नई दिल्लीः सर्वोच्च न्यायालय ने अपनी रजिस्ट्री से अपराधों का जिलेवार डाटा मांगा है. अदालत ने आदेश दिए हैं कि वह उच्च न्यायालय में पॉक्सो (POCSO) अधिनियम के तहत दर्ज अपराधों का जिलेवार डाटा एकत्रित किए जाएं. मामले की सुनवाई 25 जुलाई को होगी.
CJI रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने अगले 10 दिनों में सभी दर्ज मुकदमों का डेटा और वह कितने समय से अपूर्ण हैं इसका डेटा कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करने के आदेश दिेए हैं.
एमिकस क्यूरिआ वी गिरी ने बताया कि, 'सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी पॉक्सो (POCSO) अधिनियम को लागू करने के लिए जरुरी कदम नहीं उठाए गए हैं. यही नहीं, कई राज्यों में अभी तक विशेष न्यायालयों की स्थापना नही की गई हैं.'
उन्होंने यह भी बताया कि विशेष न्यायालयों की स्थापना सिर्फ बाल यौन शोषण के मामलों से निपटने के लिए की जानी चाहिए वहीं न्यायाधीशों को संवेदनशील बनने की जरुरत के साथ सरकारी वकीलों की नियुक्ति की भी जरुरत है.
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उन्होंने अपनी बात में आगे कहा कि कुछ राज्यों में मुकदमों को छह माह के भीतर निपटानें का प्रावधन अभी तक नही लागू किया गया है.
बेंच ने गिरी से मामले पर सुझाव मांगे हैं. बीते हफ्ते गिरी ने बताया कि इस साल के जून माह तक 24,000 बाल यौन शोषण के मामले दर्ज किए गए हैं.