नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय की पीठ ने आज पश्चिम बंगाल के मीडिया दिग्गज रमेश गांधी को जमानत देने से इनकार कर दिया. दरअसल गांधी को सारदा घोटाले में सीबीआई ने गिरफ्तार किया है. न्यायाधीश एसके कौल और न्यायाधीश बीआर गवई की पीठ अगली सुनवाई अब चार मई को करेगी.
गांधी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने दलील दी कि सीबीआई का रुख है कि गांधी मुख्य सरगना है, जोकि गलत है. अभी तक इस मामले में मुकदमा भी शुरू नहीं हुआ है.
सिंह ने कहा कि गांधी पिछले चार साल और 8 महीने से जेल में हैं और अदालत को अब जमानत देनी चाहिए. वरिष्ठ अधिवक्ता नटराजन ने केंद्र सरकार की तरफ से जमानत का विरोध किया और कहा कि रमेश गांधी कई लेन-देन के प्राप्तकर्ता थे और सारदा घोटाले में मुख्य सरगना हैं.
हालांकि इसके साथ पीठ ने रमेश गांधी के ऊपर लगाए गए धारा का पूछताछ किया और उन्होंने केंद्र को चार मई तक जवाब देने का समय दिया है.
आपको बता दें कि 22 जनवरी, 2018 को गांधी को कथित तौर पर सारदा समूह और टीवी चैनल के बीच समझौते में मदद करने वाले बिचौलिए की अहम भूमिका के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा गिरफ्तार किया गया था. वह इंद्रधनुष प्रोडक्शन लिमिटेड, कोलकाता के एमडी है और कथित रूप से सारदा समूह के प्रमुख सुदीप्त सेन के साथ जुड़े हुए थे. आरोपों के अनुसार विशाल धनराशि अपने और कंपनी के खाते में डाला था.