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ट्रैक्टर परेड में हिंसा : किसानों ने बजट के दिन संसद मार्च की योजना रद्द की

संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि ट्रैक्टर परेड में हिंसा पूर्व नियोजित थी. उन्होंने कहा है कि सरकार आंदोलन कमजोर करने की साजिश कर रही है. वहीं किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि कल दिल्ली में ट्रैक्टर रैली काफी सफलतापूर्वक हुई. अगर कोई घटना घटी है तो उसके लिए पुलिस प्रशासन जिम्मेदार रहा है. किसान नेता दर्शन पाल ने कहा कि एक फरवरी को बजट पेश किए जाने के दिन संसद मार्च की योजना रद्द कर दी गई है.

sanyukt kisan morcha
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Published : Jan 27, 2021, 8:25 PM IST

Updated : Jan 27, 2021, 9:55 PM IST

नई दिल्ली : संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि ट्रैक्टर परेड में हिंसा पूर्व नियोजित थी. उन्होंने कहा है कि सरकार आंदोलन कमजोर करने की साजिश कर रही है. सिंघु बॉर्डर पर प्रेस वार्ता में संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर परेड में दो लाख से अधिक ट्रैक्टर शामिल हुए. दुनिया की नजरें इस पर रहीं. यह ट्रैक्टर परेड सरकारी साजिश का शिकार हुआ. 99.9 फीसद किसान शांतिपूर्ण तरीके से शामिल हुए.

ट्रैक्टर परेड में हिंसा पूर्व नियोजित

किसान नेता दर्शन पाल ने कहा कि एक फरवरी को बजट पेश किए जाने के दिन संसद मार्च की योजना रद्द कर दी गई है.

किसान नेता राकेश टिकैत का बयान
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि कल दिल्ली में ट्रैक्टर रैली काफी सफलतापूर्वक हुई. अगर कोई घटना घटी है तो उसके लिए पुलिस प्रशासन जिम्मेदार रहा है. कोई लाल किले पर पहुंच जाए और पुलिस की एक गोली भी न चले. यह किसान संगठन को बदनाम करने की साजिश थी. किसान आंदोलन जारी रहेगा.

हन्नान मोल्लाह का बयान
अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने कहा कि किसान आंदोलन को पहले दिन से ही बदनाम करना शुरू किया गया. उन्होंने सवाल किया कि 70 करोड़ किसान जो मेहनत कर देश को अन्न देता है वह देशद्रोही है, इस तरह देशद्रोही बोलने की हिम्मत किसकी होती है ? मोल्लाह ने कहा कि जो देशद्रोही होता है, वही किसानों को देशद्रोही बोलते हैं.

बता दें कि गणतंत्र दिवस पर 26 जनवरी को तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का ट्रैक्टर परेड हिंसक प्रदर्शन में बदल गया था. सैकड़ों किसान परेड निकालते हुए ट्रैक्टर सहित लाल किला परिसर में घुस गए थे.

इस दौरान उन्होंने लाल किले की प्राचीर पर धार्मिक झंडा फहराया था. लाल किला परिसर में इस दौरान कुछ स्थानों पर तोड़फोड़ भी हुई, जिसको लेकर देशभर से तीखी प्रतिक्रियाएं आईं हैं.

यह भी पढ़ें- किसान नेताओं के बीच 'दरार', आंदोलन से अलग हुए दो संगठन

उधर किसान नेताओं ने हिंसक प्रदर्शनों की जिम्मेदारी लेने से इनकार करते हुए अराजक तत्वों पर इसका ठीकरा फोड़ा है. दिल्ली पुलिस हिंसक प्रदर्शनों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की तैयारी करने में जुटी है.

नई दिल्ली : संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि ट्रैक्टर परेड में हिंसा पूर्व नियोजित थी. उन्होंने कहा है कि सरकार आंदोलन कमजोर करने की साजिश कर रही है. सिंघु बॉर्डर पर प्रेस वार्ता में संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर परेड में दो लाख से अधिक ट्रैक्टर शामिल हुए. दुनिया की नजरें इस पर रहीं. यह ट्रैक्टर परेड सरकारी साजिश का शिकार हुआ. 99.9 फीसद किसान शांतिपूर्ण तरीके से शामिल हुए.

ट्रैक्टर परेड में हिंसा पूर्व नियोजित

किसान नेता दर्शन पाल ने कहा कि एक फरवरी को बजट पेश किए जाने के दिन संसद मार्च की योजना रद्द कर दी गई है.

किसान नेता राकेश टिकैत का बयान
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि कल दिल्ली में ट्रैक्टर रैली काफी सफलतापूर्वक हुई. अगर कोई घटना घटी है तो उसके लिए पुलिस प्रशासन जिम्मेदार रहा है. कोई लाल किले पर पहुंच जाए और पुलिस की एक गोली भी न चले. यह किसान संगठन को बदनाम करने की साजिश थी. किसान आंदोलन जारी रहेगा.

हन्नान मोल्लाह का बयान
अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने कहा कि किसान आंदोलन को पहले दिन से ही बदनाम करना शुरू किया गया. उन्होंने सवाल किया कि 70 करोड़ किसान जो मेहनत कर देश को अन्न देता है वह देशद्रोही है, इस तरह देशद्रोही बोलने की हिम्मत किसकी होती है ? मोल्लाह ने कहा कि जो देशद्रोही होता है, वही किसानों को देशद्रोही बोलते हैं.

बता दें कि गणतंत्र दिवस पर 26 जनवरी को तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का ट्रैक्टर परेड हिंसक प्रदर्शन में बदल गया था. सैकड़ों किसान परेड निकालते हुए ट्रैक्टर सहित लाल किला परिसर में घुस गए थे.

इस दौरान उन्होंने लाल किले की प्राचीर पर धार्मिक झंडा फहराया था. लाल किला परिसर में इस दौरान कुछ स्थानों पर तोड़फोड़ भी हुई, जिसको लेकर देशभर से तीखी प्रतिक्रियाएं आईं हैं.

यह भी पढ़ें- किसान नेताओं के बीच 'दरार', आंदोलन से अलग हुए दो संगठन

उधर किसान नेताओं ने हिंसक प्रदर्शनों की जिम्मेदारी लेने से इनकार करते हुए अराजक तत्वों पर इसका ठीकरा फोड़ा है. दिल्ली पुलिस हिंसक प्रदर्शनों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की तैयारी करने में जुटी है.

Last Updated : Jan 27, 2021, 9:55 PM IST
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