रियाद : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सऊदी अरब के शाह सलमान बिन अब्दुल अजीज अल-सऊद ने आतंकवाद के सभी स्वरूपों और प्रकटीकरण की निंदा करते हुए द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई है.
सऊदी अरब के बहुचर्चित वार्षिक वित्तीय सम्मेलन के तीसरे संस्करण में हिस्सा लेने के लिए यहां मौजूद मोदी ने शाह से मुलाकात की और दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने के लिए मिलकर काम करने पर अपने विचार साझा किये.
दोनों नेताओं की बैठक और प्रधानमंत्री मोदी के सम्मान में शाह सलमान द्वारा आयोजित रात्रि भोज के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए विदेश मंत्रालय के आर्थिक संबंध सचिव टी.एस. त्रिमूर्ति ने कहा कि दोनों नेताओं ने आतंकवाद के सभी स्वरूपों और प्रकटीकरण की निंदा करते हुए द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग बढ़ाने पर सहमति जतायी.
त्रिमूर्ति ने कहा कि बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने कृषि, तेल एवं गैस, समुद्री सुरक्षा नवीन प्रौद्योगिकी, नवीकरणीय ऊर्जा, व्यापार और निवेश पर सहयोग बढ़ाने पर भी चर्चा की.
प्रधानमंत्री मोदी के शाम को सऊदी युवराज (क्राउन प्रिंस) मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात के बाद दोनों देशों के बीच रक्षा उद्योगों में सहयोग, सुरक्षा सहयोग, हवाई सेवा समझौते, नवीकरणीय ऊर्जा, चिकित्सा उत्पादों के नियमन और नशीले पदार्थों की तस्करी की रोकथाम जैसे क्षेत्रों में विभिन्न समझौतों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है.
त्रिमूर्ति ने कहा कि राजनीतिक, सुरक्षा, व्यापार और निवेश में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी युवराज मोहम्मद बिन सलमान के साथ रणनीतिक साझेदारी परिषद समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने सऊदी तेल कम्पनी अरामको के प्रतिष्ठानों पर हमलों के बावजूद भारत को कच्चे तेल का नियमित निर्यात सुनिश्चित करने के लिये सऊदी शाह को धन्यवाद दिया.
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अधिकारी ने कहा कि शाह सलमान ने मोदी को मई में उनकी पार्टी को मिली चुनावी जीत के लिए बधाई भी दी.
भारत तेल का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है, जो अपनी जरूरत का 83 प्रतिशत तेल आयात करता है. वहीं सऊदी अरब, इराक के बाद दूसरा सबसे बड़ा तेल निर्यातक है. उसने वित्त वर्ष 2018-19 में भारत को 40.33 लाख टन कच्चा तेल बेचा है.