न्यूयॉर्क : नासा के कैसिनी अंतरिक्ष यान के डेटा का उपयोग करते हुए, वैज्ञानिकों ने बताया कि पहले ये समझा जाता था कि शनि का चंद्रमा टाइटन हर साल 11 सेंटीमीटर ही दूर जा रहा है लेकिन अब पता चला कि टाइटन के दूर होने की गति सौ गुना तेज है. नेचर एस्ट्रोनॉमी नामक जर्नल में प्रकाशित यह निष्कर्ष इस पुराने सवाल को सुलझाने में मदद कर सकती है.
जबकि वैज्ञानिकों को पता है कि सौर मंडल के शुरुआती दिनों में 4.6 बिलियन साल पहले शनि का गठन हुआ था लेकिन इस ग्रह के छल्ले और इसके 80 चन्द्रमा के बनने की कहानी कितनी पुरानी है ये कहना मुश्किल है.
टाइटन वर्तमान में शनि से 1.2 मिलियन किलोमीटर दूर है. इसके दूर होने की संशोधित दर से पता चलता है कि टाइटन का दूर होना शनि के बहुत करीब से शुरू हुआ था, जिसका मतलब है कि पहले की तुलना में पूरी प्रणाली का तेजी से विस्तार हुआ है.
लेखक वालेरी लैनी जो कैलिफोर्निया के पीएसएल विश्वविद्यालय के पेरिस वेधशाला से जुड़ने से पहले दक्षिणी कैलिफोर्निया स्थित नासा के जेट प्रोपल्शन प्रयोगशाला में एक वैज्ञानिक के रूप में शोध कर रहे थे ने सवाल उठाया कि शनि के चंद्रमाओं का गठन कब हुआ.
ग्रह की परिक्रमा करते हुए चन्द्रमा की गुरुत्वाकर्षण शक्ति ग्रह पर असर डालती है जो चन्द्रमा के गुजरने के दौरान ग्रह में एक अस्थायी उभार पैदा करता है.समय के साथ ग्रह के उभरने और सामान्य होने के दौरान पैदा हुई उर्जा ग्रह से चंद्रमा में स्थानांतरित होती है जिसकी वजह से चंद्रमा ग्रह से दूर होता जाता है. ग्रह से चंद्रमा तक स्थानान्तरण और उप-स्थानांतरण द्वारा बनाई गई ऊर्जा, इसे दूर तक फैली और बाहर की ओर इशारा करती है.
हमारा अपना चंद्रमा प्रत्येक वर्ष पृथ्वी से 3.8 सेंटीमीटर दूर होता जा रहा है. टाइटन के बारे में अपने परिणामों तक पहुंचने के लिए वैज्ञानिकों ने कैसिनी यान के पीछे दिखाई दे रहे सितारों को मैप करके टाइटन की स्थिति को ट्रैक किया.