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केरल सरकार और हाईकोर्ट के जज पर सुप्रीम कोर्ट सख्त

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Published : Sep 6, 2019, 9:46 PM IST

Updated : Sep 29, 2019, 5:01 PM IST

कन्नड़ चर्च मामले में केरल सरकार और हाइकोर्ट के न्यायधीश ने शीर्ष न्यायालय के आदेश पर अमल नहीं किया. इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने दोनों को आज फटकार लगाया है. जाने क्या है पूरा मामला...

सुप्रीम कोर्ट

त्रिवेंद्रमः सुप्रीम कोर्ट ने केरल सरकार और हाईकोर्ट के एक न्यायधीश पर कड़ी टिप्पणी की. सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को तरजीह ना देने की वजह से यह टिप्पणी की गई.

सुप्रीम कोर्ट के न्यायधीश अरुण मिश्रा ने कहा कि केरल बार-बार आदेश पर अमल नहीं कर रहा है. उन्होंने केरल सरकार को याद दिलाया कि केरल भारत का हिस्सा हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल रुढ़िवादी गुटों को चर्च में पूजा करने की अनुमति प्रदान की थी. लेकिन जैकबाइट समुदाय के विरोध प्रदर्शन करने से निर्णय में देरी हुईं. इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने केरल सरकार की अलोचना की. इसी बीच हाईकोर्ट के आदेश पर दोनों समूहों को मुद्दे अधिवेशन जारी किया.

शीर्ष न्यायालय के खिलाफ फैसला देने के पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार और हाईकोर्ट के न्यायधीश पर अफसोस जताया.

पढ़ेंः पद्मनाभस्वामी मंदिर के लिए बनाया जा रहा है 'ओनाविल्लू,' जानें कहानी

इसी बीच, मुख्य न्यायधीश रंजन गोगाई की अध्यक्षता वाली बेंच ने जैकबाइट समुदाय की कट्टाचिरा चर्च विवाद की याचिका को खारिज कर दिया. मुख्य न्यायधीश ने कहा कि फैसले पर पुनर्विचार की आवश्यकता नहीं है.

त्रिवेंद्रमः सुप्रीम कोर्ट ने केरल सरकार और हाईकोर्ट के एक न्यायधीश पर कड़ी टिप्पणी की. सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को तरजीह ना देने की वजह से यह टिप्पणी की गई.

सुप्रीम कोर्ट के न्यायधीश अरुण मिश्रा ने कहा कि केरल बार-बार आदेश पर अमल नहीं कर रहा है. उन्होंने केरल सरकार को याद दिलाया कि केरल भारत का हिस्सा हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल रुढ़िवादी गुटों को चर्च में पूजा करने की अनुमति प्रदान की थी. लेकिन जैकबाइट समुदाय के विरोध प्रदर्शन करने से निर्णय में देरी हुईं. इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने केरल सरकार की अलोचना की. इसी बीच हाईकोर्ट के आदेश पर दोनों समूहों को मुद्दे अधिवेशन जारी किया.

शीर्ष न्यायालय के खिलाफ फैसला देने के पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार और हाईकोर्ट के न्यायधीश पर अफसोस जताया.

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इसी बीच, मुख्य न्यायधीश रंजन गोगाई की अध्यक्षता वाली बेंच ने जैकबाइट समुदाय की कट्टाचिरा चर्च विवाद की याचिका को खारिज कर दिया. मुख्य न्यायधीश ने कहा कि फैसले पर पुनर्विचार की आवश्यकता नहीं है.

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Supreme Court criticizes Kerala Government and High Court judge in Kandanad Church case



New Delhi: In the most harsh words the Supreme Court of India have admonished both the Kerala Government and Kerala High Court judge today, for not executing the apex court's order in Kandand Church feud. The Supreme Court judge, Arun Mishra said that the Kerala has been repeatedly not executing it's judgements and reminded that Kerala is part of India.  



The Supreme Court had given a favourable sentence to the Orthodox faction and allowed them to worship at the Church last year. But due to protests by the Jacobite community, the decision was delayed. The Supreme Court criticised state government for this. Meanwhile, a High Court order granting adoration to both groups was issued. The apex court admonished the Kerala High court judge, Hari Prasad, for giving orders against the Supreme Court’s judgment.



Meanwhile, the Supreme Court rejected the plea of ​​the Jacobite faction in the Kattachira Church dispute. The bench headed by Chief Justice Ranjan Gogoi rejected the plea. The Chief Justice said there was no need to reconsider the verdict.


Conclusion:
Last Updated : Sep 29, 2019, 5:01 PM IST

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