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पायलट के खेमे में 30 से ज्यादा विधायक, उपमुख्यमंत्री को देंगे पूरा समर्थन - उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट

कांग्रेस, उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच मनमुटाव को दूर कर पार्टी में शांति बनाए रखने की कोशिश कर रही है. ऐसा इसलिए ताकि पार्टी की सरकार के साथ-साथ खुद को और अधिक शर्मिंदगी से बचाया जा सके.

डिजाइन फोटो.
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Published : Jul 12, 2020, 4:22 PM IST

Updated : Jul 12, 2020, 9:42 PM IST

नई दिल्ली : राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और उनके खेमे के 25 विधायक जहां कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने के लिए दिल्ली में हैं, वहीं कांग्रेस पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच मनमुटाव को दूर कर पार्टी में शांति बनाए रखने की कोशिश कर रही है. सूत्रों ने बताया कि राजस्थान के 30 कांग्रेसी विधायक और कुछ निर्दलीय विधायक सचिन पायलट के संपर्क में हैं और उन्होंने कहा कि वे पायलट को अपना पूरा समर्थन देंगे.

वहीं, इस मामले पर भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट कर कहा कि यह देखकर दुख हो रहा है कि मेरे साथी सचिन पायलट को राजस्थान के मुख्यमंत्री द्वारा दरकिनार कर सताया जा रहा है. यह दिखाता है कि कांग्रेस को प्रतिभा और क्षमता पर विश्वास नहीं है.

rajasthan political crisis
सिंधिया का ट्वीट

यह जानकारी सूत्रों से रविवार को मिली. ऐसा कहा जा रहा है कि पायलट के खेमे के विधायक एनसीआर-दिल्ली क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर ठहरे हुए हैं. उनमें से करीब एक दर्जन विधायक गुरुग्राम के आईटीसी ग्रैंड में ठहरे हैं तो कुछ दिल्ली के आईटीसी मौर्य में रुके हैं.

इस बीच, सचिन पायलट पार्टी में अपने दोस्तों सहित किसी भी कांग्रेसी नेता का फोन कॉल नहीं उठा रहे हैं.

सूत्रों ने कहा कि उन्होंने शनिवार देर रात कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अहमद पटेल के साथ बात की थी. इस बीच पार्टी को शर्मिदगी से बचाने के लिए कांग्रेस दोनों खेमों को शांत करने की कोशिश कर रही है.

दूसरी ओर गहलोत खेमे का दावा है कि मुख्यमंत्री के पास राज्य विधानसभा में 103 विधायकों का समर्थन है.

इससे पहले एक रिपोर्ट में कहा गया था कि उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट शनिवार को दिल्ली में पार्टी प्रमुख से मिलने पहुंचे थे. उन्होंने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने के लिए वक्त की मांगा था.

सूत्रों के अनुसार, पायलट खेमे के सदस्य माने जाने वाले विधायक पी. आर. मीणा ने राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार द्वारा उनसे किए जाने वाले सौतेले व्यवहार से सोनिया गांधी को अवगत कराने के लिए उनसे मिलने की मांग की थी.

पढ़ें- राजस्थान का सियासी संकट गहराया, कांग्रेस के कुछ विधायक मानेसर पहुंचे

इस बीच मुख्यमंत्री गहलोत ने शनिवार देर रात जयपुर में अपने आधिकारिक आवास पर अपने मंत्रियों की बैठक बुलाई और सभी पार्टी विधायकों को उन्हें समर्थन पत्र देने को कहा. इस कार्य के लिए वरिष्ठ मंत्रियों को चुना गया है.

हालांकि पायलट खेमे के मंत्री इस बैठक में शामिल नहीं हुए.

नई दिल्ली : राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और उनके खेमे के 25 विधायक जहां कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने के लिए दिल्ली में हैं, वहीं कांग्रेस पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच मनमुटाव को दूर कर पार्टी में शांति बनाए रखने की कोशिश कर रही है. सूत्रों ने बताया कि राजस्थान के 30 कांग्रेसी विधायक और कुछ निर्दलीय विधायक सचिन पायलट के संपर्क में हैं और उन्होंने कहा कि वे पायलट को अपना पूरा समर्थन देंगे.

वहीं, इस मामले पर भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट कर कहा कि यह देखकर दुख हो रहा है कि मेरे साथी सचिन पायलट को राजस्थान के मुख्यमंत्री द्वारा दरकिनार कर सताया जा रहा है. यह दिखाता है कि कांग्रेस को प्रतिभा और क्षमता पर विश्वास नहीं है.

rajasthan political crisis
सिंधिया का ट्वीट

यह जानकारी सूत्रों से रविवार को मिली. ऐसा कहा जा रहा है कि पायलट के खेमे के विधायक एनसीआर-दिल्ली क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर ठहरे हुए हैं. उनमें से करीब एक दर्जन विधायक गुरुग्राम के आईटीसी ग्रैंड में ठहरे हैं तो कुछ दिल्ली के आईटीसी मौर्य में रुके हैं.

इस बीच, सचिन पायलट पार्टी में अपने दोस्तों सहित किसी भी कांग्रेसी नेता का फोन कॉल नहीं उठा रहे हैं.

सूत्रों ने कहा कि उन्होंने शनिवार देर रात कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अहमद पटेल के साथ बात की थी. इस बीच पार्टी को शर्मिदगी से बचाने के लिए कांग्रेस दोनों खेमों को शांत करने की कोशिश कर रही है.

दूसरी ओर गहलोत खेमे का दावा है कि मुख्यमंत्री के पास राज्य विधानसभा में 103 विधायकों का समर्थन है.

इससे पहले एक रिपोर्ट में कहा गया था कि उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट शनिवार को दिल्ली में पार्टी प्रमुख से मिलने पहुंचे थे. उन्होंने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने के लिए वक्त की मांगा था.

सूत्रों के अनुसार, पायलट खेमे के सदस्य माने जाने वाले विधायक पी. आर. मीणा ने राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार द्वारा उनसे किए जाने वाले सौतेले व्यवहार से सोनिया गांधी को अवगत कराने के लिए उनसे मिलने की मांग की थी.

पढ़ें- राजस्थान का सियासी संकट गहराया, कांग्रेस के कुछ विधायक मानेसर पहुंचे

इस बीच मुख्यमंत्री गहलोत ने शनिवार देर रात जयपुर में अपने आधिकारिक आवास पर अपने मंत्रियों की बैठक बुलाई और सभी पार्टी विधायकों को उन्हें समर्थन पत्र देने को कहा. इस कार्य के लिए वरिष्ठ मंत्रियों को चुना गया है.

हालांकि पायलट खेमे के मंत्री इस बैठक में शामिल नहीं हुए.

Last Updated : Jul 12, 2020, 9:42 PM IST
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