप दिया जाए.

सुप्रीम कोर्ट
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नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने आज जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि वे कोविड-19 के मद्देनजर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के संरक्षण गृह से बच्चों को उनके माता-पिता को वापस करें.

बाल संरक्षण घरों में कोविड-19 वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए एक मामले पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की पीठ ने यह निर्देश दिया है.

इससे पहले सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष अदालत को सूचित किया कि बच्चों को उनके माता-पिता को सौंपने से पहले बच्चों की उपयुक्त जांच की जाएगी और उसके बाद ही उन्हें उनके माता-पिता के पास भेजा जा सकेगा.

उन्होंने कहा कि माता-पिता बच्चों को वापस लेने के लिए सही व्यक्ति हैं या नहीं, इस पर भी विचार किया जाएगा. सॉलिसिटर जनरल ने आगे कहा कि बच्चों को हमेशा के लिए रिमांड में नहीं रखा जा सकता.

पढ़ें- भ्रामक हलफनामे पर सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को लगाई फटकार

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि जस्टिस जुविनाइल एक्ट के प्रावधानों का पालन किया जाना चाहिए और बच्चों की स्थिति का आकलन किए बिना नहीं भेजा जाना चाहिए.

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने आज जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि वे कोविड-19 के मद्देनजर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के संरक्षण गृह से बच्चों को उनके माता-पिता को वापस करें.

बाल संरक्षण घरों में कोविड-19 वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए एक मामले पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की पीठ ने यह निर्देश दिया है.

इससे पहले सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष अदालत को सूचित किया कि बच्चों को उनके माता-पिता को सौंपने से पहले बच्चों की उपयुक्त जांच की जाएगी और उसके बाद ही उन्हें उनके माता-पिता के पास भेजा जा सकेगा.

उन्होंने कहा कि माता-पिता बच्चों को वापस लेने के लिए सही व्यक्ति हैं या नहीं, इस पर भी विचार किया जाएगा. सॉलिसिटर जनरल ने आगे कहा कि बच्चों को हमेशा के लिए रिमांड में नहीं रखा जा सकता.

पढ़ें- भ्रामक हलफनामे पर सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को लगाई फटकार

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि जस्टिस जुविनाइल एक्ट के प्रावधानों का पालन किया जाना चाहिए और बच्चों की स्थिति का आकलन किए बिना नहीं भेजा जाना चाहिए.

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