नई दिल्ली/भोपाल: मुंबई आतंकी हमले में शहीद करकरे को लेकर भोपाल से बीजेपी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने बड़ा बयान दिया. उन्होंने हेमंत करकरे को शहीद मानने से इनकार कर दिया है. प्रज्ञा ने कहा कि 'उन्होंने मुझे गलत तरीके से फंसाया था. वे शहीद नहीं हुए हैं.'
भोपाल में मीडिया से बातचीत के दौरान साध्वी प्रज्ञा ने ये बात कही. उन्होंने कहा कि हेमंत करकरे को संन्यासियों का श्राप लगा था. उन्होंने कहा, ' मैंने कहा तेरा (मुंबई एटीएस चीफ हेमंत करकरे) सर्वनाश होगा. ठीक सवा महीने में सूतक लगा है, जिस दिन मैं गई थी, उस दिन इसको सूतक लग गया था और ठीक सवा महीने में इसको आतंकवादियों ने मारा और उसका अंत हो गया.'
प्रज्ञा ने कहा कि 'हेमंत करकरे को उन्होंने मुंबई बुलाया. मैं मुंबई जेल में थी उस समय. जांच जो बिठाई थी, सुरक्षा आयोग के सदस्य ने हेमंत करकरे को बुलाया और कहा कि जब सबूत नहीं है तुम्हारे पास तो साध्वीजी को छोड़ दो. सबूत नहीं है तो इनको रखना गलत है, गैरकानूनी है. वह व्यक्ति कहता है कि मैं कुछ भी करूंगा, मैं सबूत लेकर आऊंगा. कुछ भी करूंगा, बनाऊंगा करूंगा, इधर से लाऊंगा, उधर से लाऊंगा लेकिन मैं साध्वी को नहीं छोड़ूंगा.'
प्रज्ञा ने आगे कहा, 'यह उसकी कुटिलता थी. यह देशद्रोह था, यह धर्मविरुद्ध था.
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उधर महाराष्ट्र के सीएम देवेन्द्र फडणवीस ने एक चैनल पर कहा कि साध्वी प्रज्ञा की प्रताड़ना की जांच होगी. साध्वी के खिलाफ सारे मामले झूठे हैं.
बता दें, हेमंत करकरे मुंबई में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए थे. इसके अलावा करकरे ने मालेगांव बम ब्लास्ट मामले की जांच भी की थी, जिसमें साध्वी प्रज्ञा आरोपी हैं. हालांकि, उनकी चार्जशीट पर कई तरह के सवाल खड़े हुए थे.
26 नवंबर 2009 में शहीद हुए करकरे को भारत सरकार ने मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया था.